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समाधान बातचीत से हो… यूक्रेन युद्ध पर PM मोदी ने पुतिन के सामने फिर दोहराई शांति की बात
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कजान:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी BRICS समिट में शिरकत करने मंगलवार को रूस पहुंचे हैं. कजान में 16वें ब्रिक्स समिट का आयोजन हो रहा है. कजान में समिट से पहले PM मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेता गर्मजोशी से एक-दूसरे से मिले. PM मोदी ने पुतिन से हाथ मिलाया और फिर उनके गले मिले. इसके बाद दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय मसलों पर बातचीत हुई. मीडिया ब्रीफिंग के दौरान PM मोदी ने रूस-यूक्रेन जंग का जिक्र किया. उन्होंने पुतिन के सामने एक बार फिर से शांति की बात दोहराई है. बता दें कजान में ब्रिक्स समिट का आयोजन 23 और 24 अक्टूबर को होगा.
PM मोदी ने गर्मजोशी भरे मेहमानवाजी के लिए रूस का धन्यवाद जताया. उन्होंने कहा, “कजान शहर के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंध हैं. यहां भारत नया वाणिज्य दूतावास खोल रहा है.” पीएम मोदी ने कहा, “पिछले कुछ महीनों के दौरान मैं दूसरी बार रूस आया हूं. इस साल जुलाई में मॉस्को में मेरी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात हुई थी. दोनों देशों के बीच यह गर्मजोशी गहरे संबंधों को दर्शाता है. भारत और रूस के बीच रिश्ते और प्रगाढ़ हुए हैं.”
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बातचीत से हो रूस-यूक्रेन संकट का हल
PM मोदी ने कहा, “मैं रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे जंग को लेकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ लगातार संपर्क में हूं. भारत मानता है कि संघर्ष का समाधान शांतिपूर्ण होना चाहिए. हम मानव जाति को ध्यान में रखते हुए शांति और स्थिरता का समर्थन करते हैं. हमारी सभी कोशिश मानवता को प्रमुखता देना है. आने वाले समय में इसके लिए भारत हर संभव सहयोग देने को तैयार है.”
#WATCH | Kazan: During his meeting with Russian President Vladimir Putin, PM Modi says, “I have been in constant touch with you on the subject of the ongoing conflict between Russia and Ukraine. As I have said earlier, we believe that the problems should be resolved in a peaceful… pic.twitter.com/YT8NwdNwMJ
— ANI (@ANI) October 22, 2024
कई मुद्दों पर अच्छी चर्चा हुई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, “मुझे याद है कि हम जुलाई में मिले थे. तब कई मुद्दों पर बहुत अच्छी चर्चा हुई थी. आज भी हमने कई मुद्दों पर चर्चा की. हमने कई बार फोन पर भी बात की. इसके लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं.”
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भारत की नीतियों से दोनों देशों को होगा फायदा-पुतिन
व्लादिमीर पुतिन ने कहा, ‘इंटरगवर्नमेंटल कमीशन की अगली बैठक 12 दिसंबर को नई दिल्ली में होने वाली है. हमारे ज्वॉइंट प्रोजेक्ट पर तेजी से काम हो रहा है. PM मोदी ने कजान में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलने का फैसला किया है. हम इसका स्वागत करते हैं. भारत की नीतियों से दोनों देशों की साझेदारी और संबंधों को लाभ मिलेगा. हम आपको और आपके प्रतिनिधिमंडल को रूस में देखकर बहुत खुश हैं.”
#WATCH | Kazan, Russia: At the bilateral meeting with Prime Minister Narendra Modi, Russian President Vladimir Putin says “The next meeting of the Intergovernmental Commission is scheduled for 12 December in New Delhi. Our projects are constantly developing. You have decided to… pic.twitter.com/tqY4BtPYFh
— ANI (@ANI) October 22, 2024
शाम को BRICS लीडर्स को डिनर देंगे पुतिन
इससे पहले एयरपोर्ट पर PM मोदी का शानदार स्वागत हुआ. प्रवासी भारतीयों और बच्चियों ने PM मोदी को लड्डू और केक दिए. इसके बाद कजान के होटल पहुंचने पर उन्होंने भारतीय पोशाक पहने रूसी कलाकारों का डांस भी देखा. PM मोदी पिछले 4 महीनों में दूसरी बार रूस गए हैं. मोदी मंगलवार शाम को BRICS लीडर्स के साथ डिनर में शामिल होंगे. डिनर के दौरान उनकी यहां कई नेताओं से अनौपचारिक बात हो सकती है.
