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लाडकी बहिण, कारोबारी और संत… फडणवीस ने अपने शपथ ग्रहण पर बुलाए खास मेहमान, देखिए पूरी लिस्ट

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4t7ihpbg_india_625x300_05_December_24 लाडकी बहिण, कारोबारी और संत... फडणवीस ने अपने शपथ ग्रहण पर बुलाए खास मेहमान, देखिए पूरी लिस्ट


मुंबई:

महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस को नई सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है.  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस को बृहस्पतिवार शाम यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं कई गणमान्य लोगों की उपस्थिति में एक भव्य समारोह में महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलायी जायेगी. यह तीसरी बार है कि फडणवीस (54) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. सूत्रों ने यहां बताया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार एवं शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के उपमुख्यमंत्रियों के रूप में शपथ लेने की संभावना है.

शपथ ग्रहण समारोह की पूरी तैयारी कर ली गई है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं. वहीं, मेहमानों की सूची भी तैयार हो गई है. उनके  शपथ ग्रहण समारोह में PM मोदी के अलावा ‘लाडकी बहन’ योजना की 1,000 लाभार्थियों को भी आमंत्रित किया गया है. आइए जानते हैं शपथग्रहण की क्या है खास तैयारियां, कौन-कौन लोग शामिल होंगे.

42,000 लोग होंगे शामिल

भाजपा नेता प्रसाद लाड ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में करीब 42,000 लोग शामिल होंगे. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी, नौ से दस केंद्रीय मंत्री और 19 मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री समारोह में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि 40,000 भाजपा समर्थकों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है तथा विभिन्न धर्मों के नेताओं समेत 2,000 अति विशिष्ट व्यक्तियों (VVIP) के लिए अलग से बैठने की व्यवस्था की गई है. 

समारोह में शामिल होंगे ये मेहमान 

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
  • भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा
  • एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री/उपमुख्यमंत्री
  • केंद्रीय मंत्री
  • साधु-संत
  • ‘लाडली बहना’ योजना की 1,000 लाभार्थी महिलाएं
  • किसान लाभार्थी
  • उद्योग, मनोरंजन, शिक्षा और साहित्य जगत की जानी-मानी हस्तियां
  • महायुती के सभी घटक दलों- भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के कार्यकर्ता

4,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को किया गया तैनात

एक अधिकारी ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सुरक्षा के लिए 4,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था के लिए कम से कम 3,500 पुलिसकर्मियों और 520 अधिकारियों को तैनात किया गया है. 

महायुति ने हासिल किया था बहुमत

महाराष्ट्र में  20 नवंबर को हुए चुनावों में भाजपा ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त करते हुए राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 132 पर जीत हासिल की, जो राज्य में उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. शिवसेना और राकांपा और भाजपा के महायुति गठबंधन के पास 230 सीटों के साथ बहुमत है.

महाशपथ की महातैयारी

महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के बृहस्पतिवार शाम होने वाले शपथग्रहण समारोह में सुरक्षा के लिए 4,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. शपथग्रहण समारोह दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित किया जाएगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसमें शामिल होंगे.

देवेंद्र फडणवीस को बुधवार को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया, जिससे तीसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में उनके शपथग्रहण का मार्ग प्रशस्त हो गया. महायुति के सहयोगी दलों- भाजपा, शिवसेना और राकांपा के समर्थकों के बड़ी संख्या में समारोह देखने के लिए कार्यक्रम स्थल पर एकत्र होने की उम्मीद है.

भाजपा के एक नेता ने पूर्व में कहा था कि भारतीय जनता पार्टी के 40,000 समर्थकों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है तथा विभिन्न धर्मों के नेताओं सहित 2,000 अति विशिष्ट व्यक्तियों के लिए अलग से बैठने की व्यवस्था की गई है.
  •  सुरक्षा व्यवस्था के लिए कम से कम 3,500 पुलिसकर्मियों और 520 अधिकारियों को तैनात किया गया है.
  •  राज्य रिजर्व पुलिस बल (SRPF) की एक प्लाटून, त्वरित कार्रवाई दल (QRT), दंगा नियंत्रण दल, डेल्टा और बम निरोधक दस्ते को भी तैनात किया गया है.

अधिकारी ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कार्यक्रम में सुरक्षा की निगरानी करेंगे और आजाद मैदान की ओर जाने वाली सड़कों पर भारी यातायात को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था भी की गई है. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित यातायात प्रकोष्ठ के 280 से अधिक कर्मी वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करेंगे.

