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इजरायल की एयरस्ट्राइक में हमास चीफ याह्मा सिनवार की मौत, IDF ने किया दावा

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qbag8ago_yahya-sinwar-afp_625x300_07_August_24 इजरायल की एयरस्ट्राइक में हमास चीफ याह्मा सिनवार की मौत, IDF ने किया दावा


यरूशलम:

इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास (Hamas) के बीच बीते एक साल से जंग चल रही है. इजरायल ने गाजा पट्टी (Gaza Strip) में हमास के ठिकानों पर हमले तेज कर दिए हैं. गुरुवार को इजरायल की सेना ने उत्तरी गाजा में हमास के ठिकानों को निशाना बनाते हुए एयरस्ट्राइक की. इस एयर स्ट्राइक में हमास के चीफ याह्या सिनवार (Yahya Sinwar) की मौत हो गई है. इजरायल के विदेश मंत्री काट्ज ने सिनवार की मौत की पुष्टि की है. हालांकि, हमास की तरफ से इस बारे में कोई बयान आया है.

नेतन्याहू बोले- बंधकों की रिहाई होने तक लड़ते रहेंगे
सिनवार की मौत की पुष्टि के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बयान जारी किया. नेतन्याहू ने कहा- “ये जंग का बहुत अहम मोड़ है. जब तक गाजा में बंधक बनाए गए हमारे सभी नागरिकों की रिहाई नहीं होती, हम लड़ते रहेंगे.”

यरूशलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली सेना के अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की गई. बहुत मुमकिन है कि इस एयरस्ट्राइक में हमास का चीफ याह्या सिनवार भी मारा गया है. हमास के 3 लड़ाकों की लाशें मिली हैं. इनमें से एक लाश याह्या सिनवार की हो सकती है. इसके बाद इजरायली सेना ने सैंपल लेकर DNA टेस्ट के लिए भेजे थे. अब इजरायल के विदेश मंत्री ने सिनवार के मारे जाने की पुष्टि की है.

अब गाजा में न तो हमास रहेगा और न ईरान का दखल होगा
इजरायली विदेश मंत्री काट्स ने कहा, “यह इजरायल के लिए बहुत बड़ी सैन्य कामयाबी है. इजरायली सेना के लिए अहम उपलब्धि भी है. सिनवार की मौत के बाद गाजा में बंधक बनाए गए इजरायली नागरिकों की तत्काल रिहाई का रास्ता साफ हो गया है. साथ ही गाजा पट्टी में एक नई वास्तविकता उजागर हुई है. अब गाजा में न तो हमास होगा और न ही यहां पर ईरान का दखल होगा.”
 

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7 अक्टूबर 2023 को हमास के रॉकेट हमलों के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास को जड़ समेत खत्म करने का ऐलान किया था. इजरायली विदेश मंत्री ने कहा, “यह ईरान के नेतृत्व वाले चरम इस्लाम की धुरी के खिलाफ पूरी स्वतंत्र दुनिया की जीत है. इजरायल को अब पहले से कहीं अधिक आपके समर्थन और सहयोग की जरूरत है.”

हानिया, दाइफ की मौत के बाद सिनवार ही था हमास का चीफ
इससे पहले इजरायल पर 7 अक्टूबर 2023 को हमले के बड़े किरदारों की भी मौत हो चुकी है. इजरायल की एयरस्ट्राइक में हमास के पॉलिटिकल टीफ इस्माइल हानिया, हमास के मिलिट्री चीफ मोहम्मद दाइफ की मौत हो गई थी. इसी साल 31 जुलाई में हमास के मिलिट्री चीफ इस्माइल हानिया ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में शामिल होने तेहरान गए थे. समारोह के बाद हानिया तेहरान के अति सुरक्षा वाले सैन्य परिसर में रुके थे. रात में सोते समय उन्हें निशाना बनाया गया. ईरान ने इस हत्या का आरोप इजरायल पर लगाया था. हालांकि, इजरायल ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. हानिया की मौत के बाद हमास की टॉप लीडरशिप में सिर्फ सिनवार ही बचा था.

