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उनके लिए देश पहले… : उद्योगपतियों ने रतन टाटा के साथ NDTV से साझा किए अपनी मुलाकात के पल
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नई दिल्ली :
उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) का निधन हो गया है. देश के दिग्गज उद्योगपतियों ने उनके निधन पर शोक जताया है. कई उद्योगपतियों ने एनडीटीवी के साथ रतन टाटा के साथ बिताए पलों को साझा किया है और बताया है कि वे न सिर्फ बड़े उद्योगपति थे बल्कि बेहद विनम्र और महान इंसान भी थे. फिक्की की पूर्व प्रेसिडेंट डॉ. संगीता रेड्डी ने कहा कि यह पूरी दुनिया के लिए बड़ा नुकसान है. वहीं एनएसडीसी के सीईओ दिलीप चिनॉय ने कहा कि वो हमेशा देश के बारे में ही सोचते थे.
फिक्की की पूर्व प्रेसिडेंट डॉ. संगीता रेड्डी ने कहा कि रतन टाटा का जाना ना केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए दुख की खबर है. वो ना केवल शानदार बिजनेस पर्सन थे, बल्कि वो इंसानियत की प्रतिमा थे. उन्होंने सामाजिक क्षेत्रों में भी बहुत काम किया है.
टाटा परिवार के लिए यह मुश्किल वक्त : रेड्डी
उन्होंने कहा कि यह पूरी दुनिया के लिए बड़ा नुकसान है. हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि टाटा परिवार के लिए यह मुश्किल वक्त है और देश की संवेदनाएं उनके साथ हैं.
उनके साथ अपनी मुलाकात के अनुभव साझा करते हुए रेड्डी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मैं दो-तीन बार उनसे मिली हूं, उनसे बातचीत की है. वो बहुत बड़े आदमी थे, लेकिन हमेशा विनम्र रहते थे और हर किसी से अच्छे से जुड़ते थे.
डॉ. संगीता रेड्डी ने सुनाया रतन टाटा से जुड़ा किस्सा
उन्होंने बताया कि एक बार हम एक कार्यक्रम में थे. कार्यक्रम के बाद चार-पांच लोगों के साथ रूम में टी पर बुलाया था. उस समय उन्होंने मेरे पिताजी के बारे में पूछा. मेरे पिता की जीवन यात्रा की बहुत तारीफ कर रहे थे. मैंने कहा कि ये आपकी महानता है कि आप दूसरे लोगों की तारीफ कर रहे हैं, जबकि आपने इतने बड़े बड़े काम किए हैं. उन्होंने बहुत प्यार से कहा कि हम सब लोग एक यात्रा पर हैं. हम लोग बिजनेस करते हैं, जिससे हम अपने देश को बड़ा और महान बना सकें.
इसके बाद उन्होंने कहा कि आपके पिता ना केवल बिजनेस को आगे लेकर गए, बल्कि लोगों को स्वास्थ्य और जिंदगी दी है. उन्होंने मेरी आंखों में आंखें मिलाई और कहा कि आप और आपकी बहन इस यात्रा को जारी रख रही हैं. ये वाकया मुझे हमेशा याद रहेगा.
भारतीय समाज और उद्योगों प्रभाव : चिनॉय
एनएसडीसी के सीईओ दिलीप चिनॉय ने कहा कि रतन टाटा के निधन से देश को बड़ा नुकसान हुआ है. उनकी जो सोच, लीडरशिप और इंसानियत थी, उसने ना केवल रतन टाटा को महान बनाया बल्कि टाटा ग्रुप को भी एक अलग कंपनी बना दिया. उनका भारतीय समाज और उद्योगों पर काफी प्रभाव रहा है.
चिनॉय ने कहा कि वो टाटा ग्रुप को ग्लोबल मार्केट में लेकर गए. 1980-90 में कोई निवेश नहीं करता था, उस समय यह अमेरिका गए और IBM, AIG इंश्योंरेंस, पेप्सी जैसी कई कंपनियों के साथ बड़े ज्वाइंट वेंचर किए. उन्होंने कहा कि एक तरह से उन्होंने भारत को निवेश का एक अच्छा डेस्टिनेशन बनाया. उनके बारे में कहा जाता है कि वो देश के बारे में ही सोचते थे, उसके बाद ही कुछ और काम करते थे.
