Connect with us

Blog

राहुल गांधी ने अमेरिका में दिया चीन पर ऐसा बयान, आगबबूला हुए अनुराग और चिराग पासवान

Published

on

Spread the love

[ad_1]

uhgdej0o_rahul-gandhi_625x300_09_September_24 राहुल गांधी ने अमेरिका में दिया चीन पर ऐसा बयान, आगबबूला हुए अनुराग और चिराग पासवान

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी इन दिनों अमेरिकी दौरे पर दिए अपने बयान को लेकर खबरों में है. दरअसल, यहां टेक्सास विश्वविद्यालय के छात्रों से उन्होंने कहा कि भारत में कौशल की कमी नहीं है, बल्कि कौशल रखने वालों का यहां सम्मान नहीं होता. ये कहते-कहते चीन के लिए उन्होंने ये भी कह डाला कि वैश्विक उत्पादन में चीन का प्रभुत्व है, वहां इसलिए बेरोजगारी नहीं है. विदेश के प्लेटफॉर्म पर भारत और चीन की तुलना हुई तो बीजेपी और एनडीए के कई नेताओं ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है.

राहुल गांधी बाहर जाकर भारत को बदनाम ना करें- अनुराग ठाकुर

बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि मुझे लगता है कि शायद कुछ लोगों को पढ़ने लिखने की आदत कम है. वे अपने समय के आंकड़े देख लें और एनडीए के समय के आंकड़ों को देखें, बड़ा अंतर है. हमने बेरोजगारी की दर को बहुत कम किया है. मैं कहना चाहता हूं कि राहुल गांधी बाहर जाकर भारत को बदनाम ना करें. दुनिया का जो विश्वास भारत पर बना है उससे हजारों लाख करोड़ का निवेश भारत में आ रहा है. दुनिया की उम्मीद भारत है.

विदेश में देश की बुराई करना राहुल गांधी की आदत – चिराग पासवान

नके इस बयान को लेकर चिराग पासवान ने भी हमला बोला है. चिराग ने कहा कि अमेरिका में राहुल ने चीन की तारीफ की और कहा कि रोजगार के मोर्चे पर भारत फेल हो रहा है. उन्हें अपने देश में सारी बुराइयां दिखती है. उन्हें लगता है दूसरे देशों में सब कुछ अच्छा चल रहा है. विदेश में जाकर अपने देश की बुराई करना उनकी आदत बन गई है.ये कहीं न कहीं गलत राजनीतिक परंपरा की शुरुआत है. माना सरकार और विपक्ष में आपसी मतभेद होते हैं, लेकिन विदेशी मंच पर जाकर अपने राजनीतिक मतभेदों को व्यक्तिगत राजनीतिक लाभ के लिए इस तरीके से इस्तेमाल करना उचित नहीं है.  आप भारत में विपक्ष के नेता भी हैं. आप सरकार के समक्ष अपना सुझाव रख सकते हैं, अपनी चिंताओं से सरकार को अवगत करवा सकते हैं, लेकिन ऐसे देश की बुराई करना कतई उचित नहीं है.

बता दें कि इंडियन ओवरसीज में कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने अपने बयान में कहा था कि राहुल गांधी ‘पप्पू’ नहीं हैं, वो गहरी सोच रखने वाले रणनीतिकार हैं. इस बयान को लेकर भी चिराग पासवान ने उन्हें घेरा है. उन्होंने कहा कि ये सारी सोच जनता के डोमेन में है.जनता तीसरी बार पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए को चुना है, जिससे साफ है कि सैम पित्रोदा जो कह रहे हैं भारत की जनता उससे इत्तेफाक नहीं रखती. अगर रखती होती तो तीसरी बार पीएम मोदी को पीएम नहीं चुनती.

