Blog
सीरिया में बशर के शासन का अंत, देश पर विद्रोहियों का कब्जा; जानिए अब यहां से आगे क्या हैं रास्ते
[ad_1]
नई दिल्ली:
सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद (Bashar Al Assad) के शासन के अंत के बाद देश की भविष्य को लेकर कई तरह की अनिश्चितता है. लंबे समय तक सीरिया पर शासन करने वाले बशर अल-असद की सत्ता का हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) नामक समूह के नेतृत्व में हुए हमलों के बाद समाप्ति हो गयी. बशर अल-असद अपने पिता हाफ़िज़ अल-असद के बाद 2000 में सत्ता में आए थे. हाफ़िज़ अल-असद ने लगभग तीन दशकों तक सीरिया पर मजबूत पकड़ के साथ शासन किया था. शुरुआत में उम्मीदें थीं कि बशर सीरिया में सुधार और खुलापन लाएंगे. हालांकि, बहुत जल्द ही यह उम्मीदे टूट गयी और उन्होंने अपने पिता के शासन व्यवस्था को ही कायम रखा.
विरोध प्रदर्शन को संभालने में असफल रहे अशद
सीरिया में 2011 में हुए विरोध प्रदर्शन को संभालने में असद की विफलता ने सीरिया को गृहयुद्ध में झोंक दिया. पांच लाख से अधिक लोग मारे गए, छह लाख शरणार्थी बन गए. रूस और ईरान के सैन्य समर्थन के कारण हालांकि असद उस दौरान बंटे हुए विद्रोहियों से बच गए. इस दौरान उन्हें रूस की वायुसेना और हिज़्बुल्लाह के लड़ाकों का साथ मिला.
हालांकि ईरान और रूस पर उनकी निर्भरता का असर यह हुआ कि जब रूस यूक्रेन के युद्ध में व्यस्त हो गया और ईरान भी इजरायल के साथ सर्घष में फंसा रहा इस बीच विद्रोहियों ने असद के शासन पर जोरदार हमला कर दिया. इस हमले में विद्रोही अलेप्पो, हामा और होम्स जैसे प्रमुख शहरों पर कब्जा करते हुए दामिश्क पर पहुंच गए.
किसके हाथ होगी सीरिया की कमान?
विद्रोही नेता अबू मोहम्मद अल-गोलानी, जिन्हें अब उनके असली नाम अहमद अल-शरा के नाम से जाना जाता है ने सत्ता हस्तांतरण के लिए तात्काल एक कमिटि बनाने की बात कही है. एक बयान में, अल-जलाली ने सीरियाई लोगों द्वारा चुने गए किसी भी नेतृत्व के साथ सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की है. हालांकि इन प्रयासों के बावजूद, एचटीएस का इतिहास – अल-कायदा से जुडा हुआ रहा है. ऐसे में शासन को लेकर इसकी क्षमता को लेकर संदेह देखने को मिल रहा है.

रूस को लगा है बड़ा झटका
असद का पतन मध्य पूर्व में रूसी प्रभाव के लिए एक बड़ा झटका है. 2015 में अपने हस्तक्षेप के बाद से, रूस शासन का सबसे दृढ़ समर्थक रहा है, जिसने टार्टस नौसैनिक सुविधा और लताकिया में हमीमिम एयरबेस जैसी रणनीतिक संपत्तियों को बनाए रखा है. ये अड्डे भूमध्य सागर और अफ़्रीका में शक्ति संतुलन के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं. हालांकि, रूस का सैन्य ध्यान वर्तमान में यूक्रेन में युद्ध पर केंद्रित है. सीरिया में नियंत्रण खोने से क्षेत्र में अपनी रणनीतिक पैठों की सुरक्षा करने की मॉस्को की क्षमता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

ईरान के कमजोर हो रहे हैं हालात
ईरान के लिए, असद का जाना एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है. भौगोलिक तौर पर सीरिया पर नियंत्रण कमजोर होने के कारण उसे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. ईरान को सीरिया लेबनान से जोड़ता है. यह नेटवर्क हथियारों के स्थानांतरण और क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण रहा है. इजराइल के साथ अपने हालिया संघर्ष और यमन और इराक में ईरान के प्रतिनिधियों के दबाव में हिजबुल्लाह के कमजोर होने के कारण, ईरान को झटके लगे हैं. अब उसे रणनीति बदलने पर विचार करना पड़ सकता है.

