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झारखंड में UCC लागू करेगी BJP, जनजातीय समुदाय इसके दायरे से बाहर रखे जाएंगे: अमित शाह

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रांची:

Jharkhand Assembly Election: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को घोषणा की है कि अगर भारतीय जनता पार्टी (BJP) झारखंड में सत्ता में आई तो राज्य में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू की जाएगी, लेकिन जनजातीय समुदायों को इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा. शाह ने झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का घोषणापत्र- ‘संकल्प पत्र’- जारी करते हुए घोषणा की कि राज्य में उद्योगों और खदानों के कारण विस्थापित हुए लोगों का पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए विस्थापन आयोग का गठन किया जाएगा.

शाह ने रांची में कहा, ‘‘हमारी सरकार झारखंड में समान नागरिक संहिता लागू करेगी, लेकिन जनजातीय समुदायों को इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा. (राज्य में) झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) सरकार इस झूठ का प्रचार कर रही है कि समान नागरिक संहिता से आदिवासियों के अधिकार के अलावा उनकी संस्कृति प्रभावित होगी. यह पूरी तरह निराधार है, क्योंकि उन्हें इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा.”

उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जनजातीय समुदाय के अधिकारों पर कोई असर न पड़े.

विस्थापन आयोग का गठन होगा

उन्होंने कहा, ‘‘यदि भाजपा झारखंड में सत्ता में आती है तो वह ‘सरना धर्म कोड’ के मुद्दे पर विचार-विमर्श करेगी और उचित निर्णय लेगी. झारखंड में उद्योगों और खदानों के कारण विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिए विस्थापन आयोग का गठन किया जाएगा.”

शाह ने कहा कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो झारखंड में 2.87 लाख सरकारी नौकरियों सहित रोजगार के पांच लाख अवसर पैदा किए जाएंगे.

गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा झारखंड में घुसपैठियों से जमीन वापस लेने और अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें निर्वासित करने के लिए कानून लाएगी. उन्होंने दावा किया कि अवैध प्रवासियों से ‘माटी, बेटी, रोटी’ को खतरा है और भाजपा स्थानीय लोगों को सुरक्षा प्रदान करेगी.

शाह ने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन पश्चिम बंगाल और झारखंड में घुसपैठ को बढ़ावा दे रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकालेगी.

झारखंड में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े

शाह ने कहा, ‘‘भ्रष्ट और असंवेदनशील हेमंत सोरेन सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि इस अवधि के दौरान बलात्कार के मामलों में 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई.”

उन्होंने झामुमो नीत सरकार पर घुसपैठियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया और दावा किया कि राज्य में जनजातीय आबादी घट रही है और जनसांख्यिकी तेजी से बदल रही है.

उन्होंने ‘ऑपरेशन सुरक्षा’ की घोषणा की, जिसके तहत 2027 तक झारखंड में मानव तस्करी को समाप्त करने के अलावा राज्य से अगले दो वर्ष में नक्सलवाद को समाप्त करने का वादा किया गया.

झारखंड देश का सबसे भ्रष्ट राज्य

शाह ने कहा कि मतदाताओं को ‘‘घुसपैठियों को संरक्षण देने वाली भ्रष्ट झामुमो सरकार” और किसी को भी अवैध रूप से सीमा पार करने की अनुमति नहीं देने वाली भाजपा के बीच चयन करना होगा.

उन्होंने कहा, ‘‘हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं और तुष्टीकरण अपने चरम पर है. झारखंड देश का सबसे भ्रष्ट राज्य है.” उन्होंने कहा कि झारखंड में ‘‘प्रश्न पत्र लीक” की सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) और एसआईटी (विशेष जांच दल) से जांच कराई जाएगी और दोषियों को दंडित किया जाएगा.

भाजपा के घोषणापत्र में प्रावधान है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग-संयुक्त स्नातक स्तरीय (जेएसएससी-सीजीएल) प्रतियोगी परीक्षा रद्द कर दी जाएगी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पिछली सीजीएल परीक्षाओं एवं प्रश्नपत्रों के लीक होने के सभी प्रमुख मामलों की जांच करेगा.

