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फिर बेसमेंट खुलेंगे फिर हम मरेंगे…; कोचिंग हादसे को लेकर जबरन प्रदर्शन स्थल से हटाए जाने पर छलका छात्र का दर्द
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नई दिल्ली:
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर में UPSC की तैयारी कर रही 3 छात्रों की मौत पर सड़क से संसद तक हंगामा जारी है. मुद्दा संसद में भी गूंज रहा है और सड़क भी छात्र इंसाफ के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. बुधवार सुबह राजेंद्र नगर में प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस ने हटाना शुरू किया, तो वे भड़क गए. छात्रों से मिलने के लिए एमसीडी के एडिशनल कमिश्नर डॉक्टर थॉमस भी पहुंचे थे. कुछ छात्र धरना स्थल पर मौजूद थे, वहीं अधिकतर को पुलिस अपने साथ गाड़ी में ले गई. छात्र अभी भी अपनी मांगों के साथ धरनास्थल पर जमे हुए हैं. वहां मौजूद छात्रों से एनडीटीवी ने खास बातचीत की…
बेसमेंट फिर खुलेगा और लोग फिर मरेंगे…
प्रदर्शन में शामिल छात्र ने कहा कि हम कैसे पढ़ाई कर लें, ये हमें हटने को बोल रहे हैं. बेसमेंट फिर से खुल जाएगा, फिर से वहीं रिपीट होगा. फिर लोग मरेंगे. उसके बाद आश्वासना दिया जाएगा कि ये सही हो गया ये गलत हो गया है. आखिर कब सही होगा. मुखर्जीनगर में सालभर से यही चल रहा है. हमारी मांगों पर आश्वासन तक नहीं मिला. अगर हमें भरोसा चला जाए तो हम वापस चले जाएंगे. हमें लिखित में कुछ नहीं बताया गया. मेन्स के टाइम भी बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस इलाके में ना सिर्फ कोचिंग सेंटर बंद पड़े हैं बल्कि मार्किट भी बंद है.
प्रदर्शन करने पर दी जा रही धमकी
प्रदर्शन कर रहे एमपी के एक छात्र ने कहा कि शिक्षा के ठेकेदार सामने आए. कोचिंग सेंटर के डायरेक्टर सामने आए. प्रशासन के अधिकारी लोग सामने आए. जब वो सामने आएंगे तब हम अपनी मांग रखेंगे. जो हमारे भाई बहन गुजरे हैं, उन्हें पांच करोड़ का मुआवजा दिया जाए. पीड़ित परिवारों को एक जॉब दी जाए. सहारनुपर के एक छात्र ने कहा कि हमें प्रदर्शन की इजाजत नहीं मिली. अगर हम प्रोटेस्ट करते हैं तो हमारे ऊपर एफआईआर की बात कही जाती है. जो बच्चे प्रदर्शन से जुड़ने आते हैं, उन्हें भी डराया जाता है.
एक अन्य छात्र ने कहा कि हम अपनी टीम का इंतजार कर रहे हैं फिर हम चक्का जाम करेंगे. हम चौराहे पर बैठेंगे जब तक लोगों को दिक्कत नहीं होगी. तब तक ये हमारी नहीं सुनेंगे. कोई अधिकारी नहीं आया. हम बैठे हैं, लेकिन बात करने नहीं आ रहे. एक अन्य छात्र ने कहा कि पुलिस हमारे साथ धक्का मुक्की करती है. रात में भी गाड़ी लेके प्रशासन के लोग आए और खराब सलूक किया. हमें साइड ले जाके कहते हैं कि तुम अगर प्रदर्शन में रहोंगे तो एफआईआर कर देंगे तुम्हारा करियर खराब हो जाएगा. हम तो पढ़ाई करने आए हैं.
दिल्ली पुलिस इस मामले में कड़ी कार्रवाई की बात कह रही है. राजेंद्र नगर में रविवार को विरोध प्रदर्शन कर रहे कुछ छात्रों को हिरासत में ले लिया गया था. ये छात्र इलाके के एक कोचिंग सेंटर में सिविल सेवा की तैयारी करने वाले तीन अभ्यर्थियों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई और उनके परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे थे. प्रदर्शनकारियों ने ‘‘हमें न्याय चाहिए” जैसे नारे लगाते हुए करोल बाग मेट्रो स्टेशन के पास सड़क को रोक दिया था, जिससे क्षेत्र में यातायात जाम हो गया.
छात्रों और पुलिस के बीच धक्कामुक्की
प्रदर्शन के दौरान छात्रों और पुलिस के बीच धक्कामुक्की हुई, जिसके बाद कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया और बस में ले जाया गया था. प्रदर्शनकारियों के वहां से हटने के बाद पुलिस ने यातायात की आवाजाही फिर से शुरू कर दी. पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ‘बॉडी कैमरा’ और ड्रोन का भी इस्तेमाल किया.