अधिकारी ने बताया कि कार्यक्रम के मद्देनजर कुछ मार्गों पर यातायात भी परिवर्तित किया गया है.उन्होंने कहा कि चूंकि आजाद मैदान में पार्किंग की कोई सुविधा नहीं है, इसलिए यातायात पुलिस ने लोगों से सार्वजनिक परिवहन, विशेषकर लोकल ट्रेन का उपयोग करने का अनुरोध किया है.


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न्यायाधीशों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

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mpojkr1k_court-generic-fourt-files-generic-files-in-court-pixabay_625x300_11_October_22 न्यायाधीशों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट


नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि न्यायाधीशों को एक संन्यासी की तरह जीवन जीना चाहिए और घोड़े की तरह काम करना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए और निर्णयों के बारे में कोई राय व्यक्त नहीं करनी चाहिए. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह मौखिक टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट की यह पीठ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दो महिला न्यायिक अधिकारियों की बर्खास्तगी से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी.

कोर्ट ने टिप्पणी की कि न्यायपालिका में दिखावटीपन के लिए कोई जगह नहीं है. पीठ ने कहा, ‘‘न्यायिक अधिकारियों को फेसबुक का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. उन्हें निर्णयों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि कल यदि निर्णय का हवाला दिया जाएगा, तो न्यायाधीश पहले ही किसी न किसी रूप में अपनी बात कह चुके होंगे.”

पीठ ने कहा, ‘‘यह एक खुला मंच है…आपको एक संत की तरह जीवन जीना होगा, पूरी मेहनत से काम करना होगा. न्यायिक अधिकारियों को बहुत सारे त्याग करने पड़ते हैं. उन्हें फेसबुक का बिल्कुल प्रयोग नहीं करना चाहिए.”

बर्खास्त महिला न्यायाधीशों में से एक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने पीठ के विचारों को दोहराते हुए कहा कि किसी भी न्यायिक अधिकारी या न्यायाधीश को न्यायिक कार्य से संबंधित कोई भी पोस्ट फेसबुक पर नहीं डालनी चाहिए.

यह टिप्पणी वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल, जो न्यायमित्र हैं, द्वारा बर्खास्त महिला न्यायाधीश के खिलाफ विभिन्न शिकायतों के बारे में पीठ के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के बाद आई. अग्रवाल ने पीठ को बताया कि महिला न्यायाधीश ने फेसबुक पर भी एक पोस्ट डाली थी.

ग्यारह नवंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने कथित असंतोषजनक प्रदर्शन के कारण राज्य सरकार द्वारा छह महिला सिविल न्यायाधीशों की बर्खास्तगी का स्वत: संज्ञान लिया था. हालांकि, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की पूर्ण अदालत ने एक अगस्त को अपने पहले के प्रस्तावों पर पुनर्विचार किया और चार अधिकारियों ज्योति वरकड़े, सुश्री सोनाक्षी जोशी, सुश्री प्रिया शर्मा और रचना अतुलकर जोशी को कुछ शर्तों के साथ बहाल करने का फैसला किया, जबकि अन्य दो अदिति कुमार शर्मा और सरिता चौधरी को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया.

शीर्ष अदालत उन न्यायाधीशों के मामलों पर विचार कर रही थी, जो क्रमशः 2018 और 2017 में मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा में शामिल हुए थे.
(इनपुट एजेंसियों से भी)

यह भी पढ़ें –

इलाहाबाद HC के जज ने ऐसा क्या कहा? उठी महाभियोग की मांग; जानिए पूरा मामला

महाभियोग से कैसे हटाए जाते हैं सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज, अब तक कितने प्रयास हुए हैं सफल 



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अनुकूल नीतियों, कारोबारी सुगमता से बिहार अब निवेश का आकर्षक स्थल

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240lhlho_nitish-kumar_625x300_30_August_24 अनुकूल नीतियों, कारोबारी सुगमता से बिहार अब निवेश का आकर्षक स्थल


पटना:

 विकास के लिहाज से पिछड़े राज्यों में आने वाले बिहार की तस्वीर अब बदल रही है. राज्य अब अनूकूल नीतियों तथा कारोबारी सुगमता की वजह से निवेश का आकर्षक स्थल बन रहा है. अदाणी समूह से लेकर कोका-कोला तक ने यहां अरबों डॉलर के निवेश की घोषणाएं की हैं. निवेश के लिए और भी कंपनियां यहां आने वाली हैं.