युवा उद्यमियों को किया सपोर्ट : चिनॉय
उन्होंने कहा कि यंग एंटरप्नॉयर्स जो स्टार्टअप लेकर आ रहे थे, रतन टाटा उन्हें सपोर्ट करते थे. उन्होंने काफी ज्यादा स्टार्टअप में निवेश किया और उन्हें मेंटर किया. उन्होंने नई जनेरेशन में लीडरशिप पैदा की.
उन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के दौरान वहां खड़े होकर पूरे देश के लिए जिम्मेदारी दिखाई. ये बड़ी मिसाल है. उन्होंने कहा कि आज के एंटरप्नॉयर्स और लीडर्स इससे आगे चलकर एक सबक लें.
उन्होंने कहा कि 80-90 में उनसे काफी मुलाकात हुई थी. उनके साथ ट्रेवल करने का मौका भी मिला था. मुझे याद है कि जब नैनो लॉन्च होने वाली थी तो उस वक्त इस कार की काफी चर्चा थी. उस वक्त उन्होंने काफी शांति और बड़े सोच समझकर बात की थी. पूरी दुनिया और हर देश में लोग उन्हें जानते थे और उनका सम्मान करते थे. सीआईआई ने उनकी लीडरशिप में बुलंदियों को छुआ था. साथ ही वो एक बहुत ही विनम्र और अच्छे इंसान थे और सबका ख्याल रखते थे.
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न्यायाधीशों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि न्यायाधीशों को एक संन्यासी की तरह जीवन जीना चाहिए और घोड़े की तरह काम करना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए और निर्णयों के बारे में कोई राय व्यक्त नहीं करनी चाहिए. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह मौखिक टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट की यह पीठ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दो महिला न्यायिक अधिकारियों की बर्खास्तगी से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी.
कोर्ट ने टिप्पणी की कि न्यायपालिका में दिखावटीपन के लिए कोई जगह नहीं है. पीठ ने कहा, ‘‘न्यायिक अधिकारियों को फेसबुक का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. उन्हें निर्णयों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि कल यदि निर्णय का हवाला दिया जाएगा, तो न्यायाधीश पहले ही किसी न किसी रूप में अपनी बात कह चुके होंगे.”
पीठ ने कहा, ‘‘यह एक खुला मंच है…आपको एक संत की तरह जीवन जीना होगा, पूरी मेहनत से काम करना होगा. न्यायिक अधिकारियों को बहुत सारे त्याग करने पड़ते हैं. उन्हें फेसबुक का बिल्कुल प्रयोग नहीं करना चाहिए.”
बर्खास्त महिला न्यायाधीशों में से एक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने पीठ के विचारों को दोहराते हुए कहा कि किसी भी न्यायिक अधिकारी या न्यायाधीश को न्यायिक कार्य से संबंधित कोई भी पोस्ट फेसबुक पर नहीं डालनी चाहिए.
यह टिप्पणी वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल, जो न्यायमित्र हैं, द्वारा बर्खास्त महिला न्यायाधीश के खिलाफ विभिन्न शिकायतों के बारे में पीठ के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के बाद आई. अग्रवाल ने पीठ को बताया कि महिला न्यायाधीश ने फेसबुक पर भी एक पोस्ट डाली थी.
ग्यारह नवंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने कथित असंतोषजनक प्रदर्शन के कारण राज्य सरकार द्वारा छह महिला सिविल न्यायाधीशों की बर्खास्तगी का स्वत: संज्ञान लिया था. हालांकि, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की पूर्ण अदालत ने एक अगस्त को अपने पहले के प्रस्तावों पर पुनर्विचार किया और चार अधिकारियों ज्योति वरकड़े, सुश्री सोनाक्षी जोशी, सुश्री प्रिया शर्मा और रचना अतुलकर जोशी को कुछ शर्तों के साथ बहाल करने का फैसला किया, जबकि अन्य दो अदिति कुमार शर्मा और सरिता चौधरी को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया.
