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Delhi School News 2024 : School मे बम की खबर की दहशत से दहल उठा दिल्ली के यह स्कूल
Delhi School News : बम की दहशत से दहल उठा दिल्ली का स्कूल एक चौंकाने वाली घटना में, दिल्ली के एक स्कूल में बम की अफवाह फैल गई, जिससे छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों में दहशत फैल गई। अधिकारियों ने परिसर में मौजूद सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए, खतरनाक स्थिति पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। यह घटना आज पहले सामने आई जब स्कूल परिसर में बम रखे जाने की एक अज्ञात धमकी मिली। एहतियात के तौर पर स्कूल को तुरंत खाली करा लिया गया और आवश्यक अधिकारियों को सतर्क कर दिया गया।

Delhi School News : क्या दिल्ली के स्कूलों में वाकई बम थे? जांच में जुटी पुलिस, अभिभावकों में खौफ
स्थानीय पुलिस और बम निरोधक दस्ते सहित कानून प्रवर्तन एजेंसियां स्थिति का आकलन करने और परिसर की गहन तलाशी लेने के लिए तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं। इस बीच, माता-पिता उत्सुकता से अपने बच्चों की भलाई के बारे में आश्वासन पाने के लिए स्कूल के बाहर जमा हो गए। सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखने और चल रही जांच को सुविधाजनक बनाने के लिए पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर दी गई थी। हालांकि खतरे का स्रोत और विश्वसनीयता अभी तक निर्धारित नहीं की गई है, स्कूल प्रशासन और स्थानीय अधिकारी त्वरित और गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए गए हैं, और छात्रों को घटना के भावनात्मक प्रभाव से निपटने में मदद करने के लिए परामर्श सत्र की व्यवस्था की जाएगी।
Delhi School News 1 मई: काली सुबह दिल्ली के स्कूलों में, बम की धमकी से मची अफरातफरी
हमें स्कूल में बम होने की धमकी की खबर मिली है. सभी छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। कृपया स्थापित आपातकालीन प्रोटोकॉल का पालन करें और अधिकारियों के साथ सहयोग करें।
दिल्ली, 1 मई 2024: आज सुबह दिल्ली के स्कूल में बम की धमकी से हड़कंप मच गया। धमकी भरा ईमेल मिलने के बाद स्कूल प्रशासन ने तुरंत पुलिस को सूचित किया और सभी छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
बम निरोधक दल और पुलिस मौके पर पहुंचे और स्कूल की पूरी तरह से तलाशी ली। हालांकि, उन्हें कहीं भी बम नहीं मिला। पुलिस ने ईमेल पर धमकी देने वाले व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी है।
घटना का विवरण:
Delhi School News सुबह स्कूल मे प्रार्थना होने के बाद स्कूल के पहले पीरियड लगते ही जब स्कूल प्रशासन ने अपना ईमेल चेक किया ओर स्कूल के प्रिंसिपल को एक अज्ञात व्यक्ति का ईमेल प्राप्त हुआ । ईमेल करने वाले ने कहा कि स्कूल में बम लगा हुआ है और कुछ ही देर में धमाका हो जाएगा। इस धमकी के बाद स्कूल प्रशासन ने तुरंत पुलिस को फोन किया और सभी छात्रों को इमारत से बाहर निकाल दिया गया।
छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल के मैदान में सुरक्षित स्थान पर इकट्ठा कराया गया। बम निरोधक दल और पुलिस ने स्कूल की पूरी इमारत की तलाशी ली, लेकिन उन्हें कहीं भी बम नहीं मिला।
पुलिस जांच: Delhi School News
पुलिस ने धमकी देने वाले व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी है। वे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं और स्कूल के आसपास के लोगों से पूछताछ कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि वे इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और जल्द ही दोषी को पकड़ लिया जाएगा।
स्कूल प्रशासन की प्रतिक्रिया: Delhi School News
स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि वे इस घटना से बहुत चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि वे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं। उन्होंने अभिभावकों से भी आग्रह किया कि वे अपने बच्चों से बात करें और उन्हें किसी भी संदिग्ध गतिविधि के बारे में बताने के लिए प्रोत्साहित करें।
यह घटना दिल्ली में स्कूलों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है। यह जरूरी है कि स्कूल प्रशासन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित सुरक्षा उपाय करें।
