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Chhath Puja 2024: छठ व्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को दिया अर्घ्य, पटना से लेकर दिल्ली के घाटों में रौनक
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नई दिल्ली:
लोक आस्था का महापर्व छठ हर साल कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष को मनाया जाता है. गुरुवार को छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य यानी डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. 4 दिन चलने वाले छठ पर्व की शुरुआत मंगलवार को नहाय-खाय के साथ हुई थी. बुधवार को खरना प्रसाद बना. अब शुक्रवार (8 नवंबर) की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इसके साथ ही छठ महापर्व का समापन हो जाएगा.
गुरुवार को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया था. छठ वर्तियों सूप, दउरा में प्रसाद रखकर कमर तक पानी में रहकर भगवान सूर्य को सांध्य अर्घ्य दिया. दिल्ली के यमुना घाट के अलावा अस्थायी घाटों पर भी छठ पूजा की व्यवस्था की गई है. बिहार की राजधानी पटना के गंगा घाट समेत बक्सर, वैशाली, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, भागलपुर में छठ व्रतियों ने सूर्य को अर्घ्य दिया है. वहीं, कई लोगों ने अपने घरों की छत और तालाबों में भी जाकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया.
छठ महापर्व में शामिल होने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा भी पटना पहुंचे हैं. नड्डा नासरीगंज घाट से गंगा घाट छठ दर्शन के लिए जाएंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी छठ व्रतियों के बीच मौजूद रहे.
अर्घ्य देने का समय
7 नवंबर 2024 (संध्या अर्घ्य)- शाम 5:31 बजे तक
8 नवंबर 2024 (उषा अर्घ्य)- सुबह 6:38 बजे तक
बांसुरी स्वराज ने दिया अर्घ्य
नई दिल्ली से BJP सांसद बांसुरी स्वराज ने भी भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया.
#WATCH | Delhi: BJP MP Bansuri Swaraj says, “Heartiest greetings of Chhath festival to all. May the blessings of Chhathi Maiya remain on all of you, may your life be filled with happiness, peace and prosperity, this is my wish… Delhi now wants change, not excuses …” https://t.co/Csb7SOCcaA pic.twitter.com/5ZSgzjDrln
— ANI (@ANI) November 7, 2024
कोलकाता में मनाया जा रहा छठ
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के दोई घाट पर छठ पूजा मनाया जा रहा है. दोई घाट पर छठ व्रतियों ने आज डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं.
#WATCH Kolkata, West Bengal: On the third day of Chhath Puja, devotees offer ‘Arghya’ to the setting Sun and perform rituals of #ChhathPuja, at Doi Ghat in Kolkata pic.twitter.com/F0tZV7wxWI
— ANI (@ANI) November 7, 2024
दिल्ली की CM आतिशी ने मनाया छठ
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी छठ घाट पहुंचीं. उन्होंने भी भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया.
#WATCH | Delhi CM Atishi performs rituals of #ChhathPuja on the third day of Chhath Puja in Delhi. pic.twitter.com/nzZM1wBhTi
— ANI (@ANI) November 7, 2024
बिहार में खास इंतजाम
बिहार के सबसे बड़े त्योहार छठ के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पटना जिला प्रशासन ने गंगा किनारे 100 से अधिक घाटों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं. उन्होंने बताया कि पटना के विभिन्न घाटों पर कई मेडिकल कैंप भी लगाए गए हैं.

इन घाटों पर दे सकेंगे अर्घ्य
जिला प्रशासन के अनुसार कच्ची तालाब, गर्दनीबाग तालाब, मानिकचंद तालाब, अनीसाबाद और संजय गांधी जैविक उद्यान झील जैसे विभिन्न जलाशयों पर पूजा-अर्चना के लिए व्यवस्था की गई है. इसके अलावा ईको पार्क, एनर्जी पार्क, वीर कुंवर सिंह पार्क, शिवाजी पार्क, हार्डिंग पार्क, हनुमान नगर पार्क और एस के पुरी पार्क जैसे प्रमुख पार्क भी उत्सव के लिए तैयार किए गए हैं. इसके अलावा बंशी घाट, कृष्णा घाट, काली घाट, कदम घाट और पटना कॉलेज घाट समेत सभी घाटों पर अर्घ्य दिया जा सकता है.