इसके अलावा, इसमें झारखंड को देश में पारिस्थितिकी- पर्यटन का केंद्र बनाने का वादा किया गया है.

राज्य में 10 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करेंगे

उन्होंने कहा, ‘‘हम राज्य में 10 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करेंगे. हम 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए आयुष्मान भारत जीवन धारा योजना के तहत कवरेज को पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करेंगे. हम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बिस्तरों की संख्या 25,000 तक बढ़ाएंगे.”

शाह ने वादा किया कि अगर भाजपा राज्य में सत्ता में आती है तो झारखंड के सभी गरीबों को घर मुहैया कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुल 21 लाख घर बनाए जाएंगे, जबकि बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांग व्यक्तियों को मासिक पेंशन के रूप में 2,500 रुपये मिलेंगे.

उन्होंने कहा कि मातृत्व सुरक्षा योजना के तहत राज्य की प्रत्येक गर्भवती महिला को छह पोषण किट और 21,000 रुपये की सहायता दी जाएगी, जबकि ‘फूलो झानो पढ़ो बिटिया’ योजना के तहत गरीब और पिछड़े समुदायों की लड़कियों को ‘केजी से पीजी’ (प्रारंभिक कक्षा से परास्नातक तक) तक मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी.

हेमंत सोरेन कांग्रेस और राजद की गोद में बैठे

शाह ने दावा किया कि, ‘‘हेमंत सोरेन कांग्रेस और राजद की गोद में बैठे हैं. वह केंद्र से 1.36 लाख करोड़ रुपये का कोयला संबंधी बकाया मांग रहे हैं. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि संयुक्त प्रगतिशील सरकार (संप्रग)सरकार ने 2004 से लेकर 2014 के बीच अनुदान के रूप में केवल 84,000 करोड़ रुपये की सहायता दी थी, जबकि प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी ने 2014 से 2024 के दौरान राज्य को 3.08 लाख करोड़ रुपये दिए और इसके अलावा बुनियादी ढांचे और रेल विकास के लिए भी धन उपलब्ध कराया.”

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हर जिला मुख्यालय को राज्य की राजधानी रांची से जोड़ने के लिए रेल नेटवर्क के विस्तार के अलावा 25,000 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण सुनिश्चित करेगी.

उन्होंने कहा कि भाजपा स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को दो साल तक के लिए 2,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी.

उन्होंने कहा कि भाजपा महिलाओं को सशक्त बनाने के अपने मिशन के तहत उन्हें 2,100 रुपये प्रति माह प्रदान करने के लिए ‘गोगो-दीदी’ योजना शुरू करेगी.

संपत्ति के बैनामे की योजना फिर से शुरू होगी

शाह ने कहा कि भाजपा महिलाओं के नाम पर एक रुपये के स्टांप शुल्क पर 50 लाख रुपये तक की संपत्ति के बैनामे की योजना फिर से शुरू करेगी जिसे झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार ने खत्म कर दिया था.

उन्होंने झारखंड के गठन के 25 वर्षों को रेखांकित करते हुए भाजपा के घोषणापत्र के 25 प्रमुख बिंदुओं को जारी किया और आदिवासी लोक नायक ‘बिरसा मुंडा’ की 150वीं जयंती को रेखांकित करते हुए 150-सूत्रीय दस्तावेज जारी किया. यह घोषणापत्र लोगों के 1.82 लाख सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है.

शाह शनिवार रात राज्य की राजधानी रांची पहुंचे थे. झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में होंगे और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी.


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न्यायाधीशों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

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mpojkr1k_court-generic-fourt-files-generic-files-in-court-pixabay_625x300_11_October_22 न्यायाधीशों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट


नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि न्यायाधीशों को एक संन्यासी की तरह जीवन जीना चाहिए और घोड़े की तरह काम करना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए और निर्णयों के बारे में कोई राय व्यक्त नहीं करनी चाहिए. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह मौखिक टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट की यह पीठ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दो महिला न्यायिक अधिकारियों की बर्खास्तगी से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी.