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याह्या सिनवार के बारे में जानिए
सिनवार का पूरा नाम याह्या इब्राहिम हसन सिनवार है. उसका जन्म गाजा पट्टी के दक्षिणी इलाके में खान यूनिस के रिफ्यूजी कैंप में हुआ था. जब 1948 में इजरायल अस्तित्व में आया, तब हजारों फिलिस्तीनियों को उनके पुश्तैनी घरों से निकाला गया. इनमें याह्या सिवार का परिवार भी शामिल था. सिनवार के मां-बाप इसके बाद गाजा में शरणार्थी बन गए थे. 1989 में 19 साल की उम्र में सिनवार पर हत्या का आरोप लगा था. 2 इजरायली सैनिकों की हत्या के आरोप साबित भी नहीं हुआ था, लेकिन उसे आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई थी. 

हालांकि, 2011 में इजरायली सैनिक गिलाद शालिट के बदले में 1000 से ज्यादा कैदियों की अदला-बदली के दौरान सिनवार को भी रिहा कर दिया गया था. इस दौरान सिनवार जेल में 23 साल गुजार चुका था

ईरान का करीबी, अमेरिका ने घोषित किया आतंकी
जेल से रिहा होने के बाद उसने हमास ज्वॉइन कर ली थी. उसे ‘खान यूनिस का कसाई’ भी कहा जाता है. अमेरिका ने 2015 में याह्या सिनवार को आतंकी घोषित किया था. सिनवार को ईरान का करीबी माना जाता है. ऐसी कई रिपोर्ट हैं, जिसमें दावा किया गया है कि सिनवार को ईरान फंडिंग और प्रोटेक्शन देता है.

पहले भी किया गया था याह्या सिनवार की मौत का दावा
कुछ दिन पहले इजरायल की मिलिट्री इंटेलिजेंस ने दावा किया था कि सिनवार की मौत हो चुकी है. इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) का भी कहना था कि उन्होंने 21 सितंबर को गाजा में एक स्कूल पर हमला किया था. यहां हमास का कमांड सेंटर था. इस अटैक में 22 लोग मारे गए थे. ऐसे में आशंका थी कि सिनवार की मौत भी इसी एयरस्ट्राइक में हो गई. हालांकि, बाद में सिनवार के जिंदा होने के सबूत मिले थे. खुद IDF ने इसकी तस्दीक की थी.

पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के रॉकेट हमलों के बाद याह्या सिनवार को सिर्फ एक बार ही देखा गया है. IDF के मुताबिक, सिनवार इस दौरान कई इजरायली बंधकों के साथ एक टनल से गुजर रहा था.

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मारे गए हमास के कमांडरों की लिस्ट

1. मोहम्मद दाएफ: इजराइल की मिलिट्री ने इससे पहले गाजा में हमास के ठिकानों पर हमले किए थे. गाजा के खान यूनिस इलाके में 13 जुलाई को ये हमले किए गए. इस दौरान हमास के टॉप कमांडर मोहम्मद दाएफ की मौत हो गई थी. इजरायल ने इससे पहले दाएफ को मारने की 7 बार कोशिश की थी.

मोहम्मद दाएफ को 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल में हुए रॉकेट हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता था. इस दिन हमास ने गाजा की जमीन से इजरायल की तरफ कम से कम 5 हजार से ज्यादा रॉकेट दागे थे. इन हमलों के बाद गाजा में जंग शुरू हो गई थी. हालांकि, हमास ने अब तक दाएफ की मौत की पुष्टि नहीं की है.

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2. इस्माइल हानिया: हमास चीफ इस्माइल हानिया की 31 जुलाई को ईरान की राजधानी तेहरान में हत्या कर दी गई थी. वो ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में शामिल होने गए थे. समारोह के बाद हानिया तेहरान के अति सुरक्षा वाले सैन्य परिसर में रुके थे. रात में सोते समय उन्हें निशाना बनाया गया. ईरान ने इस हत्या का आरोप इजरायल पर लगाया था. हालांकि, इजरायल ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. 