तुर्की की क्या भूमिका
असद के पतन में तुर्की की भूमिका अभी तक साफ नहीं हुई है.जबकि राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने लंबे समय से सीरियाई संघर्ष के राजनयिक समाधान की वकालत करते रहे थे. लेकिन असद ने उनके आह्वान को लगातार खारिज कर दिया था. तीस लाख से अधिक सीरियाई शरणार्थी तुर्की की में हैं. तुर्की उनकी घर वापसी चाहती है.
इजराइल की क्या है रणनीतिक सोच
इज़राइल के लिए, असद शासन का पतन अवसर और जोखिम दोनों लेकर आया है. सीरिया में ईरान के प्रमुख सहयोगी के पतन से हिजबुल्लाह के साथ उसके कनेक्शन टूट गए हैं. लेकिन एक प्रमुख शक्ति के रूप में एचटीएस का उदय नई अनिश्चितताओं को लेकर आया है. इजरायली सेना ईरान और हिजबुल्लाह द्वारा उन्नत हथियार हासिल करने के लिए अराजकता का फायदा उठाने से भी सावधान है.
ये भी पढ़ें-:
इधर सीरिया के राष्ट्रपति असद भागे रूस, तो उधर अमेरिका ISIS पर बरसाने लगा बम
[ad_2]
Source link
Share this content:
Blog
न्यायाधीशों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
[ad_1]

नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि न्यायाधीशों को एक संन्यासी की तरह जीवन जीना चाहिए और घोड़े की तरह काम करना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए और निर्णयों के बारे में कोई राय व्यक्त नहीं करनी चाहिए. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह मौखिक टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट की यह पीठ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दो महिला न्यायिक अधिकारियों की बर्खास्तगी से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी.
कोर्ट ने टिप्पणी की कि न्यायपालिका में दिखावटीपन के लिए कोई जगह नहीं है. पीठ ने कहा, ‘‘न्यायिक अधिकारियों को फेसबुक का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. उन्हें निर्णयों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि कल यदि निर्णय का हवाला दिया जाएगा, तो न्यायाधीश पहले ही किसी न किसी रूप में अपनी बात कह चुके होंगे.”
पीठ ने कहा, ‘‘यह एक खुला मंच है…आपको एक संत की तरह जीवन जीना होगा, पूरी मेहनत से काम करना होगा. न्यायिक अधिकारियों को बहुत सारे त्याग करने पड़ते हैं. उन्हें फेसबुक का बिल्कुल प्रयोग नहीं करना चाहिए.”
बर्खास्त महिला न्यायाधीशों में से एक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने पीठ के विचारों को दोहराते हुए कहा कि किसी भी न्यायिक अधिकारी या न्यायाधीश को न्यायिक कार्य से संबंधित कोई भी पोस्ट फेसबुक पर नहीं डालनी चाहिए.
यह टिप्पणी वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल, जो न्यायमित्र हैं, द्वारा बर्खास्त महिला न्यायाधीश के खिलाफ विभिन्न शिकायतों के बारे में पीठ के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के बाद आई. अग्रवाल ने पीठ को बताया कि महिला न्यायाधीश ने फेसबुक पर भी एक पोस्ट डाली थी.
ग्यारह नवंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने कथित असंतोषजनक प्रदर्शन के कारण राज्य सरकार द्वारा छह महिला सिविल न्यायाधीशों की बर्खास्तगी का स्वत: संज्ञान लिया था. हालांकि, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की पूर्ण अदालत ने एक अगस्त को अपने पहले के प्रस्तावों पर पुनर्विचार किया और चार अधिकारियों ज्योति वरकड़े, सुश्री सोनाक्षी जोशी, सुश्री प्रिया शर्मा और रचना अतुलकर जोशी को कुछ शर्तों के साथ बहाल करने का फैसला किया, जबकि अन्य दो अदिति कुमार शर्मा और सरिता चौधरी को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया.
शीर्ष अदालत उन न्यायाधीशों के मामलों पर विचार कर रही थी, जो क्रमशः 2018 और 2017 में मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा में शामिल हुए थे.
(इनपुट एजेंसियों से भी)
यह भी पढ़ें –
इलाहाबाद HC के जज ने ऐसा क्या कहा? उठी महाभियोग की मांग; जानिए पूरा मामला
महाभियोग से कैसे हटाए जाते हैं सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज, अब तक कितने प्रयास हुए हैं सफल
[ad_2]
Source link
Share this content:
Blog
अनुकूल नीतियों, कारोबारी सुगमता से बिहार अब निवेश का आकर्षक स्थल
[ad_1]

पटना:
विकास के लिहाज से पिछड़े राज्यों में आने वाले बिहार की तस्वीर अब बदल रही है. राज्य अब अनूकूल नीतियों तथा कारोबारी सुगमता की वजह से निवेश का आकर्षक स्थल बन रहा है. अदाणी समूह से लेकर कोका-कोला तक ने यहां अरबों डॉलर के निवेश की घोषणाएं की हैं. निवेश के लिए और भी कंपनियां यहां आने वाली हैं.
