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झारखंड की 43 सीटों पर कल वोटिंग, 31 विधानसभा सीटों पर भी होगा उपचुनाव, वायानाड में प्रियंका की परीक्षा

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नई दिल्ली:

झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से 43 सीटों पर बुधवार को पहले फेज के तहत वोटिंग होनी है. इसके साथ ही 10 राज्यों की 31 विधानसभा और केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव होंगे. वायनाड लोकसभा सीट से कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा डेब्यू करने जा रही हैं. बाकी 10 राज्यों की 31 विधानसभा सीटों में से 4 सीटें SC और 6 सीटें ST के लिए आरक्षित हैं. वोटिंग सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगी. झारखंड में दूसरे फेज की वोटिंग 20 नवंबर को होनी है.

झारखंड की 15 जिलों की 43 सीटों पर बुधवार को पहले दौर में वोटिंग होनी है. राज्य में 2.6 करोड़ वोटर हैं. पहले फेज में 683 कैंडिडेट ने नॉमिनेशन किया है. इसमें से 609 पुरुष, 73 महिलाएं और एक थर्ड जेंडर प्रत्याशी हैं. पहले फेज में कुल 235 कैंडिडेट करोड़पति हैं, जबकि 174 उम्मीदवारों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं.

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वोटिंग के लिए 29562 पोलिंग बूथ
बुधवार को जिन 43 सीटों पर वोटिंग होनी है उनमें 17 जनरल, 20 ST और 6 SC सीटें हैं. राज्य में कुल 29562 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. यह पोलिंग बूथ 20,281 स्थानों पर हैं. इनमें से 5042 शहरी पोलिंग बूथ हैं. 24520 बूथ ग्रामीण इलाकों में हैं. इन 43 में से 29 सीटों को संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र घोषित किया गया है.

कितने वोटर्स?
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की मतदाता सूची में युवा मतदाताओं की तादाद में काफी इजाफा हुआ है. 18-19 वर्ष की आयु के मतदाताओं की संख्या पिछले छह महीनों में 2.55 लाख बढ़ी है.

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किन सीटों पर होनी है वोटिंग?
झारखंड में चतरा, सिमरिया, बहरागोड़ा, घाटशिला, पोटका, जुगलसलाई, जमशेदपुर ईस्ट, जमशेदपुर वेस्ट, गढ़वा, भावनाथपुर, सिसई, गुमला, विशुनपुर, बरकट्ठा, बरही, हजारीबाग, तोरपा, खूंटी, कोडरमा, मनिका, लातेहार, लोहरदगा, पांकी,डाल्टेनगंज, विश्रामपुर, छतरपुर, हुसैनाबाद, बड़कागांव, तमाड़, रांची, हटिया, कांके, मांडर, खरसावां,सिमडेगा, कोलेबिरा, चाईबासा, मंझगांव, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर और चक्रधरपुर में चुनाव होने हैं.

किस पार्टी ने उतारे कितने उम्मीदवार?
झारखंड चुनाव के पहले फेज में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 36, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने 23 , कांग्रेस ने 17, बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने 7, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने 5, जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने 2 उम्मीदवार उतारे हैं.  AJSU ने 4, LJPRB ने 1 उम्मीदवार उतारे हैं. कुल मिलाकर NDA के 43 और INDIA अलायंस के 45 कैंडिडेट हैं. इसके साथ ही 158 निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव लड़ रहे हैं.

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इन VIP कैंडिडेट की किस्मत का होगा फैसला
झारखंड चुनाव के पहले फेज में पूर्व सीएम चंपाई सोरेन सहित उनके बेटे बाबूलाल सोरेन, पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा, मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा, रघुवर दास की बहू पूर्णिमा साहू की किस्मत का फैसला होना है.

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झारखंड की हॉट सीटें
सरायकेला: चंपई सोरेन सरायकेला सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. झारखंड चुनाव से पहले अगस्त में चंपई सोरेन को हेमंत सोरेन से बगावत करने के बाद बीजेपी में शामिल किया गया था. 2005 से चंपई सोरेन यहां से लगातार विधायक रहे हैं. इससे पहले वे जेएमएम के टिकट पर जीतते आए हैं और इस बार बीजेपी के साथ हैं.