3. सालेह अल-अरौरी: 2 जनवरी 2024 को बेरूत के दक्षिणी इलाके दहियाह पर एक इजरायली ड्रोन हमले में हमास के डिप्टी चीफ सालेह अल-अरौरी की मौत हो गई थी. अरौरी हमास के आर्मी विंग क़सम ब्रिगेड के संस्थापक भी थे.

जंग में अब तक कितने लोगों की गई जान?
हमास शासित गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, एक साल से जारी इस जंग में इजरायल में अब तक 1206 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि गाजा में इजरायल के मिलिट्री ऑपरेशन में अब तक 42, 438 लोग जान गंवा चुके हैं.
 


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न्यायाधीशों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

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mpojkr1k_court-generic-fourt-files-generic-files-in-court-pixabay_625x300_11_October_22 न्यायाधीशों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट


नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि न्यायाधीशों को एक संन्यासी की तरह जीवन जीना चाहिए और घोड़े की तरह काम करना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए और निर्णयों के बारे में कोई राय व्यक्त नहीं करनी चाहिए. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह मौखिक टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट की यह पीठ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दो महिला न्यायिक अधिकारियों की बर्खास्तगी से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी.

कोर्ट ने टिप्पणी की कि न्यायपालिका में दिखावटीपन के लिए कोई जगह नहीं है. पीठ ने कहा, ‘‘न्यायिक अधिकारियों को फेसबुक का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. उन्हें निर्णयों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि कल यदि निर्णय का हवाला दिया जाएगा, तो न्यायाधीश पहले ही किसी न किसी रूप में अपनी बात कह चुके होंगे.”

पीठ ने कहा, ‘‘यह एक खुला मंच है…आपको एक संत की तरह जीवन जीना होगा, पूरी मेहनत से काम करना होगा. न्यायिक अधिकारियों को बहुत सारे त्याग करने पड़ते हैं. उन्हें फेसबुक का बिल्कुल प्रयोग नहीं करना चाहिए.”

बर्खास्त महिला न्यायाधीशों में से एक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने पीठ के विचारों को दोहराते हुए कहा कि किसी भी न्यायिक अधिकारी या न्यायाधीश को न्यायिक कार्य से संबंधित कोई भी पोस्ट फेसबुक पर नहीं डालनी चाहिए.

यह टिप्पणी वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल, जो न्यायमित्र हैं, द्वारा बर्खास्त महिला न्यायाधीश के खिलाफ विभिन्न शिकायतों के बारे में पीठ के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के बाद आई. अग्रवाल ने पीठ को बताया कि महिला न्यायाधीश ने फेसबुक पर भी एक पोस्ट डाली थी.

ग्यारह नवंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने कथित असंतोषजनक प्रदर्शन के कारण राज्य सरकार द्वारा छह महिला सिविल न्यायाधीशों की बर्खास्तगी का स्वत: संज्ञान लिया था. हालांकि, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की पूर्ण अदालत ने एक अगस्त को अपने पहले के प्रस्तावों पर पुनर्विचार किया और चार अधिकारियों ज्योति वरकड़े, सुश्री सोनाक्षी जोशी, सुश्री प्रिया शर्मा और रचना अतुलकर जोशी को कुछ शर्तों के साथ बहाल करने का फैसला किया, जबकि अन्य दो अदिति कुमार शर्मा और सरिता चौधरी को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया.

शीर्ष अदालत उन न्यायाधीशों के मामलों पर विचार कर रही थी, जो क्रमशः 2018 और 2017 में मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा में शामिल हुए थे.
(इनपुट एजेंसियों से भी)

यह भी पढ़ें –

इलाहाबाद HC के जज ने ऐसा क्या कहा? उठी महाभियोग की मांग; जानिए पूरा मामला

महाभियोग से कैसे हटाए जाते हैं सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज, अब तक कितने प्रयास हुए हैं सफल 



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अनुकूल नीतियों, कारोबारी सुगमता से बिहार अब निवेश का आकर्षक स्थल

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240lhlho_nitish-kumar_625x300_30_August_24 अनुकूल नीतियों, कारोबारी सुगमता से बिहार अब निवेश का आकर्षक स्थल


पटना:

 विकास के लिहाज से पिछड़े राज्यों में आने वाले बिहार की तस्वीर अब बदल रही है. राज्य अब अनूकूल नीतियों तथा कारोबारी सुगमता की वजह से निवेश का आकर्षक स्थल बन रहा है. अदाणी समूह से लेकर कोका-कोला तक ने यहां अरबों डॉलर के निवेश की घोषणाएं की हैं. निवेश के लिए और भी कंपनियां यहां आने वाली हैं.