पुलिस उपायुक्त (मध्य) एम हर्षवर्धन ने बताया कि शनिवार शाम से ही ओल्ड राजेंद्र नगर में छात्रों ने घटना के विरोध में सड़क को अवरुद्ध कर दिया था. हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘हम उनकी (प्रदर्शनकारियों की) भावनाओं को समझते हैं और उनके साथ रचनात्मक तरीके से बातचीत कर रहे हैं, ताकि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे. उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस और प्रशासन दोनों ने बार-बार छात्रों से मुख्य सड़क को अवरुद्ध न करने का अनुरोध किया. चूंकि उन्होंने एक घंटे के बाद भी मुख्य सड़क को खाली करने से इनकार कर दिया, इसलिए लोगों को हो रही असुविधा और पास के अस्पतालों में अवरोध को देखते हुए उन्हें वहां से हटा दिया गया.”
कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में डूबने से 3 छात्रों की मौत
शनिवार शाम दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में भारी बारिश के बाद कोचिंग सेंटर राव आईएएस स्टडी सर्किल की इमारत के बेसमेंट में पानी भर जाने से उत्तर प्रदेश के आंबेडकर नगर की श्रेया यादव, तेलंगाना की तान्या सोनी और केरल के एर्नाकुलम के नवीन दलविन की मौत हो गई. प्रदर्शन स्थल पर, सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले और कोचिंग छात्र अमन सक्सेना ने कहा, ‘‘यदि अधिकारी हमारी मांगें नहीं मानेंगे तो हम आगे प्रदर्शन करने और अपनी मांगों पर जोर देने के लिए जंतर-मंतर जाएंगे.” छात्रों ने कहा कि हम सिर्फ उन तीन छात्रों के लिए न्याय चाहते हैं, जिन्होंने इस घटना में अपनी जान गंवा दी।. यहां भारी संख्या में पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं, हम देश का भविष्य हैं और जो सही है, उसकी मांग कर रहे हैं.”
छात्रों ने एमसीडी को भी दोषी ठहराया
प्रदर्शनकारियों ने इस घटना के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को भी दोषी ठहराया. उन्होंने एमसीडी के खिलाफ नारे लगाए और मांग की कि निगम आयुक्त उनसे मिलें. इलाके में एक कोचिंग संस्थान के छात्र तमिलनाडु निवासी गुनासीलन ने कहा कि छात्र लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं, लेकिन उन्हें उचित सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. गुनासीलन ने कहा, ‘‘मैं यूपीएससी कोचिंग के लिए तमिलनाडु से यहां आया हूं. हम लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं और हमें उचित सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. मेरे परिवार को इस घटना के बारे में पता चला और उन्होंने मुझे फोन किया, मैंने उन्हें बताया कि मैं ठीक हूं.”
सिविल सेवा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत ने छात्रों में आक्रोश पैदा कर दिया है और दिल्ली सरकार से जवाबदेही की मांग की है. ‘राव आईएएस स्टडी सर्किल’ और अन्य संस्थानों के छात्रों ने इस घटना पर अपना रोष जताते हुए कहा कि इससे शहर भर के कोचिंग सेंटर में सुरक्षा खामी उजागर हुई है. उन्होंने दिल्ली सरकार की ‘‘लापरवाही” पर सवाल उठाए. पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक छात्र ने कहा, ‘‘घटना की सबसे बड़ी जिम्मेदारी राव आईएएस स्टडी सर्किल की है, क्योंकि घटना वहीं हुई.”
ये भी पढ़ें : 4 इंच की दीवारें, कमरे में सीलन, दरवाजे पर दस्तक देती मौत… UPSC कोचिंग ले रहे छात्रों की आपबीती
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न्यायाधीशों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि न्यायाधीशों को एक संन्यासी की तरह जीवन जीना चाहिए और घोड़े की तरह काम करना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए और निर्णयों के बारे में कोई राय व्यक्त नहीं करनी चाहिए. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह मौखिक टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट की यह पीठ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दो महिला न्यायिक अधिकारियों की बर्खास्तगी से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी.
कोर्ट ने टिप्पणी की कि न्यायपालिका में दिखावटीपन के लिए कोई जगह नहीं है. पीठ ने कहा, ‘‘न्यायिक अधिकारियों को फेसबुक का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. उन्हें निर्णयों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि कल यदि निर्णय का हवाला दिया जाएगा, तो न्यायाधीश पहले ही किसी न किसी रूप में अपनी बात कह चुके होंगे.”
पीठ ने कहा, ‘‘यह एक खुला मंच है…आपको एक संत की तरह जीवन जीना होगा, पूरी मेहनत से काम करना होगा. न्यायिक अधिकारियों को बहुत सारे त्याग करने पड़ते हैं. उन्हें फेसबुक का बिल्कुल प्रयोग नहीं करना चाहिए.”