जगन्नाथपुर: यहां पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी और बीजेपी उम्मीदवार गीता कोड़ा का कांग्रेस नेता सोना राम सिंकू से मुकाबला है. रांची सीट पर 1996 से विधायक और वरिष्ठ बीजेपी नेता चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह (सीपी सिंह) के सामने झारखंड मुक्ति मोर्चा की मौजूदा राज्यसभा सांसद महुआ माजी हैं.

जमशेदपुर पूर्व: इस सीट से कांग्रेस के अजॉय कुमार का मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास की बहू और बीजेपी उम्मीदवार पूर्णिमा दास से है. अजॉय कुमार पहले पुलिस अधिकारी रह चुके हैं.

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जमशेदपुर पश्चिम: यहां से कांग्रेस के बन्ना गुप्ता का सामना जदयू नेता सरयू राय से है. बन्ना गुप्ता मंत्री रहे हैं. जबकि सरयू राय  सरयू रॉय ने जदयू का बड़ा नाम है. सरयू राय ने 2019 के चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुबर दास को हराया भी था. 

घाटशिला: इस बार घाटशिला सीट से पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को टिकट देकर मुकाबले को रोचक कर दिया है. यहां उनके सामने JMM उम्मीदवार के तौर पर राज्य के जल संसाधन मंत्री रामदास सोरेन हैं. रामदास अब तक यहां के पांच बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. इनमें दो बार वे विजयी हुए हैं.

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रांची: पहले फेज में झारखंड की राजधानी रांची में BJP और JMM के बीच कांटे की टक्कर है. यहां 1997 से BJP को जीत दिला रहे रहे सीपी सिंह और JMM से राज्यसभा सांसद महुआ माजी आमने-सामने हैं. 2019 में सीपी सिंह ने महुआ को 5,904 वोट से हराया था.

किन राज्यों की कितनी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव?
बुधवार को मध्य प्रदेश की 2, बिहार की 4, राजस्थान की 7, असम की 5, मेघालय की 1, गुजरात की 1, छत्तीसगढ़ की 1, पश्चिम बंगाल की 6, कर्नाटक की 3 और केरल की 1 विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. इसके साथ ही केरल की वायानाड लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है. वहीं, सिक्किम की 2 सीटों पर 30 अक्टूबर को ही सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) के दोनों प्रत्याशियों को निर्विरोध विजयी घोषित कर दिया गया था.

-राजस्थान की झुंझुनूं, रामगढ़, दौसा, देवली उनियारा, सलूंबर, चौरासी, खींवसर सीट पर उपचुनाव होना है.
– बिहार के रामगढ़, बेलागंज, इमामगंज और तरारी विधानसभा सीट पर भी वोटिंग होगी.
– मध्य प्रदेश की बुधनी और विजयपुर सीट पर भी वोट डाले जाएंगे.
-छत्तीसगढ़ की रायपुर दक्षिण, गुजरात की वाव, मेघालय की गाम्बेग्रे और केरल की चेलाक्कारा सीट पर वोटिंग है.
-कर्नाटक के चन्नपटना, शिग्गांव और संदूर में उपचुनाव है.
-असम की बेहाली, ढोलाई, सामागुड़ी, बोंगाईगांव और सिदली में वोट डाले जाएंगे.
-पश्चिम बंगाल की सिताई, मेदिनीपुर, नैहाटी, हारोआ, तलडांगरा, मदारीहाट में भी वोटिंग है.

झारखंड में पहले चरण में किन सीटों पर लगा है दांव, किसके बीच है टक्कर


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न्यायाधीशों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि न्यायाधीशों को एक संन्यासी की तरह जीवन जीना चाहिए और घोड़े की तरह काम करना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए और निर्णयों के बारे में कोई राय व्यक्त नहीं करनी चाहिए. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह मौखिक टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट की यह पीठ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दो महिला न्यायिक अधिकारियों की बर्खास्तगी से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी.