राहुल गांधी चीन की ब्रांडिग कर रहे हैं- गिरिराज सिंह

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि राहुल गांधी चीन की ब्रांडिंग कर रहे हैं. आपके समय में रक्षा क्षेत्र में आयात ज्यादा था.अब हम निर्यात कर रहे हैं, आपके समय में निर्यात केवल 19 लाख करोड़ रुपये का था और अभी निर्यात 75 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है. इससे पता चलता है कि देश में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ रही है… आप(राहुल गांधी) विपक्ष के नेता होने के बावजूद चीन की ब्रांडिंग कर रहे हैं… जो कोई भी विदेश में भारत को गाली देता है, मेक इन इंडिया को गाली देता है, बढ़ते मैन्युफैक्चरिंग को गाली देता है, वो देश का दुश्मन होगा, वो विपक्ष का नेता नहीं हो सकता…”

कोई देशभक्त ऐसा नहीं कर सकता- शिवराज सिंह चौहान

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राहुल गांधी लगातार तीन बार हारने के बाद कुंठित हो गए हैं और देश की छवि खराब करके अमेरिका में अपनी कुंठा निकाल रहे हैं. देश के बाहर जाकर देश की छवि खराब करना देशद्रोह जैसा अपराध है. कोई देश भक्त ऐसा नहीं कर सकता. उन्होंने ये भी कहा कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की लेकिन भारत से जुड़ नहीं सके. वह भारत की जनता, भारत की संस्कृति, जीवन मूल्य और परंपराओं से भी नहीं जुड़ पाए.

जानें अमेरिका में क्या बोले-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने अमेरिका में महाभारत का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा कि महाभारत में युद्ध लड़ने की कला में निपुण गुरु द्रोणाचार्य से जब आदिवासी समुदाय से आने वाले एकलव्य ने धनुर्विद्या सीखने की इच्छा प्रकट की तो उन्होंने उससे उसका दाहिना अंगूठा मांग लिया. उन्होंने कहा कि कौशल का सम्मान करके तथा कुशल लोगों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान कर भारत की क्षमता को उभारा जा सकता है. उन्होंने कहा कि आप सिर्फ आबादी के एक-दो प्रतिशत लोगों को सशक्त बनाकर भारत की क्षमता में इजाफा नहीं कर सकते हैं.

राहुल गांधी ने ये भी कहा कि  भारत में उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किए जाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा है कि वैश्विक उत्पादन में चीन का प्रभुत्व है इसलिए वह बेरोजगारी का सामना नहीं कर रहा है जबकि भारत और अमेरिका समेत पश्चिमी देश बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं.




[ad_2]

Source link

Share this content:

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Blog

न्यायाधीशों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

Published

on

By

Spread the love

[ad_1]

mpojkr1k_court-generic-fourt-files-generic-files-in-court-pixabay_625x300_11_October_22 न्यायाधीशों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट


नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि न्यायाधीशों को एक संन्यासी की तरह जीवन जीना चाहिए और घोड़े की तरह काम करना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए और निर्णयों के बारे में कोई राय व्यक्त नहीं करनी चाहिए. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह मौखिक टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट की यह पीठ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दो महिला न्यायिक अधिकारियों की बर्खास्तगी से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी.

कोर्ट ने टिप्पणी की कि न्यायपालिका में दिखावटीपन के लिए कोई जगह नहीं है. पीठ ने कहा, ‘‘न्यायिक अधिकारियों को फेसबुक का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. उन्हें निर्णयों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि कल यदि निर्णय का हवाला दिया जाएगा, तो न्यायाधीश पहले ही किसी न किसी रूप में अपनी बात कह चुके होंगे.”

पीठ ने कहा, ‘‘यह एक खुला मंच है…आपको एक संत की तरह जीवन जीना होगा, पूरी मेहनत से काम करना होगा. न्यायिक अधिकारियों को बहुत सारे त्याग करने पड़ते हैं. उन्हें फेसबुक का बिल्कुल प्रयोग नहीं करना चाहिए.”

बर्खास्त महिला न्यायाधीशों में से एक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने पीठ के विचारों को दोहराते हुए कहा कि किसी भी न्यायिक अधिकारी या न्यायाधीश को न्यायिक कार्य से संबंधित कोई भी पोस्ट फेसबुक पर नहीं डालनी चाहिए.