राज्य के उद्योग और पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा बिहार को एक ऐसे राज्य में बदल रहे हैं, जो पूर्वी भारत में निवेशकों के लिए प्रवेश द्वार बन सकता है. उनका कहना है, बिहार की औद्योगिक क्षमता असीमित है. बिहार धारणा का शिकार रहा है. लेकिन अब यह बदल रहा है.

अदाणी समूह ने राज्य में 8,700 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है, जबकि अंबुजा सीमेंट्स 1,200 करोड़ रुपये की इकाई स्थापित कर रही है. कोका-कोला अपनी बोतलबंद क्षमता का विस्तार कर रही है.

मिश्रा ने कहा कि राज्य निवेशकों को ब्याज छूट से लेकर राज्य जीएसटी की वापसी, स्टाम्प शुल्क छूट, निर्यात सब्सिडी और परिवहन, बिजली तथा भूमि शुल्क के लिए रियायतें प्रदान कर रहा है.

साथ ही न केवल अनुमोदन के समय बल्कि प्रोत्साहनों के वितरण में भी एकल खिड़की व्यवस्था के तहत मंजूरी दी जा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘किसी को सचिवालय आने की जरूरत नहीं है. किसी को सरकारी कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। हम जो भी वादा कर रहे हैं, उसे पूरा कर रहे हैं.”

उद्योग मंत्री ने कहा कि राजकोषीय प्रोत्साहनों का वितरण बिना किसी दरवाजे पर दस्तक दिए हर तिमाही में होता है. साथ ही किसी भी तरह की चूक से बचने के लिए नियमित निगरानी की जाती है.

उन्होंने कहा कि बिहार राज्य भर के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित पूरी तरह से तैयार लगभग 24 लाख वर्ग फुट औद्योगिक ‘शेड’ की पेशकश कर रहा है. उसमें सभी प्रकार का बुनियादी ढांचा उपलब्ध है. यह जगह किसी भी उद्योग के लिए निर्धारित दर पर उपलब्ध है. राज्य ने उद्योग स्थापित करने के लिए 3,000 एकड़ का भूमि बैंक भी बनाया है.

उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था की समस्या का समाधान किया गया है. साथ ही कोलकाता और हल्दिया में बंदरगाहों के साथ-साथ झारखंड जैसे पड़ोसी राज्यों में कच्चे माल के स्रोतों और खनिज भंडार तक पहुंचने के लिए बुनियादी ढांचे के साथ लगभग चौबीसों घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है.

मिश्रा ने कहा कि राज्य में 19-20 दिसंबर को होने वाले ‘बिजनेस कनेक्ट’ 2024 निवेशक शिखर सम्मेलन के दूसरे संस्करण में बिहार की नीतियों और उपलब्धियों का रखा जाएगा. उल्लेखनीय है कि निवेशक सम्मेलन का पहला संस्करण काफी सफल रहा था. उसमें निवेशकों ने 35,000 करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धताएं जताई थीं.

बिहार सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण, आईटी और आईटी-संबद्ध सेवाओं (आईटीईएस), कपड़ा और चमड़ा क्षेत्रों को उच्च प्राथमिकता के रूप में रखा है. उनमें से प्रत्येक में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग नीतियां हैं. इसके अलावा, सरकार एथनॉल और बायोगैस जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर भी बड़ा काम कर रही है.

मिश्रा ने कहा कि बिहार में बदलाव का श्रेय केंद्र और राज्य के मिलकर काम करने को जाता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली प्रगतिशील विचारधारा वाली केंद्र सरकार के साथ, क्षेत्रीय असंतुलन अब बीते दिनों की बात है. अब हर राज्य के पास मौका है.

मिश्रा ने कहा कि बिहार ने पिछले दो दशक में इस अवसर का लाभ उठाया है. एक राज्य जो लगातार कम वृद्धि दर के लिए जाना जाता था, अब राष्ट्रीय औसत से बेहतर वृद्धि दर हासिल कर रहा है.

राज्य ने सड़कों और राजमार्गों से लेकर गोदामों और बड़े फूड पार्क, चमड़ा प्रसंस्करण केंद्र, एकीकृत विनिर्माण संकुल और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क तक बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है. यह अब दो विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) का निर्माण कर रहा है.

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नीति अच्छी है और सौभाग्य से बिहार में हमारा नेतृत्व इतना अच्छा रहा है कि इन 19 साल में हमने बहुत अच्छा बुनियादी ढांचा बनाया है. सही मायने में बिहार निवेशकों के लिए तैयार है.”