कोर्ट ने टिप्पणी की कि न्यायपालिका में दिखावटीपन के लिए कोई जगह नहीं है. पीठ ने कहा, ‘‘न्यायिक अधिकारियों को फेसबुक का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. उन्हें निर्णयों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि कल यदि निर्णय का हवाला दिया जाएगा, तो न्यायाधीश पहले ही किसी न किसी रूप में अपनी बात कह चुके होंगे.”

पीठ ने कहा, ‘‘यह एक खुला मंच है…आपको एक संत की तरह जीवन जीना होगा, पूरी मेहनत से काम करना होगा. न्यायिक अधिकारियों को बहुत सारे त्याग करने पड़ते हैं. उन्हें फेसबुक का बिल्कुल प्रयोग नहीं करना चाहिए.”

बर्खास्त महिला न्यायाधीशों में से एक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने पीठ के विचारों को दोहराते हुए कहा कि किसी भी न्यायिक अधिकारी या न्यायाधीश को न्यायिक कार्य से संबंधित कोई भी पोस्ट फेसबुक पर नहीं डालनी चाहिए.

यह टिप्पणी वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल, जो न्यायमित्र हैं, द्वारा बर्खास्त महिला न्यायाधीश के खिलाफ विभिन्न शिकायतों के बारे में पीठ के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के बाद आई. अग्रवाल ने पीठ को बताया कि महिला न्यायाधीश ने फेसबुक पर भी एक पोस्ट डाली थी.

ग्यारह नवंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने कथित असंतोषजनक प्रदर्शन के कारण राज्य सरकार द्वारा छह महिला सिविल न्यायाधीशों की बर्खास्तगी का स्वत: संज्ञान लिया था. हालांकि, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की पूर्ण अदालत ने एक अगस्त को अपने पहले के प्रस्तावों पर पुनर्विचार किया और चार अधिकारियों ज्योति वरकड़े, सुश्री सोनाक्षी जोशी, सुश्री प्रिया शर्मा और रचना अतुलकर जोशी को कुछ शर्तों के साथ बहाल करने का फैसला किया, जबकि अन्य दो अदिति कुमार शर्मा और सरिता चौधरी को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया.

शीर्ष अदालत उन न्यायाधीशों के मामलों पर विचार कर रही थी, जो क्रमशः 2018 और 2017 में मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा में शामिल हुए थे.
(इनपुट एजेंसियों से भी)

यह भी पढ़ें –

इलाहाबाद HC के जज ने ऐसा क्या कहा? उठी महाभियोग की मांग; जानिए पूरा मामला

महाभियोग से कैसे हटाए जाते हैं सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज, अब तक कितने प्रयास हुए हैं सफल 



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अनुकूल नीतियों, कारोबारी सुगमता से बिहार अब निवेश का आकर्षक स्थल

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240lhlho_nitish-kumar_625x300_30_August_24 अनुकूल नीतियों, कारोबारी सुगमता से बिहार अब निवेश का आकर्षक स्थल


पटना:

 विकास के लिहाज से पिछड़े राज्यों में आने वाले बिहार की तस्वीर अब बदल रही है. राज्य अब अनूकूल नीतियों तथा कारोबारी सुगमता की वजह से निवेश का आकर्षक स्थल बन रहा है. अदाणी समूह से लेकर कोका-कोला तक ने यहां अरबों डॉलर के निवेश की घोषणाएं की हैं. निवेश के लिए और भी कंपनियां यहां आने वाली हैं.

राज्य के उद्योग और पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा बिहार को एक ऐसे राज्य में बदल रहे हैं, जो पूर्वी भारत में निवेशकों के लिए प्रवेश द्वार बन सकता है. उनका कहना है, बिहार की औद्योगिक क्षमता असीमित है. बिहार धारणा का शिकार रहा है. लेकिन अब यह बदल रहा है.

अदाणी समूह ने राज्य में 8,700 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है, जबकि अंबुजा सीमेंट्स 1,200 करोड़ रुपये की इकाई स्थापित कर रही है. कोका-कोला अपनी बोतलबंद क्षमता का विस्तार कर रही है.