यह टिप्पणी वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल, जो न्यायमित्र हैं, द्वारा बर्खास्त महिला न्यायाधीश के खिलाफ विभिन्न शिकायतों के बारे में पीठ के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के बाद आई. अग्रवाल ने पीठ को बताया कि महिला न्यायाधीश ने फेसबुक पर भी एक पोस्ट डाली थी.

ग्यारह नवंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने कथित असंतोषजनक प्रदर्शन के कारण राज्य सरकार द्वारा छह महिला सिविल न्यायाधीशों की बर्खास्तगी का स्वत: संज्ञान लिया था. हालांकि, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की पूर्ण अदालत ने एक अगस्त को अपने पहले के प्रस्तावों पर पुनर्विचार किया और चार अधिकारियों ज्योति वरकड़े, सुश्री सोनाक्षी जोशी, सुश्री प्रिया शर्मा और रचना अतुलकर जोशी को कुछ शर्तों के साथ बहाल करने का फैसला किया, जबकि अन्य दो अदिति कुमार शर्मा और सरिता चौधरी को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया.

शीर्ष अदालत उन न्यायाधीशों के मामलों पर विचार कर रही थी, जो क्रमशः 2018 और 2017 में मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा में शामिल हुए थे.
(इनपुट एजेंसियों से भी)

यह भी पढ़ें –

इलाहाबाद HC के जज ने ऐसा क्या कहा? उठी महाभियोग की मांग; जानिए पूरा मामला

महाभियोग से कैसे हटाए जाते हैं सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज, अब तक कितने प्रयास हुए हैं सफल 



[ad_2]

Source link

Share this content:

Continue Reading

Blog

अनुकूल नीतियों, कारोबारी सुगमता से बिहार अब निवेश का आकर्षक स्थल

Published

on

By

Spread the love

[ad_1]

240lhlho_nitish-kumar_625x300_30_August_24 अनुकूल नीतियों, कारोबारी सुगमता से बिहार अब निवेश का आकर्षक स्थल


पटना:

 विकास के लिहाज से पिछड़े राज्यों में आने वाले बिहार की तस्वीर अब बदल रही है. राज्य अब अनूकूल नीतियों तथा कारोबारी सुगमता की वजह से निवेश का आकर्षक स्थल बन रहा है. अदाणी समूह से लेकर कोका-कोला तक ने यहां अरबों डॉलर के निवेश की घोषणाएं की हैं. निवेश के लिए और भी कंपनियां यहां आने वाली हैं.

राज्य के उद्योग और पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा बिहार को एक ऐसे राज्य में बदल रहे हैं, जो पूर्वी भारत में निवेशकों के लिए प्रवेश द्वार बन सकता है. उनका कहना है, बिहार की औद्योगिक क्षमता असीमित है. बिहार धारणा का शिकार रहा है. लेकिन अब यह बदल रहा है.

अदाणी समूह ने राज्य में 8,700 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है, जबकि अंबुजा सीमेंट्स 1,200 करोड़ रुपये की इकाई स्थापित कर रही है. कोका-कोला अपनी बोतलबंद क्षमता का विस्तार कर रही है.

मिश्रा ने कहा कि राज्य निवेशकों को ब्याज छूट से लेकर राज्य जीएसटी की वापसी, स्टाम्प शुल्क छूट, निर्यात सब्सिडी और परिवहन, बिजली तथा भूमि शुल्क के लिए रियायतें प्रदान कर रहा है.

साथ ही न केवल अनुमोदन के समय बल्कि प्रोत्साहनों के वितरण में भी एकल खिड़की व्यवस्था के तहत मंजूरी दी जा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘किसी को सचिवालय आने की जरूरत नहीं है. किसी को सरकारी कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। हम जो भी वादा कर रहे हैं, उसे पूरा कर रहे हैं.”