Приземлился в Казани для участия в саммите БРИКС. Этот саммит очень важен, и обсуждения на нём помогут сделать нашу планету лучше. pic.twitter.com/bWSmMApEKm
— Narendra Modi (@narendramodi) October 22, 2024
BRICS समिट में क्या-क्या होगा?
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, BRICS समिट में दो सेशन होंगे. समिट की शुरुआत बुधवार सुबह से होगी. सबसे पहले लीडर्स की क्लोज प्लेनरी यानी बंद कमरे में बातचीत होगी. इसके बाद शाम को ओपन प्लेनरी होगी. इस दौरान PM मोदी कई नेताओं से द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे. इस समिट में विदेश मंत्री एस जयशंकर भी हिस्सा ले रहे हैं.
हो सकती है जिनपिंग और PM मोदी की मुलाकात
BRICS समिट से इतर PM मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बातचीत होने की संभावना है. दोनों नेताओं के बीच आखिरी बार 2022 में इंडोनेशिया के बाली में G20 समिट के दौरान मुलाकात हुई. विदेश मंत्रालय ने सोमवार को ही जानकारी दी थी कि भारत-चीन के बीच LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर अहम समझौते पर सहमति बन गई है. इसके तहत दोनों देशों की सेनाएं 2020 में गलवान झड़प के पहले जैसी स्थिति में लौटेंगे.
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न्यायाधीशों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि न्यायाधीशों को एक संन्यासी की तरह जीवन जीना चाहिए और घोड़े की तरह काम करना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए और निर्णयों के बारे में कोई राय व्यक्त नहीं करनी चाहिए. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह मौखिक टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट की यह पीठ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दो महिला न्यायिक अधिकारियों की बर्खास्तगी से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी.
कोर्ट ने टिप्पणी की कि न्यायपालिका में दिखावटीपन के लिए कोई जगह नहीं है. पीठ ने कहा, ‘‘न्यायिक अधिकारियों को फेसबुक का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. उन्हें निर्णयों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि कल यदि निर्णय का हवाला दिया जाएगा, तो न्यायाधीश पहले ही किसी न किसी रूप में अपनी बात कह चुके होंगे.”
पीठ ने कहा, ‘‘यह एक खुला मंच है…आपको एक संत की तरह जीवन जीना होगा, पूरी मेहनत से काम करना होगा. न्यायिक अधिकारियों को बहुत सारे त्याग करने पड़ते हैं. उन्हें फेसबुक का बिल्कुल प्रयोग नहीं करना चाहिए.”
बर्खास्त महिला न्यायाधीशों में से एक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने पीठ के विचारों को दोहराते हुए कहा कि किसी भी न्यायिक अधिकारी या न्यायाधीश को न्यायिक कार्य से संबंधित कोई भी पोस्ट फेसबुक पर नहीं डालनी चाहिए.
यह टिप्पणी वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल, जो न्यायमित्र हैं, द्वारा बर्खास्त महिला न्यायाधीश के खिलाफ विभिन्न शिकायतों के बारे में पीठ के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के बाद आई. अग्रवाल ने पीठ को बताया कि महिला न्यायाधीश ने फेसबुक पर भी एक पोस्ट डाली थी.
ग्यारह नवंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने कथित असंतोषजनक प्रदर्शन के कारण राज्य सरकार द्वारा छह महिला सिविल न्यायाधीशों की बर्खास्तगी का स्वत: संज्ञान लिया था. हालांकि, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की पूर्ण अदालत ने एक अगस्त को अपने पहले के प्रस्तावों पर पुनर्विचार किया और चार अधिकारियों ज्योति वरकड़े, सुश्री सोनाक्षी जोशी, सुश्री प्रिया शर्मा और रचना अतुलकर जोशी को कुछ शर्तों के साथ बहाल करने का फैसला किया, जबकि अन्य दो अदिति कुमार शर्मा और सरिता चौधरी को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया.