मिश्रा ने कहा कि राज्य निवेशकों को ब्याज छूट से लेकर राज्य जीएसटी की वापसी, स्टाम्प शुल्क छूट, निर्यात सब्सिडी और परिवहन, बिजली तथा भूमि शुल्क के लिए रियायतें प्रदान कर रहा है.

साथ ही न केवल अनुमोदन के समय बल्कि प्रोत्साहनों के वितरण में भी एकल खिड़की व्यवस्था के तहत मंजूरी दी जा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘किसी को सचिवालय आने की जरूरत नहीं है. किसी को सरकारी कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। हम जो भी वादा कर रहे हैं, उसे पूरा कर रहे हैं.”

उद्योग मंत्री ने कहा कि राजकोषीय प्रोत्साहनों का वितरण बिना किसी दरवाजे पर दस्तक दिए हर तिमाही में होता है. साथ ही किसी भी तरह की चूक से बचने के लिए नियमित निगरानी की जाती है.

उन्होंने कहा कि बिहार राज्य भर के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित पूरी तरह से तैयार लगभग 24 लाख वर्ग फुट औद्योगिक ‘शेड’ की पेशकश कर रहा है. उसमें सभी प्रकार का बुनियादी ढांचा उपलब्ध है. यह जगह किसी भी उद्योग के लिए निर्धारित दर पर उपलब्ध है. राज्य ने उद्योग स्थापित करने के लिए 3,000 एकड़ का भूमि बैंक भी बनाया है.

उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था की समस्या का समाधान किया गया है. साथ ही कोलकाता और हल्दिया में बंदरगाहों के साथ-साथ झारखंड जैसे पड़ोसी राज्यों में कच्चे माल के स्रोतों और खनिज भंडार तक पहुंचने के लिए बुनियादी ढांचे के साथ लगभग चौबीसों घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है.

मिश्रा ने कहा कि राज्य में 19-20 दिसंबर को होने वाले ‘बिजनेस कनेक्ट’ 2024 निवेशक शिखर सम्मेलन के दूसरे संस्करण में बिहार की नीतियों और उपलब्धियों का रखा जाएगा. उल्लेखनीय है कि निवेशक सम्मेलन का पहला संस्करण काफी सफल रहा था. उसमें निवेशकों ने 35,000 करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धताएं जताई थीं.

बिहार सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण, आईटी और आईटी-संबद्ध सेवाओं (आईटीईएस), कपड़ा और चमड़ा क्षेत्रों को उच्च प्राथमिकता के रूप में रखा है. उनमें से प्रत्येक में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग नीतियां हैं. इसके अलावा, सरकार एथनॉल और बायोगैस जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर भी बड़ा काम कर रही है.

मिश्रा ने कहा कि बिहार में बदलाव का श्रेय केंद्र और राज्य के मिलकर काम करने को जाता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली प्रगतिशील विचारधारा वाली केंद्र सरकार के साथ, क्षेत्रीय असंतुलन अब बीते दिनों की बात है. अब हर राज्य के पास मौका है.

मिश्रा ने कहा कि बिहार ने पिछले दो दशक में इस अवसर का लाभ उठाया है. एक राज्य जो लगातार कम वृद्धि दर के लिए जाना जाता था, अब राष्ट्रीय औसत से बेहतर वृद्धि दर हासिल कर रहा है.

राज्य ने सड़कों और राजमार्गों से लेकर गोदामों और बड़े फूड पार्क, चमड़ा प्रसंस्करण केंद्र, एकीकृत विनिर्माण संकुल और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क तक बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है. यह अब दो विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) का निर्माण कर रहा है.

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नीति अच्छी है और सौभाग्य से बिहार में हमारा नेतृत्व इतना अच्छा रहा है कि इन 19 साल में हमने बहुत अच्छा बुनियादी ढांचा बनाया है. सही मायने में बिहार निवेशकों के लिए तैयार है.”

