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दिल्ली भी आया, सांसदी की शपथ भी ली, किसी को खबर नहीं हुई, जानिए अमृतपाल सिंह को कैसे लाया गया

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नई दिल्ली:

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को लोकसभा सांसद के तौर पर शुक्रवार को शपथ दिलाई गई. अमृतपाल को शपथ दिलाने के लिए असम के डिब्रूगढ़ जेल से दिल्ली लाया गया था. इसके लिए बकायदा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. मिल रही जानकारी के अनुसार अमृतपाल सिंह को शुक्रवार तड़के कड़ी सुरक्षा के बीच पहले  एयरपोर्ट लेकर लाया गया था. इस दौरान अमृतपाल सिंह की सुरक्षा में पंजाब पुलिस के आठ जवान तैनात हैं. अमृतपाल को जेल से एयरपोर्ट तक लाने और फिर दिल्ली की फ्लाइट पकड़ाने तक,  असम पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने भी सभी तरह के इंतजाम किए थे.  लोकसभा सांसद के तौर पर शपथ लेने के लिए कोर्ट ने अमृतपाल सिंह को चार दिन की पेरोल दी है. आपको बता दें कि अमृतपाल सिंह पंजाब के खडूर साहिब निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता है. 

कोर्ट ने सशर्त दी है पेरोल 

अमृतपाल सिंह को बतौर सांसद शपथ लेने के लिए कोर्ट ने सशर्त पेरोल दी है. पंजाब में अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी पैरोल आदेश में निर्धारित शर्तों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में रहने के दौरान सिंह, उनके रिश्तेदार या परिवार के सदस्य मीडिया में कोई बयान नहीं देंगे. अमृतपाल सिंह को पिछले साल 23 अप्रैल को अमृतसर से गिरफ्तार किया गया था. 

अमृतपाल सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख हैं. वह अपने नौ सहयोगियों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल में बंद हैं. अमृतपाल को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाली गतिविधियों से दूर रहें. पिछले महीने लोकसभा चुनाव में जीत के बाद जेल में बंद अमृतपाल सिंह से उनके माता-पिता तरसेम सिंह और बलविंदर कौर तथा पत्नी किरणदीप कौर ने मुलाकात की थी. 

अमृतपाल सिंह ने कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को हराकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खडूर साहिब सीट 1.97 लाख वोटों से जीती है. अमृतपाल और उनके एक रिश्तेदार सहित संगठन के दस सदस्य एक साल से अधिक समय से जेल में हैं. इन लोगों को पंजाब के विभिन्न हिस्सों से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था. 

किसी सेफ हाउस में रखे गए अमृतपाल 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अमृतपाल सिंह को बतौर सांसद शपथ दिलाने के बाद किसी सेफ हाउस में रखा गया है. कोर्ट के आदेश के तहत सेफ हाउस में उसके परिजन उससे मुलाकात तो कर सकते हैं लेकिन उसे लेकर किसी तरह का बयान मीडिया में नहीं देने की शर्त रखी गई है. 

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