शीर्ष अदालत उन न्यायाधीशों के मामलों पर विचार कर रही थी, जो क्रमशः 2018 और 2017 में मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा में शामिल हुए थे.
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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अनुकूल नीतियों, कारोबारी सुगमता से बिहार अब निवेश का आकर्षक स्थल
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पटना:
विकास के लिहाज से पिछड़े राज्यों में आने वाले बिहार की तस्वीर अब बदल रही है. राज्य अब अनूकूल नीतियों तथा कारोबारी सुगमता की वजह से निवेश का आकर्षक स्थल बन रहा है. अदाणी समूह से लेकर कोका-कोला तक ने यहां अरबों डॉलर के निवेश की घोषणाएं की हैं. निवेश के लिए और भी कंपनियां यहां आने वाली हैं.
राज्य के उद्योग और पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा बिहार को एक ऐसे राज्य में बदल रहे हैं, जो पूर्वी भारत में निवेशकों के लिए प्रवेश द्वार बन सकता है. उनका कहना है, बिहार की औद्योगिक क्षमता असीमित है. बिहार धारणा का शिकार रहा है. लेकिन अब यह बदल रहा है.
मिश्रा ने कहा कि राज्य निवेशकों को ब्याज छूट से लेकर राज्य जीएसटी की वापसी, स्टाम्प शुल्क छूट, निर्यात सब्सिडी और परिवहन, बिजली तथा भूमि शुल्क के लिए रियायतें प्रदान कर रहा है.
साथ ही न केवल अनुमोदन के समय बल्कि प्रोत्साहनों के वितरण में भी एकल खिड़की व्यवस्था के तहत मंजूरी दी जा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘किसी को सचिवालय आने की जरूरत नहीं है. किसी को सरकारी कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। हम जो भी वादा कर रहे हैं, उसे पूरा कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि बिहार राज्य भर के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित पूरी तरह से तैयार लगभग 24 लाख वर्ग फुट औद्योगिक ‘शेड’ की पेशकश कर रहा है. उसमें सभी प्रकार का बुनियादी ढांचा उपलब्ध है. यह जगह किसी भी उद्योग के लिए निर्धारित दर पर उपलब्ध है. राज्य ने उद्योग स्थापित करने के लिए 3,000 एकड़ का भूमि बैंक भी बनाया है.
उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था की समस्या का समाधान किया गया है. साथ ही कोलकाता और हल्दिया में बंदरगाहों के साथ-साथ झारखंड जैसे पड़ोसी राज्यों में कच्चे माल के स्रोतों और खनिज भंडार तक पहुंचने के लिए बुनियादी ढांचे के साथ लगभग चौबीसों घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है.
बिहार सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण, आईटी और आईटी-संबद्ध सेवाओं (आईटीईएस), कपड़ा और चमड़ा क्षेत्रों को उच्च प्राथमिकता के रूप में रखा है. उनमें से प्रत्येक में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग नीतियां हैं. इसके अलावा, सरकार एथनॉल और बायोगैस जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर भी बड़ा काम कर रही है.
मिश्रा ने कहा कि बिहार में बदलाव का श्रेय केंद्र और राज्य के मिलकर काम करने को जाता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली प्रगतिशील विचारधारा वाली केंद्र सरकार के साथ, क्षेत्रीय असंतुलन अब बीते दिनों की बात है. अब हर राज्य के पास मौका है.
मिश्रा ने कहा कि बिहार ने पिछले दो दशक में इस अवसर का लाभ उठाया है. एक राज्य जो लगातार कम वृद्धि दर के लिए जाना जाता था, अब राष्ट्रीय औसत से बेहतर वृद्धि दर हासिल कर रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नीति अच्छी है और सौभाग्य से बिहार में हमारा नेतृत्व इतना अच्छा रहा है कि इन 19 साल में हमने बहुत अच्छा बुनियादी ढांचा बनाया है. सही मायने में बिहार निवेशकों के लिए तैयार है.”