बिहार की स्थिति विशिष्ट है. पूर्वी और उत्तरी भारत और नेपाल के विशाल बाजारों से निकटता के कारण बिहार को स्थान-विशेष का लाभ प्राप्त है. मूल रूप से कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाले राज्य के पास एक बड़ा कृषि और पशु उत्पादन आधार है. यह कृषि आधारित यानी खाद्य प्रसंस्करण, रेशम और चाय से लेकर चमड़े और गैर-धातु खनिजों तक कई उद्योगों के लिए कच्चे माल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति करता है.

इसके अलावा, पानी की कोई समस्या नहीं है और पर्याप्त संख्या में सस्ता श्रम उपलब्ध है. मिश्रा ने कहा, ‘‘ये हमारी मुख्य ताकत है और आने वाले दिनों में, बिहार में भारत के पूरे पूर्वी हिस्से के लिए वृद्धि का प्रमुख इंजन बनने की क्षमता है. यह बिहार का समय है.”

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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काल बना स्पीड ब्रेकर, हवा में उछली स्कूटर, सड़क पर घिसट गया शख्स… देखिए हैरान करने वाला VIDEO

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a7l2srbg_dehradun_625x300_12_December_24 काल बना स्पीड ब्रेकर, हवा में उछली स्कूटर, सड़क पर घिसट गया शख्स... देखिए हैरान करने वाला VIDEO


नई दिल्ली:

देहरादून में घंटाघर के सामने बिना चिन्ह वाले स्पीड ब्रेकर से टकराने के बाद एक स्कूटर सवार हवा में उछला और इसके बाद वह सड़क पर गिरा. वह और उसकी स्कूटर कई मीटर तक सड़क पर सरकती हुई आगे गई. गनीमत रही कि स्कूटर सवार को कोई गंभीर चोट नहीं लगी. स्पीड ब्रेकर पर ड्राइवरों को सचेत करने के लिए उनकी मार्किंग नहीं की गई है जिसके कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

NDTV को मिले घटनास्थल के फुटेज में स्कूटर मध्यम गति से स्पीड ब्रेकर की ओर बढ़ती हुई दिख रही है. जैसे ही स्कूटर सवार स्पीड ब्रेकर से टकराता है, स्कूटर अप्रत्याशित रूप से हवा में उछल जाता है. वाहन चालक उछलकर नीचे गिर जाता है. वह कुछ देर रुकने के बाद उठता है और वहां से चला जाता है.

स्पीड ब्रेकर वाहनों की गति को नियंत्रित रखने के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन इनकी डिजाइन में दोषों के कारण यही स्पीड ब्रेकर कई दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं. देहरादून के इस स्पीड ब्रेकर की स्पष्ट मार्किंग नहीं की गई है. इसके अलावा यह अत्यधिक ऊंचा भी है. इससे चार पहियों वाले वाहनों के लिए इसे पार करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है.

उचित संकेतक और मार्किंग की कमी के कारण ड्राइवरों के लिए स्पीड ब्रेकर का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है. इससे यहां हादसे हो रहे हैं.

इस स्पीड ब्रेकर के कारण कथित तौर पर सात दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें तीन साल के एक बच्चे सहित दो लोग घायल हुए हैं.

स्पीड ब्रेकर के कारण हादसे का यह पहला मामला नहीं है. अक्टूबर में गुरुग्राम में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी. तब गोल्फ कोर्स रोड पर एक तेज रफ़्तार BMW कार नए बनाए गए स्पीड ब्रेकर पर से उछल गई थी.

कैमरे में कैद हुई इस घटना में कार जमीन से काफी ऊपर उछलती हुई दिखी थी. कार उस स्थान से करीब 15 फीट दूर जाकर गिरी थी. उसी वीडियो में दो ट्रक भी बिना किसी निशान वाले स्पीड ब्रेकर से टकराकर हवा में उछलते हुए देखे गए थे.

इस घटना को लेकर कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया पर हुई तीखी प्रतिक्रिया पर अधिकारियों ने कार्रवाई की थी. गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) ने ड्राइवरों को चेतावनी देने के लिए “आगे स्पीड ब्रेकर है” लिखा हुआ एक साइनबोर्ड लगवाया. उन्होंने स्पीड ब्रेकर की थर्मोप्लास्टिक व्हाइट पेंट से मार्किंग भी कराई थी. इस तरह पेंट करने से विशेष रूप से रात में स्पीड ब्रेकर साफ दिखाई देता है.




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