यह घटना दिल्ली में शिक्षा समुदाय के लिए एक चिंता का विषय है।
अगर आपके पास इस घटना के बारे में कोई जानकारी है तो कृपया पुलिस से संपर्क करें।
दिल्ली स्कूल बम धमकी: अभिभावकों की प्रतिक्रियाएं और स्कूल प्रशासन का बयान
माता-पिता की प्रतिक्रियाएं:
दिल्ली के [स्कूल का नाम] में बम की धमकी के बाद अभिभावकों में भारी गुस्सा और चिंता देखी गई। कई अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहे हैं। कुछ का कहना है कि स्कूल प्रशासन को धमकी को अधिक गंभीरता से लेना चाहिए था और छात्रों को तुरंत निकालने के बजाय इंतजार करना चाहिए था।
कुछ अभिभावकों ने स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि स्कूल में पर्याप्त सुरक्षा गार्ड नहीं हैं और सीसीटीवी कैमरे भी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।
कुछ माता-पिता ने यह भी मांग की है कि स्कूल प्रशासन इस घटना की पूरी जांच करवाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
स्कूल प्रशासन का बयान:
स्कूल प्रशासन ने इस घटना पर माफी मांगी है और कहा है कि वे छात्रों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि वे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे।
स्कूल प्रिंसिपल ने कहा कि धमकी भरा कॉल मिलने के बाद उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया और सभी छात्रों को इमारत से बाहर निकाल दिया गया। उन्होंने कहा कि बम निरोधक दल ने पूरी इमारत की तलाशी ली, लेकिन उन्हें कहीं भी बम नहीं मिला।
प्रिंसिपल ने कहा कि वे इस घटना की जांच करवा रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि वे स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कदम उठा रहे हैं।
इस पूरे मामले पर:
यह घटना दिल्ली में स्कूलों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है। यह जरूरी है कि स्कूल प्रशासन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित सुरक्षा उपाय करें।
इस घटना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे:
- अभिभावकों की चिंताएं: अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और स्कूल प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं।
- सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल: कुछ अभिभावकों ने स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
- जांच और कार्रवाई: स्कूल प्रशासन इस घटना की जांच करवा रहा है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- सुरक्षा उपायों को मजबूत करना: स्कूल प्रशासन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को मजबूत करेगा।
यह घटना निश्चित रूप से दिल्ली के शिक्षा समुदाय के लिए चिंता का विषय है। यह जरूरी है कि सभी मिलकर काम करें और स्कूलों को बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान बनाएं।
दिल्ली स्कूल बम धमकी: क्या धमकी देने वाले पकड़े गए? क्या अब स्कूल सुरक्षित है?
दिल्ली के स्कूल में बम की धमकी के बाद अभिभावकों, शिक्षकों और छात्रों में डर और चिंता का माहौल है। इस घटना के बाद कई सवाल उठ रहे हैं, जैसे कि धमकी देने वालों को पकड़ा गया है या नहीं, और क्या अब स्कूल सुरक्षित है?
धमकी देने वालों की गिरफ्तारी:
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और धमकी देने वाले व्यक्तियों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं और स्कूल के आसपास के लोगों से पूछताछ की है।
हालांकि, अभी तक किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस का कहना है कि वे इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और जल्द ही दोषियों को पकड़ लिया जाएगा।
स्कूल की सुरक्षा:
बम की धमकी के बाद स्कूल प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर दिया है। स्कूल में अब अधिक सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं और सीसीटीवी कैमरों की संख्या भी बढ़ा दी गई है।
स्कूल प्रशासन ने यह भी कहा है कि वे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे।
हालांकि, कुछ अभिभावक अभी भी स्कूल की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उनका कहना है कि जब तक धमकी देने वालों को पकड़ नहीं लिया जाता, तब तक उनके बच्चों की सुरक्षा को लेकर खतरा बना रहेगा।
क्या स्कूल अब सुरक्षित है?