कोर्ट ने टिप्पणी की कि न्यायपालिका में दिखावटीपन के लिए कोई जगह नहीं है. पीठ ने कहा, ‘‘न्यायिक अधिकारियों को फेसबुक का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. उन्हें निर्णयों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि कल यदि निर्णय का हवाला दिया जाएगा, तो न्यायाधीश पहले ही किसी न किसी रूप में अपनी बात कह चुके होंगे.”

पीठ ने कहा, ‘‘यह एक खुला मंच है…आपको एक संत की तरह जीवन जीना होगा, पूरी मेहनत से काम करना होगा. न्यायिक अधिकारियों को बहुत सारे त्याग करने पड़ते हैं. उन्हें फेसबुक का बिल्कुल प्रयोग नहीं करना चाहिए.”

बर्खास्त महिला न्यायाधीशों में से एक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने पीठ के विचारों को दोहराते हुए कहा कि किसी भी न्यायिक अधिकारी या न्यायाधीश को न्यायिक कार्य से संबंधित कोई भी पोस्ट फेसबुक पर नहीं डालनी चाहिए.

यह टिप्पणी वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल, जो न्यायमित्र हैं, द्वारा बर्खास्त महिला न्यायाधीश के खिलाफ विभिन्न शिकायतों के बारे में पीठ के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के बाद आई. अग्रवाल ने पीठ को बताया कि महिला न्यायाधीश ने फेसबुक पर भी एक पोस्ट डाली थी.

ग्यारह नवंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने कथित असंतोषजनक प्रदर्शन के कारण राज्य सरकार द्वारा छह महिला सिविल न्यायाधीशों की बर्खास्तगी का स्वत: संज्ञान लिया था. हालांकि, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की पूर्ण अदालत ने एक अगस्त को अपने पहले के प्रस्तावों पर पुनर्विचार किया और चार अधिकारियों ज्योति वरकड़े, सुश्री सोनाक्षी जोशी, सुश्री प्रिया शर्मा और रचना अतुलकर जोशी को कुछ शर्तों के साथ बहाल करने का फैसला किया, जबकि अन्य दो अदिति कुमार शर्मा और सरिता चौधरी को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया.

शीर्ष अदालत उन न्यायाधीशों के मामलों पर विचार कर रही थी, जो क्रमशः 2018 और 2017 में मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा में शामिल हुए थे.
(इनपुट एजेंसियों से भी)

यह भी पढ़ें –

इलाहाबाद HC के जज ने ऐसा क्या कहा? उठी महाभियोग की मांग; जानिए पूरा मामला

महाभियोग से कैसे हटाए जाते हैं सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज, अब तक कितने प्रयास हुए हैं सफल 



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अनुकूल नीतियों, कारोबारी सुगमता से बिहार अब निवेश का आकर्षक स्थल

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240lhlho_nitish-kumar_625x300_30_August_24 अनुकूल नीतियों, कारोबारी सुगमता से बिहार अब निवेश का आकर्षक स्थल


पटना:

 विकास के लिहाज से पिछड़े राज्यों में आने वाले बिहार की तस्वीर अब बदल रही है. राज्य अब अनूकूल नीतियों तथा कारोबारी सुगमता की वजह से निवेश का आकर्षक स्थल बन रहा है. अदाणी समूह से लेकर कोका-कोला तक ने यहां अरबों डॉलर के निवेश की घोषणाएं की हैं. निवेश के लिए और भी कंपनियां यहां आने वाली हैं.

राज्य के उद्योग और पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा बिहार को एक ऐसे राज्य में बदल रहे हैं, जो पूर्वी भारत में निवेशकों के लिए प्रवेश द्वार बन सकता है. उनका कहना है, बिहार की औद्योगिक क्षमता असीमित है. बिहार धारणा का शिकार रहा है. लेकिन अब यह बदल रहा है.

अदाणी समूह ने राज्य में 8,700 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है, जबकि अंबुजा सीमेंट्स 1,200 करोड़ रुपये की इकाई स्थापित कर रही है. कोका-कोला अपनी बोतलबंद क्षमता का विस्तार कर रही है.