शीर्ष अदालत उन न्यायाधीशों के मामलों पर विचार कर रही थी, जो क्रमशः 2018 और 2017 में मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा में शामिल हुए थे.
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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अनुकूल नीतियों, कारोबारी सुगमता से बिहार अब निवेश का आकर्षक स्थल
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पटना:
विकास के लिहाज से पिछड़े राज्यों में आने वाले बिहार की तस्वीर अब बदल रही है. राज्य अब अनूकूल नीतियों तथा कारोबारी सुगमता की वजह से निवेश का आकर्षक स्थल बन रहा है. अदाणी समूह से लेकर कोका-कोला तक ने यहां अरबों डॉलर के निवेश की घोषणाएं की हैं. निवेश के लिए और भी कंपनियां यहां आने वाली हैं.
राज्य के उद्योग और पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा बिहार को एक ऐसे राज्य में बदल रहे हैं, जो पूर्वी भारत में निवेशकों के लिए प्रवेश द्वार बन सकता है. उनका कहना है, बिहार की औद्योगिक क्षमता असीमित है. बिहार धारणा का शिकार रहा है. लेकिन अब यह बदल रहा है.
मिश्रा ने कहा कि राज्य निवेशकों को ब्याज छूट से लेकर राज्य जीएसटी की वापसी, स्टाम्प शुल्क छूट, निर्यात सब्सिडी और परिवहन, बिजली तथा भूमि शुल्क के लिए रियायतें प्रदान कर रहा है.
साथ ही न केवल अनुमोदन के समय बल्कि प्रोत्साहनों के वितरण में भी एकल खिड़की व्यवस्था के तहत मंजूरी दी जा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘किसी को सचिवालय आने की जरूरत नहीं है. किसी को सरकारी कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। हम जो भी वादा कर रहे हैं, उसे पूरा कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि बिहार राज्य भर के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित पूरी तरह से तैयार लगभग 24 लाख वर्ग फुट औद्योगिक ‘शेड’ की पेशकश कर रहा है. उसमें सभी प्रकार का बुनियादी ढांचा उपलब्ध है. यह जगह किसी भी उद्योग के लिए निर्धारित दर पर उपलब्ध है. राज्य ने उद्योग स्थापित करने के लिए 3,000 एकड़ का भूमि बैंक भी बनाया है.
उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था की समस्या का समाधान किया गया है. साथ ही कोलकाता और हल्दिया में बंदरगाहों के साथ-साथ झारखंड जैसे पड़ोसी राज्यों में कच्चे माल के स्रोतों और खनिज भंडार तक पहुंचने के लिए बुनियादी ढांचे के साथ लगभग चौबीसों घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है.
बिहार सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण, आईटी और आईटी-संबद्ध सेवाओं (आईटीईएस), कपड़ा और चमड़ा क्षेत्रों को उच्च प्राथमिकता के रूप में रखा है. उनमें से प्रत्येक में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग नीतियां हैं. इसके अलावा, सरकार एथनॉल और बायोगैस जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर भी बड़ा काम कर रही है.
मिश्रा ने कहा कि बिहार में बदलाव का श्रेय केंद्र और राज्य के मिलकर काम करने को जाता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली प्रगतिशील विचारधारा वाली केंद्र सरकार के साथ, क्षेत्रीय असंतुलन अब बीते दिनों की बात है. अब हर राज्य के पास मौका है.
मिश्रा ने कहा कि बिहार ने पिछले दो दशक में इस अवसर का लाभ उठाया है. एक राज्य जो लगातार कम वृद्धि दर के लिए जाना जाता था, अब राष्ट्रीय औसत से बेहतर वृद्धि दर हासिल कर रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नीति अच्छी है और सौभाग्य से बिहार में हमारा नेतृत्व इतना अच्छा रहा है कि इन 19 साल में हमने बहुत अच्छा बुनियादी ढांचा बनाया है. सही मायने में बिहार निवेशकों के लिए तैयार है.”