यह कहना अभी मुश्किल है कि स्कूल अब पूरी तरह से सुरक्षित है या नहीं। स्कूल प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर दिया है, लेकिन फिर भी कुछ खतरे हो सकते हैं। अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बच्चों से बात करें और उन्हें किसी भी संदिग्ध गतिविधि के बारे में बताने के लिए प्रोत्साहित करें।
इस घटना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:
- धमकी देने वालों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
- स्कूल प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर दिया है।
- कुछ अभिभावक अभी भी स्कूल की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
- यह कहना अभी मुश्किल है कि स्कूल अब पूरी तरह से सुरक्षित है या नहीं।
- अभिभावकों को अपने बच्चों से बात करनी चाहिए और उन्हें किसी भी संदिग्ध गतिविधि के बारे में बताने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
- सभी को मिलकर काम करना चाहिए और स्कूलों को बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान बनाना चाहिए।
दिल्ली-NCR के स्कूलों को बम की धमकी: 1 मई 2024 की घटना का सार
दिल्ली और NCR के 50 से अधिक स्कूल, जिनमें शामिल हैं:
- दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS), द्वारका
- संस्कृति स्कूल
- मदर मेरी स्कूल, मयूर विहार फेज 1
- (47 और स्कूलों के नाम)
धमकी का तरीका:
- सभी स्कूलों को बुधवार, 1 मई 2024 को सुबह 4:30 बजे के आसपास ईमेल द्वारा धमकी भरे संदेश मिले।
- संदेशों में दावा किया गया था कि स्कूलों में विस्फोटक उपकरण रखे गए हैं।
प्रभाव:
- स्कूलों में तत्काल हड़कंप मच गया और उन्हें खाली करा दिया गया।
- अभिभावकों को सूचित किया गया और छात्रों को घर भेज दिया गया।
- दिल्ली पुलिस को सूचित किया गया और उन्होंने तुरंत जांच शुरू कर दी।
पुलिस जांच:
- दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सभी स्कूलों में बम की धमकी की जांच की।
- स्कूल परिसरों की गहन तलाशी ली गई, लेकिन कोई विस्फोटक उपकरण नहीं मिला।
- पुलिस ने धमकी भरे ईमेल की जांच शुरू कर दी है और धमकी देने वालों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
अतिरिक्त जानकारी:
- यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली-NCR के स्कूलों को बम की धमकी मिली है।
- पिछले साल, कई स्कूलों को इसी तरह की धमकियां मिली थीं, जिनमें से कोई भी सच नहीं निकली थीं।
- दिल्ली पुलिस ने स्कूलों और अभिभावकों को सलाह दी है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
निष्कर्ष:
1 मई 2024 को दिल्ली-NCR के कई स्कूलों को मिली बम की धमकी एक गंभीर घटना है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और धमकी देने वालों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। स्कूलों और अभिभावकों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने की सलाह दी जाती है।
यह घटना निश्चित रूप से दिल्ली के शिक्षा समुदाय के लिए चिंता का विषय है। यह जरूरी है कि सभी मिलकर काम करें और ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए कदम उठाएं।
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न्यायाधीशों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि न्यायाधीशों को एक संन्यासी की तरह जीवन जीना चाहिए और घोड़े की तरह काम करना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए और निर्णयों के बारे में कोई राय व्यक्त नहीं करनी चाहिए. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह मौखिक टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट की यह पीठ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दो महिला न्यायिक अधिकारियों की बर्खास्तगी से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी.
कोर्ट ने टिप्पणी की कि न्यायपालिका में दिखावटीपन के लिए कोई जगह नहीं है. पीठ ने कहा, ‘‘न्यायिक अधिकारियों को फेसबुक का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. उन्हें निर्णयों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि कल यदि निर्णय का हवाला दिया जाएगा, तो न्यायाधीश पहले ही किसी न किसी रूप में अपनी बात कह चुके होंगे.”
पीठ ने कहा, ‘‘यह एक खुला मंच है…आपको एक संत की तरह जीवन जीना होगा, पूरी मेहनत से काम करना होगा. न्यायिक अधिकारियों को बहुत सारे त्याग करने पड़ते हैं. उन्हें फेसबुक का बिल्कुल प्रयोग नहीं करना चाहिए.”
बर्खास्त महिला न्यायाधीशों में से एक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने पीठ के विचारों को दोहराते हुए कहा कि किसी भी न्यायिक अधिकारी या न्यायाधीश को न्यायिक कार्य से संबंधित कोई भी पोस्ट फेसबुक पर नहीं डालनी चाहिए.
यह टिप्पणी वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल, जो न्यायमित्र हैं, द्वारा बर्खास्त महिला न्यायाधीश के खिलाफ विभिन्न शिकायतों के बारे में पीठ के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के बाद आई. अग्रवाल ने पीठ को बताया कि महिला न्यायाधीश ने फेसबुक पर भी एक पोस्ट डाली थी.