बिहार की स्थिति विशिष्ट है. पूर्वी और उत्तरी भारत और नेपाल के विशाल बाजारों से निकटता के कारण बिहार को स्थान-विशेष का लाभ प्राप्त है. मूल रूप से कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाले राज्य के पास एक बड़ा कृषि और पशु उत्पादन आधार है. यह कृषि आधारित यानी खाद्य प्रसंस्करण, रेशम और चाय से लेकर चमड़े और गैर-धातु खनिजों तक कई उद्योगों के लिए कच्चे माल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति करता है.

इसके अलावा, पानी की कोई समस्या नहीं है और पर्याप्त संख्या में सस्ता श्रम उपलब्ध है. मिश्रा ने कहा, ‘‘ये हमारी मुख्य ताकत है और आने वाले दिनों में, बिहार में भारत के पूरे पूर्वी हिस्से के लिए वृद्धि का प्रमुख इंजन बनने की क्षमता है. यह बिहार का समय है.”

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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काल बना स्पीड ब्रेकर, हवा में उछली स्कूटर, सड़क पर घिसट गया शख्स… देखिए हैरान करने वाला VIDEO

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नई दिल्ली:

देहरादून में घंटाघर के सामने बिना चिन्ह वाले स्पीड ब्रेकर से टकराने के बाद एक स्कूटर सवार हवा में उछला और इसके बाद वह सड़क पर गिरा. वह और उसकी स्कूटर कई मीटर तक सड़क पर सरकती हुई आगे गई. गनीमत रही कि स्कूटर सवार को कोई गंभीर चोट नहीं लगी. स्पीड ब्रेकर पर ड्राइवरों को सचेत करने के लिए उनकी मार्किंग नहीं की गई है जिसके कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

NDTV को मिले घटनास्थल के फुटेज में स्कूटर मध्यम गति से स्पीड ब्रेकर की ओर बढ़ती हुई दिख रही है. जैसे ही स्कूटर सवार स्पीड ब्रेकर से टकराता है, स्कूटर अप्रत्याशित रूप से हवा में उछल जाता है. वाहन चालक उछलकर नीचे गिर जाता है. वह कुछ देर रुकने के बाद उठता है और वहां से चला जाता है.

स्पीड ब्रेकर वाहनों की गति को नियंत्रित रखने के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन इनकी डिजाइन में दोषों के कारण यही स्पीड ब्रेकर कई दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं. देहरादून के इस स्पीड ब्रेकर की स्पष्ट मार्किंग नहीं की गई है. इसके अलावा यह अत्यधिक ऊंचा भी है. इससे चार पहियों वाले वाहनों के लिए इसे पार करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है.

उचित संकेतक और मार्किंग की कमी के कारण ड्राइवरों के लिए स्पीड ब्रेकर का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है. इससे यहां हादसे हो रहे हैं.

इस स्पीड ब्रेकर के कारण कथित तौर पर सात दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें तीन साल के एक बच्चे सहित दो लोग घायल हुए हैं.

स्पीड ब्रेकर के कारण हादसे का यह पहला मामला नहीं है. अक्टूबर में गुरुग्राम में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी. तब गोल्फ कोर्स रोड पर एक तेज रफ़्तार BMW कार नए बनाए गए स्पीड ब्रेकर पर से उछल गई थी.

कैमरे में कैद हुई इस घटना में कार जमीन से काफी ऊपर उछलती हुई दिखी थी. कार उस स्थान से करीब 15 फीट दूर जाकर गिरी थी. उसी वीडियो में दो ट्रक भी बिना किसी निशान वाले स्पीड ब्रेकर से टकराकर हवा में उछलते हुए देखे गए थे.

इस घटना को लेकर कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया पर हुई तीखी प्रतिक्रिया पर अधिकारियों ने कार्रवाई की थी. गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) ने ड्राइवरों को चेतावनी देने के लिए “आगे स्पीड ब्रेकर है” लिखा हुआ एक साइनबोर्ड लगवाया. उन्होंने स्पीड ब्रेकर की थर्मोप्लास्टिक व्हाइट पेंट से मार्किंग भी कराई थी. इस तरह पेंट करने से विशेष रूप से रात में स्पीड ब्रेकर साफ दिखाई देता है.




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