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इजरायल के PM का बड़ा ऐलान- हिज्बुल्लाह के साथ सीजफायर के लिए कैबिनेट से की सिफारिश
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नई दिल्ली:
इजरायल और लेबनान के बीच जारी संघर्ष जल्द ही थम सकता है. लेबनान के साथ संघर्ष विराम डील को लेकर इजरायल तैयार हो गया है. इसके बाद यह समझौता जल्द ही प्रभाव में आने की उम्मीद है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इजरायल की सरकार के तहत देश की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था सुरक्षा कैबिनेट युद्धविराम के लिए सहमत हो गई है. इससे पहले, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की है कि वह हिज्बुल्लाह के साथ संघर्ष विराम के प्रस्ताव को मंजूरी के लिए अपनी कैबिनेट के पास भेजेंगे, जिससे पिछले 14 महीने से जारी जंग के खात्मे का मंच तैयार हो सकता है.
मिडिल ईस्ट स्पेक्टेटर के मुताबिक, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की कि इजरायल, लेबनान में हिज्बुल्लाह के साथ अस्थायी युद्धविराम स्वीकार करेगा, उन्होंने कहा कि इस युद्ध में इजरायल ने ‘बहुत कुछ हासिल किया’ है. साथ ही नेतन्याहू ने कहा कि लेबनान में इस युद्धविराम के दौरान, हम ईरानी खतरे पर ध्यान केंद्रित करेंगे.
इसके साथ ही नेतन्याहू ने हिज्बुल्लाह के साथ युद्धविराम समझौते को लेकर बातचीत के पीछे तीन कारण बताए हैं. उन्होंने कहा कि हम ईरान के खतरे पर ध्यान केंद्रित करेंगे. मैं इसके बारे में विस्तार से नहीं बताऊंगा. साथ ही कहा कि उन्होंने हथियारों की आपूर्ति में देरी को कारण बताया. हालांकि कहा कि इसे जल्द ही हल कर लिया जाएगा. तीसरे कारण के बारे में उन्होंने हमास को अलग-थलग करना बताया है.
नेतन्याहू ने रविवार रात इजरायली अधिकारियों के साथ सुरक्षा परामर्श के दौरान हिजबुल्लाह के साथ युद्धविराम के लिए अपनी संभावित स्वीकृति का संकेत दिया था. नेतन्याहू के प्रवक्ता ने कहा था कि इजरायली कैबिनेट मंगलवार को प्रस्तावित समझौते पर मतदान करेगी और इसके पारित होने की उम्मीद है. हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया था कि इजरायल को समझौते के कुछ विवरणों पर संदेह था. कई मुद्दों को लेकर बातचीत के बाद ये समझौता फाइनल हुआ है.
इजरायल पिछले कुछ वक्त से ईरान समर्थित आतंकवादी समूह हिज्बुल्लाह के साथ कई महीनों से युद्ध में हैं. हिज्बुल्लाह ने एक साल से अधिक वक्त पहले इजरायल पर रॉकेट और प्रोजेक्टाइल से हमला करना शुरू किया था, जिसके बाद तेल अवीव ने जवाबी कार्रवाई की. हिज्बुल्लाह ईरान समर्थित एक अन्य आतंकवादी समूह हमास का समर्थन करता रहा है, जिसे वह अपना सहयोगी मानता है.
इजरायल और हमास अक्टूबर 2023 से युद्ध में हैं, जब हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया था और कई इजरायली नागरिकों को बंधक बना लिया था. इजरायल द्वारा आतंकवादी हमले का जवाब देने के बाद युद्ध शुरू हुआ था. उसके बाद से ही पश्चिम एशिया में युद्ध के कारण इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विनाश हुआ और हजारों लोगों की मौत हो गई थी.
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