दिल्ली में बनाए गए आर्टिफिशियल घाट
दिल्ली सरकार ने छठ पूजा के लिए आर्टिफिशियल घाट का निर्माण किया है. मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को छठ महापर्व को लेकर सरकार की ओर से किए गए इंतजाम की जानकारी दी थी. यमुना नदी में प्रदूषण के कारण हाईकोर्ट ने इसबार यहां छठ पर्व मनाने की परमिशन नहीं दी है. ऐसे में दिल्ली सरकार ने 1000 आर्टिफिशियल छठ घाटों का निर्माण किया है. आईटीओ हाथी घाट में छठ मनाया जा रहा है.
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उत्तर प्रदेश में भी सज गए घाट
छठ का पर्व यूपी और बिहार में ज्यादा मनाया जाता है. उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में छठ घाटों पर पूजा का इंतजाम किया गया है. वाराणसी के गंगा घाट, मिर्जापुर के घाटों, लखनऊ के गोमती घाट समेत सभी घाटों पर सुरक्षा के भी इंतजाम किए गए हैं. इसके अलावा कुछ अस्थायी घाट भी बनाए गए हैं.
नोएडा में यहां बनाए गए हैं छठ घाट
-नोएडा के सेक्टर-21A नोएडा स्टेडियम
-सेक्टर 31 में पूर्वांचल मित्र मंडल छठ पूजा समिति
-सेक्टर-71 शिव शक्ति छठ पूजा समिति
-सेक्टर-75 के सेंट्रल पार्क में श्री सूर्यदेव पूजा समिति
-सेक्टर 73 महादेव अपार्टमेंट छठ पूजा समिति
-सेक्टर 137 के बायो डायवर्सिटी पार्क
-सेक्टर 93 के श्रमिक कुंज
-कालिंदी कुंज
कौन हैं छठी मईयां
शास्त्रों में छठ माता को सूर्यदेव की बहन माना गया है. इस कारण से हर वर्ष छठ पर्व का भगवान सूर्य के साथ छठ माता की पूजा करने का विधान है. छठी माता हमेशा संतान की रक्षा करती हैं. इसलिए इन्हें संतान की रक्षा करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है.
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न्यायाधीशों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि न्यायाधीशों को एक संन्यासी की तरह जीवन जीना चाहिए और घोड़े की तरह काम करना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए और निर्णयों के बारे में कोई राय व्यक्त नहीं करनी चाहिए. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह मौखिक टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट की यह पीठ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दो महिला न्यायिक अधिकारियों की बर्खास्तगी से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी.
कोर्ट ने टिप्पणी की कि न्यायपालिका में दिखावटीपन के लिए कोई जगह नहीं है. पीठ ने कहा, ‘‘न्यायिक अधिकारियों को फेसबुक का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. उन्हें निर्णयों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि कल यदि निर्णय का हवाला दिया जाएगा, तो न्यायाधीश पहले ही किसी न किसी रूप में अपनी बात कह चुके होंगे.”
पीठ ने कहा, ‘‘यह एक खुला मंच है…आपको एक संत की तरह जीवन जीना होगा, पूरी मेहनत से काम करना होगा. न्यायिक अधिकारियों को बहुत सारे त्याग करने पड़ते हैं. उन्हें फेसबुक का बिल्कुल प्रयोग नहीं करना चाहिए.”
बर्खास्त महिला न्यायाधीशों में से एक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने पीठ के विचारों को दोहराते हुए कहा कि किसी भी न्यायिक अधिकारी या न्यायाधीश को न्यायिक कार्य से संबंधित कोई भी पोस्ट फेसबुक पर नहीं डालनी चाहिए.
यह टिप्पणी वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल, जो न्यायमित्र हैं, द्वारा बर्खास्त महिला न्यायाधीश के खिलाफ विभिन्न शिकायतों के बारे में पीठ के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के बाद आई. अग्रवाल ने पीठ को बताया कि महिला न्यायाधीश ने फेसबुक पर भी एक पोस्ट डाली थी.