मिश्रा ने कहा कि राज्य निवेशकों को ब्याज छूट से लेकर राज्य जीएसटी की वापसी, स्टाम्प शुल्क छूट, निर्यात सब्सिडी और परिवहन, बिजली तथा भूमि शुल्क के लिए रियायतें प्रदान कर रहा है.

साथ ही न केवल अनुमोदन के समय बल्कि प्रोत्साहनों के वितरण में भी एकल खिड़की व्यवस्था के तहत मंजूरी दी जा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘किसी को सचिवालय आने की जरूरत नहीं है. किसी को सरकारी कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। हम जो भी वादा कर रहे हैं, उसे पूरा कर रहे हैं.”

उद्योग मंत्री ने कहा कि राजकोषीय प्रोत्साहनों का वितरण बिना किसी दरवाजे पर दस्तक दिए हर तिमाही में होता है. साथ ही किसी भी तरह की चूक से बचने के लिए नियमित निगरानी की जाती है.

उन्होंने कहा कि बिहार राज्य भर के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित पूरी तरह से तैयार लगभग 24 लाख वर्ग फुट औद्योगिक ‘शेड’ की पेशकश कर रहा है. उसमें सभी प्रकार का बुनियादी ढांचा उपलब्ध है. यह जगह किसी भी उद्योग के लिए निर्धारित दर पर उपलब्ध है. राज्य ने उद्योग स्थापित करने के लिए 3,000 एकड़ का भूमि बैंक भी बनाया है.

उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था की समस्या का समाधान किया गया है. साथ ही कोलकाता और हल्दिया में बंदरगाहों के साथ-साथ झारखंड जैसे पड़ोसी राज्यों में कच्चे माल के स्रोतों और खनिज भंडार तक पहुंचने के लिए बुनियादी ढांचे के साथ लगभग चौबीसों घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है.

मिश्रा ने कहा कि राज्य में 19-20 दिसंबर को होने वाले ‘बिजनेस कनेक्ट’ 2024 निवेशक शिखर सम्मेलन के दूसरे संस्करण में बिहार की नीतियों और उपलब्धियों का रखा जाएगा. उल्लेखनीय है कि निवेशक सम्मेलन का पहला संस्करण काफी सफल रहा था. उसमें निवेशकों ने 35,000 करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धताएं जताई थीं.

बिहार सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण, आईटी और आईटी-संबद्ध सेवाओं (आईटीईएस), कपड़ा और चमड़ा क्षेत्रों को उच्च प्राथमिकता के रूप में रखा है. उनमें से प्रत्येक में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग नीतियां हैं. इसके अलावा, सरकार एथनॉल और बायोगैस जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर भी बड़ा काम कर रही है.

मिश्रा ने कहा कि बिहार में बदलाव का श्रेय केंद्र और राज्य के मिलकर काम करने को जाता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली प्रगतिशील विचारधारा वाली केंद्र सरकार के साथ, क्षेत्रीय असंतुलन अब बीते दिनों की बात है. अब हर राज्य के पास मौका है.

मिश्रा ने कहा कि बिहार ने पिछले दो दशक में इस अवसर का लाभ उठाया है. एक राज्य जो लगातार कम वृद्धि दर के लिए जाना जाता था, अब राष्ट्रीय औसत से बेहतर वृद्धि दर हासिल कर रहा है.

राज्य ने सड़कों और राजमार्गों से लेकर गोदामों और बड़े फूड पार्क, चमड़ा प्रसंस्करण केंद्र, एकीकृत विनिर्माण संकुल और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क तक बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है. यह अब दो विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) का निर्माण कर रहा है.

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नीति अच्छी है और सौभाग्य से बिहार में हमारा नेतृत्व इतना अच्छा रहा है कि इन 19 साल में हमने बहुत अच्छा बुनियादी ढांचा बनाया है. सही मायने में बिहार निवेशकों के लिए तैयार है.”

बिहार की स्थिति विशिष्ट है. पूर्वी और उत्तरी भारत और नेपाल के विशाल बाजारों से निकटता के कारण बिहार को स्थान-विशेष का लाभ प्राप्त है. मूल रूप से कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाले राज्य के पास एक बड़ा कृषि और पशु उत्पादन आधार है. यह कृषि आधारित यानी खाद्य प्रसंस्करण, रेशम और चाय से लेकर चमड़े और गैर-धातु खनिजों तक कई उद्योगों के लिए कच्चे माल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति करता है.