बर्खास्त महिला न्यायाधीशों में से एक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने पीठ के विचारों को दोहराते हुए कहा कि किसी भी न्यायिक अधिकारी या न्यायाधीश को न्यायिक कार्य से संबंधित कोई भी पोस्ट फेसबुक पर नहीं डालनी चाहिए.
यह टिप्पणी वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल, जो न्यायमित्र हैं, द्वारा बर्खास्त महिला न्यायाधीश के खिलाफ विभिन्न शिकायतों के बारे में पीठ के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के बाद आई. अग्रवाल ने पीठ को बताया कि महिला न्यायाधीश ने फेसबुक पर भी एक पोस्ट डाली थी.
ग्यारह नवंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने कथित असंतोषजनक प्रदर्शन के कारण राज्य सरकार द्वारा छह महिला सिविल न्यायाधीशों की बर्खास्तगी का स्वत: संज्ञान लिया था. हालांकि, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की पूर्ण अदालत ने एक अगस्त को अपने पहले के प्रस्तावों पर पुनर्विचार किया और चार अधिकारियों ज्योति वरकड़े, सुश्री सोनाक्षी जोशी, सुश्री प्रिया शर्मा और रचना अतुलकर जोशी को कुछ शर्तों के साथ बहाल करने का फैसला किया, जबकि अन्य दो अदिति कुमार शर्मा और सरिता चौधरी को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया.
शीर्ष अदालत उन न्यायाधीशों के मामलों पर विचार कर रही थी, जो क्रमशः 2018 और 2017 में मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा में शामिल हुए थे.
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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अनुकूल नीतियों, कारोबारी सुगमता से बिहार अब निवेश का आकर्षक स्थल
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पटना:
विकास के लिहाज से पिछड़े राज्यों में आने वाले बिहार की तस्वीर अब बदल रही है. राज्य अब अनूकूल नीतियों तथा कारोबारी सुगमता की वजह से निवेश का आकर्षक स्थल बन रहा है. अदाणी समूह से लेकर कोका-कोला तक ने यहां अरबों डॉलर के निवेश की घोषणाएं की हैं. निवेश के लिए और भी कंपनियां यहां आने वाली हैं.
राज्य के उद्योग और पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा बिहार को एक ऐसे राज्य में बदल रहे हैं, जो पूर्वी भारत में निवेशकों के लिए प्रवेश द्वार बन सकता है. उनका कहना है, बिहार की औद्योगिक क्षमता असीमित है. बिहार धारणा का शिकार रहा है. लेकिन अब यह बदल रहा है.
मिश्रा ने कहा कि राज्य निवेशकों को ब्याज छूट से लेकर राज्य जीएसटी की वापसी, स्टाम्प शुल्क छूट, निर्यात सब्सिडी और परिवहन, बिजली तथा भूमि शुल्क के लिए रियायतें प्रदान कर रहा है.
साथ ही न केवल अनुमोदन के समय बल्कि प्रोत्साहनों के वितरण में भी एकल खिड़की व्यवस्था के तहत मंजूरी दी जा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘किसी को सचिवालय आने की जरूरत नहीं है. किसी को सरकारी कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। हम जो भी वादा कर रहे हैं, उसे पूरा कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि बिहार राज्य भर के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित पूरी तरह से तैयार लगभग 24 लाख वर्ग फुट औद्योगिक ‘शेड’ की पेशकश कर रहा है. उसमें सभी प्रकार का बुनियादी ढांचा उपलब्ध है. यह जगह किसी भी उद्योग के लिए निर्धारित दर पर उपलब्ध है. राज्य ने उद्योग स्थापित करने के लिए 3,000 एकड़ का भूमि बैंक भी बनाया है.
उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था की समस्या का समाधान किया गया है. साथ ही कोलकाता और हल्दिया में बंदरगाहों के साथ-साथ झारखंड जैसे पड़ोसी राज्यों में कच्चे माल के स्रोतों और खनिज भंडार तक पहुंचने के लिए बुनियादी ढांचे के साथ लगभग चौबीसों घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है.
बिहार सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण, आईटी और आईटी-संबद्ध सेवाओं (आईटीईएस), कपड़ा और चमड़ा क्षेत्रों को उच्च प्राथमिकता के रूप में रखा है. उनमें से प्रत्येक में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग नीतियां हैं. इसके अलावा, सरकार एथनॉल और बायोगैस जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर भी बड़ा काम कर रही है.
मिश्रा ने कहा कि बिहार में बदलाव का श्रेय केंद्र और राज्य के मिलकर काम करने को जाता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली प्रगतिशील विचारधारा वाली केंद्र सरकार के साथ, क्षेत्रीय असंतुलन अब बीते दिनों की बात है. अब हर राज्य के पास मौका है.