बिहार की स्थिति विशिष्ट है. पूर्वी और उत्तरी भारत और नेपाल के विशाल बाजारों से निकटता के कारण बिहार को स्थान-विशेष का लाभ प्राप्त है. मूल रूप से कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाले राज्य के पास एक बड़ा कृषि और पशु उत्पादन आधार है. यह कृषि आधारित यानी खाद्य प्रसंस्करण, रेशम और चाय से लेकर चमड़े और गैर-धातु खनिजों तक कई उद्योगों के लिए कच्चे माल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति करता है.
इसके अलावा, पानी की कोई समस्या नहीं है और पर्याप्त संख्या में सस्ता श्रम उपलब्ध है. मिश्रा ने कहा, ‘‘ये हमारी मुख्य ताकत है और आने वाले दिनों में, बिहार में भारत के पूरे पूर्वी हिस्से के लिए वृद्धि का प्रमुख इंजन बनने की क्षमता है. यह बिहार का समय है.”
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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काल बना स्पीड ब्रेकर, हवा में उछली स्कूटर, सड़क पर घिसट गया शख्स… देखिए हैरान करने वाला VIDEO
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नई दिल्ली:
देहरादून में घंटाघर के सामने बिना चिन्ह वाले स्पीड ब्रेकर से टकराने के बाद एक स्कूटर सवार हवा में उछला और इसके बाद वह सड़क पर गिरा. वह और उसकी स्कूटर कई मीटर तक सड़क पर सरकती हुई आगे गई. गनीमत रही कि स्कूटर सवार को कोई गंभीर चोट नहीं लगी. स्पीड ब्रेकर पर ड्राइवरों को सचेत करने के लिए उनकी मार्किंग नहीं की गई है जिसके कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
NDTV को मिले घटनास्थल के फुटेज में स्कूटर मध्यम गति से स्पीड ब्रेकर की ओर बढ़ती हुई दिख रही है. जैसे ही स्कूटर सवार स्पीड ब्रेकर से टकराता है, स्कूटर अप्रत्याशित रूप से हवा में उछल जाता है. वाहन चालक उछलकर नीचे गिर जाता है. वह कुछ देर रुकने के बाद उठता है और वहां से चला जाता है.
स्पीड ब्रेकर वाहनों की गति को नियंत्रित रखने के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन इनकी डिजाइन में दोषों के कारण यही स्पीड ब्रेकर कई दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं. देहरादून के इस स्पीड ब्रेकर की स्पष्ट मार्किंग नहीं की गई है. इसके अलावा यह अत्यधिक ऊंचा भी है. इससे चार पहियों वाले वाहनों के लिए इसे पार करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है.
उचित संकेतक और मार्किंग की कमी के कारण ड्राइवरों के लिए स्पीड ब्रेकर का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है. इससे यहां हादसे हो रहे हैं.
इस स्पीड ब्रेकर के कारण कथित तौर पर सात दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें तीन साल के एक बच्चे सहित दो लोग घायल हुए हैं.
स्पीड ब्रेकर के कारण हादसे का यह पहला मामला नहीं है. अक्टूबर में गुरुग्राम में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी. तब गोल्फ कोर्स रोड पर एक तेज रफ़्तार BMW कार नए बनाए गए स्पीड ब्रेकर पर से उछल गई थी.
कैमरे में कैद हुई इस घटना में कार जमीन से काफी ऊपर उछलती हुई दिखी थी. कार उस स्थान से करीब 15 फीट दूर जाकर गिरी थी. उसी वीडियो में दो ट्रक भी बिना किसी निशान वाले स्पीड ब्रेकर से टकराकर हवा में उछलते हुए देखे गए थे.
इस घटना को लेकर कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया पर हुई तीखी प्रतिक्रिया पर अधिकारियों ने कार्रवाई की थी. गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) ने ड्राइवरों को चेतावनी देने के लिए “आगे स्पीड ब्रेकर है” लिखा हुआ एक साइनबोर्ड लगवाया. उन्होंने स्पीड ब्रेकर की थर्मोप्लास्टिक व्हाइट पेंट से मार्किंग भी कराई थी. इस तरह पेंट करने से विशेष रूप से रात में स्पीड ब्रेकर साफ दिखाई देता है.
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