उद्योग मंत्री ने कहा कि राजकोषीय प्रोत्साहनों का वितरण बिना किसी दरवाजे पर दस्तक दिए हर तिमाही में होता है. साथ ही किसी भी तरह की चूक से बचने के लिए नियमित निगरानी की जाती है.

उन्होंने कहा कि बिहार राज्य भर के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित पूरी तरह से तैयार लगभग 24 लाख वर्ग फुट औद्योगिक ‘शेड’ की पेशकश कर रहा है. उसमें सभी प्रकार का बुनियादी ढांचा उपलब्ध है. यह जगह किसी भी उद्योग के लिए निर्धारित दर पर उपलब्ध है. राज्य ने उद्योग स्थापित करने के लिए 3,000 एकड़ का भूमि बैंक भी बनाया है.

उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था की समस्या का समाधान किया गया है. साथ ही कोलकाता और हल्दिया में बंदरगाहों के साथ-साथ झारखंड जैसे पड़ोसी राज्यों में कच्चे माल के स्रोतों और खनिज भंडार तक पहुंचने के लिए बुनियादी ढांचे के साथ लगभग चौबीसों घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है.

मिश्रा ने कहा कि राज्य में 19-20 दिसंबर को होने वाले ‘बिजनेस कनेक्ट’ 2024 निवेशक शिखर सम्मेलन के दूसरे संस्करण में बिहार की नीतियों और उपलब्धियों का रखा जाएगा. उल्लेखनीय है कि निवेशक सम्मेलन का पहला संस्करण काफी सफल रहा था. उसमें निवेशकों ने 35,000 करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धताएं जताई थीं.

बिहार सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण, आईटी और आईटी-संबद्ध सेवाओं (आईटीईएस), कपड़ा और चमड़ा क्षेत्रों को उच्च प्राथमिकता के रूप में रखा है. उनमें से प्रत्येक में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग नीतियां हैं. इसके अलावा, सरकार एथनॉल और बायोगैस जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर भी बड़ा काम कर रही है.

मिश्रा ने कहा कि बिहार में बदलाव का श्रेय केंद्र और राज्य के मिलकर काम करने को जाता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली प्रगतिशील विचारधारा वाली केंद्र सरकार के साथ, क्षेत्रीय असंतुलन अब बीते दिनों की बात है. अब हर राज्य के पास मौका है.

मिश्रा ने कहा कि बिहार ने पिछले दो दशक में इस अवसर का लाभ उठाया है. एक राज्य जो लगातार कम वृद्धि दर के लिए जाना जाता था, अब राष्ट्रीय औसत से बेहतर वृद्धि दर हासिल कर रहा है.

राज्य ने सड़कों और राजमार्गों से लेकर गोदामों और बड़े फूड पार्क, चमड़ा प्रसंस्करण केंद्र, एकीकृत विनिर्माण संकुल और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क तक बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है. यह अब दो विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) का निर्माण कर रहा है.

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नीति अच्छी है और सौभाग्य से बिहार में हमारा नेतृत्व इतना अच्छा रहा है कि इन 19 साल में हमने बहुत अच्छा बुनियादी ढांचा बनाया है. सही मायने में बिहार निवेशकों के लिए तैयार है.”

बिहार की स्थिति विशिष्ट है. पूर्वी और उत्तरी भारत और नेपाल के विशाल बाजारों से निकटता के कारण बिहार को स्थान-विशेष का लाभ प्राप्त है. मूल रूप से कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाले राज्य के पास एक बड़ा कृषि और पशु उत्पादन आधार है. यह कृषि आधारित यानी खाद्य प्रसंस्करण, रेशम और चाय से लेकर चमड़े और गैर-धातु खनिजों तक कई उद्योगों के लिए कच्चे माल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति करता है.

इसके अलावा, पानी की कोई समस्या नहीं है और पर्याप्त संख्या में सस्ता श्रम उपलब्ध है. मिश्रा ने कहा, ‘‘ये हमारी मुख्य ताकत है और आने वाले दिनों में, बिहार में भारत के पूरे पूर्वी हिस्से के लिए वृद्धि का प्रमुख इंजन बनने की क्षमता है. यह बिहार का समय है.”