बिहार की स्थिति विशिष्ट है. पूर्वी और उत्तरी भारत और नेपाल के विशाल बाजारों से निकटता के कारण बिहार को स्थान-विशेष का लाभ प्राप्त है. मूल रूप से कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाले राज्य के पास एक बड़ा कृषि और पशु उत्पादन आधार है. यह कृषि आधारित यानी खाद्य प्रसंस्करण, रेशम और चाय से लेकर चमड़े और गैर-धातु खनिजों तक कई उद्योगों के लिए कच्चे माल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति करता है.
इसके अलावा, पानी की कोई समस्या नहीं है और पर्याप्त संख्या में सस्ता श्रम उपलब्ध है. मिश्रा ने कहा, ‘‘ये हमारी मुख्य ताकत है और आने वाले दिनों में, बिहार में भारत के पूरे पूर्वी हिस्से के लिए वृद्धि का प्रमुख इंजन बनने की क्षमता है. यह बिहार का समय है.”
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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काल बना स्पीड ब्रेकर, हवा में उछली स्कूटर, सड़क पर घिसट गया शख्स… देखिए हैरान करने वाला VIDEO
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नई दिल्ली:
देहरादून में घंटाघर के सामने बिना चिन्ह वाले स्पीड ब्रेकर से टकराने के बाद एक स्कूटर सवार हवा में उछला और इसके बाद वह सड़क पर गिरा. वह और उसकी स्कूटर कई मीटर तक सड़क पर सरकती हुई आगे गई. गनीमत रही कि स्कूटर सवार को कोई गंभीर चोट नहीं लगी. स्पीड ब्रेकर पर ड्राइवरों को सचेत करने के लिए उनकी मार्किंग नहीं की गई है जिसके कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
NDTV को मिले घटनास्थल के फुटेज में स्कूटर मध्यम गति से स्पीड ब्रेकर की ओर बढ़ती हुई दिख रही है. जैसे ही स्कूटर सवार स्पीड ब्रेकर से टकराता है, स्कूटर अप्रत्याशित रूप से हवा में उछल जाता है. वाहन चालक उछलकर नीचे गिर जाता है. वह कुछ देर रुकने के बाद उठता है और वहां से चला जाता है.
स्पीड ब्रेकर वाहनों की गति को नियंत्रित रखने के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन इनकी डिजाइन में दोषों के कारण यही स्पीड ब्रेकर कई दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं. देहरादून के इस स्पीड ब्रेकर की स्पष्ट मार्किंग नहीं की गई है. इसके अलावा यह अत्यधिक ऊंचा भी है. इससे चार पहियों वाले वाहनों के लिए इसे पार करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है.
उचित संकेतक और मार्किंग की कमी के कारण ड्राइवरों के लिए स्पीड ब्रेकर का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है. इससे यहां हादसे हो रहे हैं.
इस स्पीड ब्रेकर के कारण कथित तौर पर सात दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें तीन साल के एक बच्चे सहित दो लोग घायल हुए हैं.
स्पीड ब्रेकर के कारण हादसे का यह पहला मामला नहीं है. अक्टूबर में गुरुग्राम में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी. तब गोल्फ कोर्स रोड पर एक तेज रफ़्तार BMW कार नए बनाए गए स्पीड ब्रेकर पर से उछल गई थी.
कैमरे में कैद हुई इस घटना में कार जमीन से काफी ऊपर उछलती हुई दिखी थी. कार उस स्थान से करीब 15 फीट दूर जाकर गिरी थी. उसी वीडियो में दो ट्रक भी बिना किसी निशान वाले स्पीड ब्रेकर से टकराकर हवा में उछलते हुए देखे गए थे.
इस घटना को लेकर कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया पर हुई तीखी प्रतिक्रिया पर अधिकारियों ने कार्रवाई की थी. गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) ने ड्राइवरों को चेतावनी देने के लिए “आगे स्पीड ब्रेकर है” लिखा हुआ एक साइनबोर्ड लगवाया. उन्होंने स्पीड ब्रेकर की थर्मोप्लास्टिक व्हाइट पेंट से मार्किंग भी कराई थी. इस तरह पेंट करने से विशेष रूप से रात में स्पीड ब्रेकर साफ दिखाई देता है.
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