राज्य के उद्योग और पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा बिहार को एक ऐसे राज्य में बदल रहे हैं, जो पूर्वी भारत में निवेशकों के लिए प्रवेश द्वार बन सकता है. उनका कहना है, बिहार की औद्योगिक क्षमता असीमित है. बिहार धारणा का शिकार रहा है. लेकिन अब यह बदल रहा है.
मिश्रा ने कहा कि राज्य निवेशकों को ब्याज छूट से लेकर राज्य जीएसटी की वापसी, स्टाम्प शुल्क छूट, निर्यात सब्सिडी और परिवहन, बिजली तथा भूमि शुल्क के लिए रियायतें प्रदान कर रहा है.
साथ ही न केवल अनुमोदन के समय बल्कि प्रोत्साहनों के वितरण में भी एकल खिड़की व्यवस्था के तहत मंजूरी दी जा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘किसी को सचिवालय आने की जरूरत नहीं है. किसी को सरकारी कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। हम जो भी वादा कर रहे हैं, उसे पूरा कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि बिहार राज्य भर के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित पूरी तरह से तैयार लगभग 24 लाख वर्ग फुट औद्योगिक ‘शेड’ की पेशकश कर रहा है. उसमें सभी प्रकार का बुनियादी ढांचा उपलब्ध है. यह जगह किसी भी उद्योग के लिए निर्धारित दर पर उपलब्ध है. राज्य ने उद्योग स्थापित करने के लिए 3,000 एकड़ का भूमि बैंक भी बनाया है.
उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था की समस्या का समाधान किया गया है. साथ ही कोलकाता और हल्दिया में बंदरगाहों के साथ-साथ झारखंड जैसे पड़ोसी राज्यों में कच्चे माल के स्रोतों और खनिज भंडार तक पहुंचने के लिए बुनियादी ढांचे के साथ लगभग चौबीसों घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है.
बिहार सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण, आईटी और आईटी-संबद्ध सेवाओं (आईटीईएस), कपड़ा और चमड़ा क्षेत्रों को उच्च प्राथमिकता के रूप में रखा है. उनमें से प्रत्येक में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग नीतियां हैं. इसके अलावा, सरकार एथनॉल और बायोगैस जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर भी बड़ा काम कर रही है.
मिश्रा ने कहा कि बिहार में बदलाव का श्रेय केंद्र और राज्य के मिलकर काम करने को जाता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली प्रगतिशील विचारधारा वाली केंद्र सरकार के साथ, क्षेत्रीय असंतुलन अब बीते दिनों की बात है. अब हर राज्य के पास मौका है.
मिश्रा ने कहा कि बिहार ने पिछले दो दशक में इस अवसर का लाभ उठाया है. एक राज्य जो लगातार कम वृद्धि दर के लिए जाना जाता था, अब राष्ट्रीय औसत से बेहतर वृद्धि दर हासिल कर रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नीति अच्छी है और सौभाग्य से बिहार में हमारा नेतृत्व इतना अच्छा रहा है कि इन 19 साल में हमने बहुत अच्छा बुनियादी ढांचा बनाया है. सही मायने में बिहार निवेशकों के लिए तैयार है.”
बिहार की स्थिति विशिष्ट है. पूर्वी और उत्तरी भारत और नेपाल के विशाल बाजारों से निकटता के कारण बिहार को स्थान-विशेष का लाभ प्राप्त है. मूल रूप से कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाले राज्य के पास एक बड़ा कृषि और पशु उत्पादन आधार है. यह कृषि आधारित यानी खाद्य प्रसंस्करण, रेशम और चाय से लेकर चमड़े और गैर-धातु खनिजों तक कई उद्योगों के लिए कच्चे माल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति करता है.
इसके अलावा, पानी की कोई समस्या नहीं है और पर्याप्त संख्या में सस्ता श्रम उपलब्ध है. मिश्रा ने कहा, ‘‘ये हमारी मुख्य ताकत है और आने वाले दिनों में, बिहार में भारत के पूरे पूर्वी हिस्से के लिए वृद्धि का प्रमुख इंजन बनने की क्षमता है. यह बिहार का समय है.”