ग्यारह नवंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने कथित असंतोषजनक प्रदर्शन के कारण राज्य सरकार द्वारा छह महिला सिविल न्यायाधीशों की बर्खास्तगी का स्वत: संज्ञान लिया था. हालांकि, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की पूर्ण अदालत ने एक अगस्त को अपने पहले के प्रस्तावों पर पुनर्विचार किया और चार अधिकारियों ज्योति वरकड़े, सुश्री सोनाक्षी जोशी, सुश्री प्रिया शर्मा और रचना अतुलकर जोशी को कुछ शर्तों के साथ बहाल करने का फैसला किया, जबकि अन्य दो अदिति कुमार शर्मा और सरिता चौधरी को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया.
शीर्ष अदालत उन न्यायाधीशों के मामलों पर विचार कर रही थी, जो क्रमशः 2018 और 2017 में मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा में शामिल हुए थे.
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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अनुकूल नीतियों, कारोबारी सुगमता से बिहार अब निवेश का आकर्षक स्थल
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पटना:
विकास के लिहाज से पिछड़े राज्यों में आने वाले बिहार की तस्वीर अब बदल रही है. राज्य अब अनूकूल नीतियों तथा कारोबारी सुगमता की वजह से निवेश का आकर्षक स्थल बन रहा है. अदाणी समूह से लेकर कोका-कोला तक ने यहां अरबों डॉलर के निवेश की घोषणाएं की हैं. निवेश के लिए और भी कंपनियां यहां आने वाली हैं.
राज्य के उद्योग और पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा बिहार को एक ऐसे राज्य में बदल रहे हैं, जो पूर्वी भारत में निवेशकों के लिए प्रवेश द्वार बन सकता है. उनका कहना है, बिहार की औद्योगिक क्षमता असीमित है. बिहार धारणा का शिकार रहा है. लेकिन अब यह बदल रहा है.
मिश्रा ने कहा कि राज्य निवेशकों को ब्याज छूट से लेकर राज्य जीएसटी की वापसी, स्टाम्प शुल्क छूट, निर्यात सब्सिडी और परिवहन, बिजली तथा भूमि शुल्क के लिए रियायतें प्रदान कर रहा है.
साथ ही न केवल अनुमोदन के समय बल्कि प्रोत्साहनों के वितरण में भी एकल खिड़की व्यवस्था के तहत मंजूरी दी जा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘किसी को सचिवालय आने की जरूरत नहीं है. किसी को सरकारी कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। हम जो भी वादा कर रहे हैं, उसे पूरा कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि बिहार राज्य भर के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित पूरी तरह से तैयार लगभग 24 लाख वर्ग फुट औद्योगिक ‘शेड’ की पेशकश कर रहा है. उसमें सभी प्रकार का बुनियादी ढांचा उपलब्ध है. यह जगह किसी भी उद्योग के लिए निर्धारित दर पर उपलब्ध है. राज्य ने उद्योग स्थापित करने के लिए 3,000 एकड़ का भूमि बैंक भी बनाया है.
उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था की समस्या का समाधान किया गया है. साथ ही कोलकाता और हल्दिया में बंदरगाहों के साथ-साथ झारखंड जैसे पड़ोसी राज्यों में कच्चे माल के स्रोतों और खनिज भंडार तक पहुंचने के लिए बुनियादी ढांचे के साथ लगभग चौबीसों घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है.
बिहार सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण, आईटी और आईटी-संबद्ध सेवाओं (आईटीईएस), कपड़ा और चमड़ा क्षेत्रों को उच्च प्राथमिकता के रूप में रखा है. उनमें से प्रत्येक में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग नीतियां हैं. इसके अलावा, सरकार एथनॉल और बायोगैस जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर भी बड़ा काम कर रही है.
मिश्रा ने कहा कि बिहार में बदलाव का श्रेय केंद्र और राज्य के मिलकर काम करने को जाता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली प्रगतिशील विचारधारा वाली केंद्र सरकार के साथ, क्षेत्रीय असंतुलन अब बीते दिनों की बात है. अब हर राज्य के पास मौका है.
मिश्रा ने कहा कि बिहार ने पिछले दो दशक में इस अवसर का लाभ उठाया है. एक राज्य जो लगातार कम वृद्धि दर के लिए जाना जाता था, अब राष्ट्रीय औसत से बेहतर वृद्धि दर हासिल कर रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नीति अच्छी है और सौभाग्य से बिहार में हमारा नेतृत्व इतना अच्छा रहा है कि इन 19 साल में हमने बहुत अच्छा बुनियादी ढांचा बनाया है. सही मायने में बिहार निवेशकों के लिए तैयार है.”