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

[ad_2]

Source link

Share this content:

Continue Reading

Blog

काल बना स्पीड ब्रेकर, हवा में उछली स्कूटर, सड़क पर घिसट गया शख्स… देखिए हैरान करने वाला VIDEO

Published

on

By

Spread the love

[ad_1]

a7l2srbg_dehradun_625x300_12_December_24 काल बना स्पीड ब्रेकर, हवा में उछली स्कूटर, सड़क पर घिसट गया शख्स... देखिए हैरान करने वाला VIDEO


नई दिल्ली:

देहरादून में घंटाघर के सामने बिना चिन्ह वाले स्पीड ब्रेकर से टकराने के बाद एक स्कूटर सवार हवा में उछला और इसके बाद वह सड़क पर गिरा. वह और उसकी स्कूटर कई मीटर तक सड़क पर सरकती हुई आगे गई. गनीमत रही कि स्कूटर सवार को कोई गंभीर चोट नहीं लगी. स्पीड ब्रेकर पर ड्राइवरों को सचेत करने के लिए उनकी मार्किंग नहीं की गई है जिसके कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

NDTV को मिले घटनास्थल के फुटेज में स्कूटर मध्यम गति से स्पीड ब्रेकर की ओर बढ़ती हुई दिख रही है. जैसे ही स्कूटर सवार स्पीड ब्रेकर से टकराता है, स्कूटर अप्रत्याशित रूप से हवा में उछल जाता है. वाहन चालक उछलकर नीचे गिर जाता है. वह कुछ देर रुकने के बाद उठता है और वहां से चला जाता है.

स्पीड ब्रेकर वाहनों की गति को नियंत्रित रखने के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन इनकी डिजाइन में दोषों के कारण यही स्पीड ब्रेकर कई दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं. देहरादून के इस स्पीड ब्रेकर की स्पष्ट मार्किंग नहीं की गई है. इसके अलावा यह अत्यधिक ऊंचा भी है. इससे चार पहियों वाले वाहनों के लिए इसे पार करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है.

उचित संकेतक और मार्किंग की कमी के कारण ड्राइवरों के लिए स्पीड ब्रेकर का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है. इससे यहां हादसे हो रहे हैं.

इस स्पीड ब्रेकर के कारण कथित तौर पर सात दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें तीन साल के एक बच्चे सहित दो लोग घायल हुए हैं.

स्पीड ब्रेकर के कारण हादसे का यह पहला मामला नहीं है. अक्टूबर में गुरुग्राम में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी. तब गोल्फ कोर्स रोड पर एक तेज रफ़्तार BMW कार नए बनाए गए स्पीड ब्रेकर पर से उछल गई थी.

कैमरे में कैद हुई इस घटना में कार जमीन से काफी ऊपर उछलती हुई दिखी थी. कार उस स्थान से करीब 15 फीट दूर जाकर गिरी थी. उसी वीडियो में दो ट्रक भी बिना किसी निशान वाले स्पीड ब्रेकर से टकराकर हवा में उछलते हुए देखे गए थे.

इस घटना को लेकर कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया पर हुई तीखी प्रतिक्रिया पर अधिकारियों ने कार्रवाई की थी. गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) ने ड्राइवरों को चेतावनी देने के लिए “आगे स्पीड ब्रेकर है” लिखा हुआ एक साइनबोर्ड लगवाया. उन्होंने स्पीड ब्रेकर की थर्मोप्लास्टिक व्हाइट पेंट से मार्किंग भी कराई थी. इस तरह पेंट करने से विशेष रूप से रात में स्पीड ब्रेकर साफ दिखाई देता है.




[ad_2]

Source link

Share this content:

Continue Reading

Trending

Copyright © 2017 Zox News Theme. Theme by MVP Themes, powered by WordPress.