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
[ad_2]
Source link
Share this content:
Blog
काल बना स्पीड ब्रेकर, हवा में उछली स्कूटर, सड़क पर घिसट गया शख्स… देखिए हैरान करने वाला VIDEO
[ad_1]

नई दिल्ली:
देहरादून में घंटाघर के सामने बिना चिन्ह वाले स्पीड ब्रेकर से टकराने के बाद एक स्कूटर सवार हवा में उछला और इसके बाद वह सड़क पर गिरा. वह और उसकी स्कूटर कई मीटर तक सड़क पर सरकती हुई आगे गई. गनीमत रही कि स्कूटर सवार को कोई गंभीर चोट नहीं लगी. स्पीड ब्रेकर पर ड्राइवरों को सचेत करने के लिए उनकी मार्किंग नहीं की गई है जिसके कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
NDTV को मिले घटनास्थल के फुटेज में स्कूटर मध्यम गति से स्पीड ब्रेकर की ओर बढ़ती हुई दिख रही है. जैसे ही स्कूटर सवार स्पीड ब्रेकर से टकराता है, स्कूटर अप्रत्याशित रूप से हवा में उछल जाता है. वाहन चालक उछलकर नीचे गिर जाता है. वह कुछ देर रुकने के बाद उठता है और वहां से चला जाता है.
स्पीड ब्रेकर वाहनों की गति को नियंत्रित रखने के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन इनकी डिजाइन में दोषों के कारण यही स्पीड ब्रेकर कई दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं. देहरादून के इस स्पीड ब्रेकर की स्पष्ट मार्किंग नहीं की गई है. इसके अलावा यह अत्यधिक ऊंचा भी है. इससे चार पहियों वाले वाहनों के लिए इसे पार करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है.
उचित संकेतक और मार्किंग की कमी के कारण ड्राइवरों के लिए स्पीड ब्रेकर का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है. इससे यहां हादसे हो रहे हैं.
इस स्पीड ब्रेकर के कारण कथित तौर पर सात दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें तीन साल के एक बच्चे सहित दो लोग घायल हुए हैं.
स्पीड ब्रेकर के कारण हादसे का यह पहला मामला नहीं है. अक्टूबर में गुरुग्राम में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी. तब गोल्फ कोर्स रोड पर एक तेज रफ़्तार BMW कार नए बनाए गए स्पीड ब्रेकर पर से उछल गई थी.
कैमरे में कैद हुई इस घटना में कार जमीन से काफी ऊपर उछलती हुई दिखी थी. कार उस स्थान से करीब 15 फीट दूर जाकर गिरी थी. उसी वीडियो में दो ट्रक भी बिना किसी निशान वाले स्पीड ब्रेकर से टकराकर हवा में उछलते हुए देखे गए थे.
इस घटना को लेकर कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया पर हुई तीखी प्रतिक्रिया पर अधिकारियों ने कार्रवाई की थी. गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) ने ड्राइवरों को चेतावनी देने के लिए “आगे स्पीड ब्रेकर है” लिखा हुआ एक साइनबोर्ड लगवाया. उन्होंने स्पीड ब्रेकर की थर्मोप्लास्टिक व्हाइट पेंट से मार्किंग भी कराई थी. इस तरह पेंट करने से विशेष रूप से रात में स्पीड ब्रेकर साफ दिखाई देता है.
[ad_2]
Source link
Share this content:
-
Blog1 year ago
सोमनाथ मंदिर के पास की विवादित जमीन पर रहेगा गुजरात सरकार का कब्जा, SC का अंतरिम आदेश से इनकार
-
Blog1 year ago
Gold Price Today: आज क्या है सोने-चांदी का रेट, खरीदारी से पहले फटाफट चेक कर लें 10 ग्राम सोने का ताजा भाव
-
Blog1 year ago
महाभारत से लेकर चंद्रकांता तक, 90 के दशक के ये 15 सीरियल अब आए ओटीटी पर, देखते ही याद आ जाएगा बचपन
-
Blog1 year ago
सोशल मीडिया युवाओं के लिए हो रहा बेहद घातक, डिप्रेशन, ड्रग्स और आत्महत्या के शिकार हो रहे हैं भारतीय : शोध
-
Blog1 year ago
अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की 49 साल पुरानी फोटो वायरल, जब शोले के सेट पर स्क्रिप्ट पढ़ते हुए आए थे दो सुपरस्टार्स
-
NeurAgency6 months agoChatbot Bonanza: AI-Powered Fun in Customer Land
-
Blog1 year ago
Khan Sir Latest News: पटना में प्रदर्शन के बाद बिगड़ी खान सर की तबीयत, अस्पताल में कराया गया भर्ती | Khan Sir Latest News | Khan Sir health update | khan sir health news
-
Blog1 year ago
इजरायल-लेबनान में क्या आज होगा सीजफायर का ऐलान? रुक जाएगी 60 दिनों के लिए जंग