मिश्रा ने कहा कि बिहार ने पिछले दो दशक में इस अवसर का लाभ उठाया है. एक राज्य जो लगातार कम वृद्धि दर के लिए जाना जाता था, अब राष्ट्रीय औसत से बेहतर वृद्धि दर हासिल कर रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नीति अच्छी है और सौभाग्य से बिहार में हमारा नेतृत्व इतना अच्छा रहा है कि इन 19 साल में हमने बहुत अच्छा बुनियादी ढांचा बनाया है. सही मायने में बिहार निवेशकों के लिए तैयार है.”
बिहार की स्थिति विशिष्ट है. पूर्वी और उत्तरी भारत और नेपाल के विशाल बाजारों से निकटता के कारण बिहार को स्थान-विशेष का लाभ प्राप्त है. मूल रूप से कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाले राज्य के पास एक बड़ा कृषि और पशु उत्पादन आधार है. यह कृषि आधारित यानी खाद्य प्रसंस्करण, रेशम और चाय से लेकर चमड़े और गैर-धातु खनिजों तक कई उद्योगों के लिए कच्चे माल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति करता है.
इसके अलावा, पानी की कोई समस्या नहीं है और पर्याप्त संख्या में सस्ता श्रम उपलब्ध है. मिश्रा ने कहा, ‘‘ये हमारी मुख्य ताकत है और आने वाले दिनों में, बिहार में भारत के पूरे पूर्वी हिस्से के लिए वृद्धि का प्रमुख इंजन बनने की क्षमता है. यह बिहार का समय है.”
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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काल बना स्पीड ब्रेकर, हवा में उछली स्कूटर, सड़क पर घिसट गया शख्स… देखिए हैरान करने वाला VIDEO
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नई दिल्ली:
देहरादून में घंटाघर के सामने बिना चिन्ह वाले स्पीड ब्रेकर से टकराने के बाद एक स्कूटर सवार हवा में उछला और इसके बाद वह सड़क पर गिरा. वह और उसकी स्कूटर कई मीटर तक सड़क पर सरकती हुई आगे गई. गनीमत रही कि स्कूटर सवार को कोई गंभीर चोट नहीं लगी. स्पीड ब्रेकर पर ड्राइवरों को सचेत करने के लिए उनकी मार्किंग नहीं की गई है जिसके कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
NDTV को मिले घटनास्थल के फुटेज में स्कूटर मध्यम गति से स्पीड ब्रेकर की ओर बढ़ती हुई दिख रही है. जैसे ही स्कूटर सवार स्पीड ब्रेकर से टकराता है, स्कूटर अप्रत्याशित रूप से हवा में उछल जाता है. वाहन चालक उछलकर नीचे गिर जाता है. वह कुछ देर रुकने के बाद उठता है और वहां से चला जाता है.
स्पीड ब्रेकर वाहनों की गति को नियंत्रित रखने के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन इनकी डिजाइन में दोषों के कारण यही स्पीड ब्रेकर कई दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं. देहरादून के इस स्पीड ब्रेकर की स्पष्ट मार्किंग नहीं की गई है. इसके अलावा यह अत्यधिक ऊंचा भी है. इससे चार पहियों वाले वाहनों के लिए इसे पार करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है.
उचित संकेतक और मार्किंग की कमी के कारण ड्राइवरों के लिए स्पीड ब्रेकर का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है. इससे यहां हादसे हो रहे हैं.
इस स्पीड ब्रेकर के कारण कथित तौर पर सात दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें तीन साल के एक बच्चे सहित दो लोग घायल हुए हैं.
स्पीड ब्रेकर के कारण हादसे का यह पहला मामला नहीं है. अक्टूबर में गुरुग्राम में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी. तब गोल्फ कोर्स रोड पर एक तेज रफ़्तार BMW कार नए बनाए गए स्पीड ब्रेकर पर से उछल गई थी.
कैमरे में कैद हुई इस घटना में कार जमीन से काफी ऊपर उछलती हुई दिखी थी. कार उस स्थान से करीब 15 फीट दूर जाकर गिरी थी. उसी वीडियो में दो ट्रक भी बिना किसी निशान वाले स्पीड ब्रेकर से टकराकर हवा में उछलते हुए देखे गए थे.
इस घटना को लेकर कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया पर हुई तीखी प्रतिक्रिया पर अधिकारियों ने कार्रवाई की थी. गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) ने ड्राइवरों को चेतावनी देने के लिए “आगे स्पीड ब्रेकर है” लिखा हुआ एक साइनबोर्ड लगवाया. उन्होंने स्पीड ब्रेकर की थर्मोप्लास्टिक व्हाइट पेंट से मार्किंग भी कराई थी. इस तरह पेंट करने से विशेष रूप से रात में स्पीड ब्रेकर साफ दिखाई देता है.
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