ग्यारह नवंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने कथित असंतोषजनक प्रदर्शन के कारण राज्य सरकार द्वारा छह महिला सिविल न्यायाधीशों की बर्खास्तगी का स्वत: संज्ञान लिया था. हालांकि, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की पूर्ण अदालत ने एक अगस्त को अपने पहले के प्रस्तावों पर पुनर्विचार किया और चार अधिकारियों ज्योति वरकड़े, सुश्री सोनाक्षी जोशी, सुश्री प्रिया शर्मा और रचना अतुलकर जोशी को कुछ शर्तों के साथ बहाल करने का फैसला किया, जबकि अन्य दो अदिति कुमार शर्मा और सरिता चौधरी को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया.
शीर्ष अदालत उन न्यायाधीशों के मामलों पर विचार कर रही थी, जो क्रमशः 2018 और 2017 में मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा में शामिल हुए थे.
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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अनुकूल नीतियों, कारोबारी सुगमता से बिहार अब निवेश का आकर्षक स्थल
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पटना:
विकास के लिहाज से पिछड़े राज्यों में आने वाले बिहार की तस्वीर अब बदल रही है. राज्य अब अनूकूल नीतियों तथा कारोबारी सुगमता की वजह से निवेश का आकर्षक स्थल बन रहा है. अदाणी समूह से लेकर कोका-कोला तक ने यहां अरबों डॉलर के निवेश की घोषणाएं की हैं. निवेश के लिए और भी कंपनियां यहां आने वाली हैं.
राज्य के उद्योग और पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा बिहार को एक ऐसे राज्य में बदल रहे हैं, जो पूर्वी भारत में निवेशकों के लिए प्रवेश द्वार बन सकता है. उनका कहना है, बिहार की औद्योगिक क्षमता असीमित है. बिहार धारणा का शिकार रहा है. लेकिन अब यह बदल रहा है.
मिश्रा ने कहा कि राज्य निवेशकों को ब्याज छूट से लेकर राज्य जीएसटी की वापसी, स्टाम्प शुल्क छूट, निर्यात सब्सिडी और परिवहन, बिजली तथा भूमि शुल्क के लिए रियायतें प्रदान कर रहा है.
साथ ही न केवल अनुमोदन के समय बल्कि प्रोत्साहनों के वितरण में भी एकल खिड़की व्यवस्था के तहत मंजूरी दी जा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘किसी को सचिवालय आने की जरूरत नहीं है. किसी को सरकारी कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। हम जो भी वादा कर रहे हैं, उसे पूरा कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि बिहार राज्य भर के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित पूरी तरह से तैयार लगभग 24 लाख वर्ग फुट औद्योगिक ‘शेड’ की पेशकश कर रहा है. उसमें सभी प्रकार का बुनियादी ढांचा उपलब्ध है. यह जगह किसी भी उद्योग के लिए निर्धारित दर पर उपलब्ध है. राज्य ने उद्योग स्थापित करने के लिए 3,000 एकड़ का भूमि बैंक भी बनाया है.
उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था की समस्या का समाधान किया गया है. साथ ही कोलकाता और हल्दिया में बंदरगाहों के साथ-साथ झारखंड जैसे पड़ोसी राज्यों में कच्चे माल के स्रोतों और खनिज भंडार तक पहुंचने के लिए बुनियादी ढांचे के साथ लगभग चौबीसों घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है.
बिहार सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण, आईटी और आईटी-संबद्ध सेवाओं (आईटीईएस), कपड़ा और चमड़ा क्षेत्रों को उच्च प्राथमिकता के रूप में रखा है. उनमें से प्रत्येक में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग नीतियां हैं. इसके अलावा, सरकार एथनॉल और बायोगैस जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर भी बड़ा काम कर रही है.
मिश्रा ने कहा कि बिहार में बदलाव का श्रेय केंद्र और राज्य के मिलकर काम करने को जाता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली प्रगतिशील विचारधारा वाली केंद्र सरकार के साथ, क्षेत्रीय असंतुलन अब बीते दिनों की बात है. अब हर राज्य के पास मौका है.
मिश्रा ने कहा कि बिहार ने पिछले दो दशक में इस अवसर का लाभ उठाया है. एक राज्य जो लगातार कम वृद्धि दर के लिए जाना जाता था, अब राष्ट्रीय औसत से बेहतर वृद्धि दर हासिल कर रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नीति अच्छी है और सौभाग्य से बिहार में हमारा नेतृत्व इतना अच्छा रहा है कि इन 19 साल में हमने बहुत अच्छा बुनियादी ढांचा बनाया है. सही मायने में बिहार निवेशकों के लिए तैयार है.”