इसके अलावा, पानी की कोई समस्या नहीं है और पर्याप्त संख्या में सस्ता श्रम उपलब्ध है. मिश्रा ने कहा, ‘‘ये हमारी मुख्य ताकत है और आने वाले दिनों में, बिहार में भारत के पूरे पूर्वी हिस्से के लिए वृद्धि का प्रमुख इंजन बनने की क्षमता है. यह बिहार का समय है.”

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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काल बना स्पीड ब्रेकर, हवा में उछली स्कूटर, सड़क पर घिसट गया शख्स… देखिए हैरान करने वाला VIDEO

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a7l2srbg_dehradun_625x300_12_December_24 काल बना स्पीड ब्रेकर, हवा में उछली स्कूटर, सड़क पर घिसट गया शख्स... देखिए हैरान करने वाला VIDEO


नई दिल्ली:

देहरादून में घंटाघर के सामने बिना चिन्ह वाले स्पीड ब्रेकर से टकराने के बाद एक स्कूटर सवार हवा में उछला और इसके बाद वह सड़क पर गिरा. वह और उसकी स्कूटर कई मीटर तक सड़क पर सरकती हुई आगे गई. गनीमत रही कि स्कूटर सवार को कोई गंभीर चोट नहीं लगी. स्पीड ब्रेकर पर ड्राइवरों को सचेत करने के लिए उनकी मार्किंग नहीं की गई है जिसके कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

NDTV को मिले घटनास्थल के फुटेज में स्कूटर मध्यम गति से स्पीड ब्रेकर की ओर बढ़ती हुई दिख रही है. जैसे ही स्कूटर सवार स्पीड ब्रेकर से टकराता है, स्कूटर अप्रत्याशित रूप से हवा में उछल जाता है. वाहन चालक उछलकर नीचे गिर जाता है. वह कुछ देर रुकने के बाद उठता है और वहां से चला जाता है.

स्पीड ब्रेकर वाहनों की गति को नियंत्रित रखने के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन इनकी डिजाइन में दोषों के कारण यही स्पीड ब्रेकर कई दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं. देहरादून के इस स्पीड ब्रेकर की स्पष्ट मार्किंग नहीं की गई है. इसके अलावा यह अत्यधिक ऊंचा भी है. इससे चार पहियों वाले वाहनों के लिए इसे पार करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है.

उचित संकेतक और मार्किंग की कमी के कारण ड्राइवरों के लिए स्पीड ब्रेकर का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है. इससे यहां हादसे हो रहे हैं.

इस स्पीड ब्रेकर के कारण कथित तौर पर सात दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें तीन साल के एक बच्चे सहित दो लोग घायल हुए हैं.

स्पीड ब्रेकर के कारण हादसे का यह पहला मामला नहीं है. अक्टूबर में गुरुग्राम में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी. तब गोल्फ कोर्स रोड पर एक तेज रफ़्तार BMW कार नए बनाए गए स्पीड ब्रेकर पर से उछल गई थी.

कैमरे में कैद हुई इस घटना में कार जमीन से काफी ऊपर उछलती हुई दिखी थी. कार उस स्थान से करीब 15 फीट दूर जाकर गिरी थी. उसी वीडियो में दो ट्रक भी बिना किसी निशान वाले स्पीड ब्रेकर से टकराकर हवा में उछलते हुए देखे गए थे.

इस घटना को लेकर कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया पर हुई तीखी प्रतिक्रिया पर अधिकारियों ने कार्रवाई की थी. गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) ने ड्राइवरों को चेतावनी देने के लिए “आगे स्पीड ब्रेकर है” लिखा हुआ एक साइनबोर्ड लगवाया. उन्होंने स्पीड ब्रेकर की थर्मोप्लास्टिक व्हाइट पेंट से मार्किंग भी कराई थी. इस तरह पेंट करने से विशेष रूप से रात में स्पीड ब्रेकर साफ दिखाई देता है.




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