बिहार की स्थिति विशिष्ट है. पूर्वी और उत्तरी भारत और नेपाल के विशाल बाजारों से निकटता के कारण बिहार को स्थान-विशेष का लाभ प्राप्त है. मूल रूप से कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाले राज्य के पास एक बड़ा कृषि और पशु उत्पादन आधार है. यह कृषि आधारित यानी खाद्य प्रसंस्करण, रेशम और चाय से लेकर चमड़े और गैर-धातु खनिजों तक कई उद्योगों के लिए कच्चे माल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति करता है.
इसके अलावा, पानी की कोई समस्या नहीं है और पर्याप्त संख्या में सस्ता श्रम उपलब्ध है. मिश्रा ने कहा, ‘‘ये हमारी मुख्य ताकत है और आने वाले दिनों में, बिहार में भारत के पूरे पूर्वी हिस्से के लिए वृद्धि का प्रमुख इंजन बनने की क्षमता है. यह बिहार का समय है.”
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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काल बना स्पीड ब्रेकर, हवा में उछली स्कूटर, सड़क पर घिसट गया शख्स… देखिए हैरान करने वाला VIDEO
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नई दिल्ली:
देहरादून में घंटाघर के सामने बिना चिन्ह वाले स्पीड ब्रेकर से टकराने के बाद एक स्कूटर सवार हवा में उछला और इसके बाद वह सड़क पर गिरा. वह और उसकी स्कूटर कई मीटर तक सड़क पर सरकती हुई आगे गई. गनीमत रही कि स्कूटर सवार को कोई गंभीर चोट नहीं लगी. स्पीड ब्रेकर पर ड्राइवरों को सचेत करने के लिए उनकी मार्किंग नहीं की गई है जिसके कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
NDTV को मिले घटनास्थल के फुटेज में स्कूटर मध्यम गति से स्पीड ब्रेकर की ओर बढ़ती हुई दिख रही है. जैसे ही स्कूटर सवार स्पीड ब्रेकर से टकराता है, स्कूटर अप्रत्याशित रूप से हवा में उछल जाता है. वाहन चालक उछलकर नीचे गिर जाता है. वह कुछ देर रुकने के बाद उठता है और वहां से चला जाता है.
स्पीड ब्रेकर वाहनों की गति को नियंत्रित रखने के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन इनकी डिजाइन में दोषों के कारण यही स्पीड ब्रेकर कई दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं. देहरादून के इस स्पीड ब्रेकर की स्पष्ट मार्किंग नहीं की गई है. इसके अलावा यह अत्यधिक ऊंचा भी है. इससे चार पहियों वाले वाहनों के लिए इसे पार करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है.
उचित संकेतक और मार्किंग की कमी के कारण ड्राइवरों के लिए स्पीड ब्रेकर का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है. इससे यहां हादसे हो रहे हैं.
इस स्पीड ब्रेकर के कारण कथित तौर पर सात दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें तीन साल के एक बच्चे सहित दो लोग घायल हुए हैं.
स्पीड ब्रेकर के कारण हादसे का यह पहला मामला नहीं है. अक्टूबर में गुरुग्राम में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी. तब गोल्फ कोर्स रोड पर एक तेज रफ़्तार BMW कार नए बनाए गए स्पीड ब्रेकर पर से उछल गई थी.
कैमरे में कैद हुई इस घटना में कार जमीन से काफी ऊपर उछलती हुई दिखी थी. कार उस स्थान से करीब 15 फीट दूर जाकर गिरी थी. उसी वीडियो में दो ट्रक भी बिना किसी निशान वाले स्पीड ब्रेकर से टकराकर हवा में उछलते हुए देखे गए थे.
इस घटना को लेकर कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया पर हुई तीखी प्रतिक्रिया पर अधिकारियों ने कार्रवाई की थी. गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) ने ड्राइवरों को चेतावनी देने के लिए “आगे स्पीड ब्रेकर है” लिखा हुआ एक साइनबोर्ड लगवाया. उन्होंने स्पीड ब्रेकर की थर्मोप्लास्टिक व्हाइट पेंट से मार्किंग भी कराई थी. इस तरह पेंट करने से विशेष रूप से रात में स्पीड ब्रेकर साफ दिखाई देता है.
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