बिहार की स्थिति विशिष्ट है. पूर्वी और उत्तरी भारत और नेपाल के विशाल बाजारों से निकटता के कारण बिहार को स्थान-विशेष का लाभ प्राप्त है. मूल रूप से कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाले राज्य के पास एक बड़ा कृषि और पशु उत्पादन आधार है. यह कृषि आधारित यानी खाद्य प्रसंस्करण, रेशम और चाय से लेकर चमड़े और गैर-धातु खनिजों तक कई उद्योगों के लिए कच्चे माल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति करता है.
इसके अलावा, पानी की कोई समस्या नहीं है और पर्याप्त संख्या में सस्ता श्रम उपलब्ध है. मिश्रा ने कहा, ‘‘ये हमारी मुख्य ताकत है और आने वाले दिनों में, बिहार में भारत के पूरे पूर्वी हिस्से के लिए वृद्धि का प्रमुख इंजन बनने की क्षमता है. यह बिहार का समय है.”
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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काल बना स्पीड ब्रेकर, हवा में उछली स्कूटर, सड़क पर घिसट गया शख्स… देखिए हैरान करने वाला VIDEO
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नई दिल्ली:
देहरादून में घंटाघर के सामने बिना चिन्ह वाले स्पीड ब्रेकर से टकराने के बाद एक स्कूटर सवार हवा में उछला और इसके बाद वह सड़क पर गिरा. वह और उसकी स्कूटर कई मीटर तक सड़क पर सरकती हुई आगे गई. गनीमत रही कि स्कूटर सवार को कोई गंभीर चोट नहीं लगी. स्पीड ब्रेकर पर ड्राइवरों को सचेत करने के लिए उनकी मार्किंग नहीं की गई है जिसके कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
NDTV को मिले घटनास्थल के फुटेज में स्कूटर मध्यम गति से स्पीड ब्रेकर की ओर बढ़ती हुई दिख रही है. जैसे ही स्कूटर सवार स्पीड ब्रेकर से टकराता है, स्कूटर अप्रत्याशित रूप से हवा में उछल जाता है. वाहन चालक उछलकर नीचे गिर जाता है. वह कुछ देर रुकने के बाद उठता है और वहां से चला जाता है.
स्पीड ब्रेकर वाहनों की गति को नियंत्रित रखने के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन इनकी डिजाइन में दोषों के कारण यही स्पीड ब्रेकर कई दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं. देहरादून के इस स्पीड ब्रेकर की स्पष्ट मार्किंग नहीं की गई है. इसके अलावा यह अत्यधिक ऊंचा भी है. इससे चार पहियों वाले वाहनों के लिए इसे पार करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है.
उचित संकेतक और मार्किंग की कमी के कारण ड्राइवरों के लिए स्पीड ब्रेकर का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है. इससे यहां हादसे हो रहे हैं.
इस स्पीड ब्रेकर के कारण कथित तौर पर सात दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें तीन साल के एक बच्चे सहित दो लोग घायल हुए हैं.
स्पीड ब्रेकर के कारण हादसे का यह पहला मामला नहीं है. अक्टूबर में गुरुग्राम में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी. तब गोल्फ कोर्स रोड पर एक तेज रफ़्तार BMW कार नए बनाए गए स्पीड ब्रेकर पर से उछल गई थी.
कैमरे में कैद हुई इस घटना में कार जमीन से काफी ऊपर उछलती हुई दिखी थी. कार उस स्थान से करीब 15 फीट दूर जाकर गिरी थी. उसी वीडियो में दो ट्रक भी बिना किसी निशान वाले स्पीड ब्रेकर से टकराकर हवा में उछलते हुए देखे गए थे.
इस घटना को लेकर कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया पर हुई तीखी प्रतिक्रिया पर अधिकारियों ने कार्रवाई की थी. गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) ने ड्राइवरों को चेतावनी देने के लिए “आगे स्पीड ब्रेकर है” लिखा हुआ एक साइनबोर्ड लगवाया. उन्होंने स्पीड ब्रेकर की थर्मोप्लास्टिक व्हाइट पेंट से मार्किंग भी कराई थी. इस तरह पेंट करने से विशेष रूप से रात में स्पीड ब्रेकर साफ दिखाई देता है.
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