राज्य के उद्योग और पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा बिहार को एक ऐसे राज्य में बदल रहे हैं, जो पूर्वी भारत में निवेशकों के लिए प्रवेश द्वार बन सकता है. उनका कहना है, बिहार की औद्योगिक क्षमता असीमित है. बिहार धारणा का शिकार रहा है. लेकिन अब यह बदल रहा है.

अदाणी समूह ने राज्य में 8,700 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है, जबकि अंबुजा सीमेंट्स 1,200 करोड़ रुपये की इकाई स्थापित कर रही है. कोका-कोला अपनी बोतलबंद क्षमता का विस्तार कर रही है.

मिश्रा ने कहा कि राज्य निवेशकों को ब्याज छूट से लेकर राज्य जीएसटी की वापसी, स्टाम्प शुल्क छूट, निर्यात सब्सिडी और परिवहन, बिजली तथा भूमि शुल्क के लिए रियायतें प्रदान कर रहा है.

साथ ही न केवल अनुमोदन के समय बल्कि प्रोत्साहनों के वितरण में भी एकल खिड़की व्यवस्था के तहत मंजूरी दी जा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘किसी को सचिवालय आने की जरूरत नहीं है. किसी को सरकारी कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। हम जो भी वादा कर रहे हैं, उसे पूरा कर रहे हैं.”

उद्योग मंत्री ने कहा कि राजकोषीय प्रोत्साहनों का वितरण बिना किसी दरवाजे पर दस्तक दिए हर तिमाही में होता है. साथ ही किसी भी तरह की चूक से बचने के लिए नियमित निगरानी की जाती है.

उन्होंने कहा कि बिहार राज्य भर के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित पूरी तरह से तैयार लगभग 24 लाख वर्ग फुट औद्योगिक ‘शेड’ की पेशकश कर रहा है. उसमें सभी प्रकार का बुनियादी ढांचा उपलब्ध है. यह जगह किसी भी उद्योग के लिए निर्धारित दर पर उपलब्ध है. राज्य ने उद्योग स्थापित करने के लिए 3,000 एकड़ का भूमि बैंक भी बनाया है.

उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था की समस्या का समाधान किया गया है. साथ ही कोलकाता और हल्दिया में बंदरगाहों के साथ-साथ झारखंड जैसे पड़ोसी राज्यों में कच्चे माल के स्रोतों और खनिज भंडार तक पहुंचने के लिए बुनियादी ढांचे के साथ लगभग चौबीसों घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है.

मिश्रा ने कहा कि राज्य में 19-20 दिसंबर को होने वाले ‘बिजनेस कनेक्ट’ 2024 निवेशक शिखर सम्मेलन के दूसरे संस्करण में बिहार की नीतियों और उपलब्धियों का रखा जाएगा. उल्लेखनीय है कि निवेशक सम्मेलन का पहला संस्करण काफी सफल रहा था. उसमें निवेशकों ने 35,000 करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धताएं जताई थीं.

बिहार सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण, आईटी और आईटी-संबद्ध सेवाओं (आईटीईएस), कपड़ा और चमड़ा क्षेत्रों को उच्च प्राथमिकता के रूप में रखा है. उनमें से प्रत्येक में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग नीतियां हैं. इसके अलावा, सरकार एथनॉल और बायोगैस जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर भी बड़ा काम कर रही है.

मिश्रा ने कहा कि बिहार में बदलाव का श्रेय केंद्र और राज्य के मिलकर काम करने को जाता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली प्रगतिशील विचारधारा वाली केंद्र सरकार के साथ, क्षेत्रीय असंतुलन अब बीते दिनों की बात है. अब हर राज्य के पास मौका है.

मिश्रा ने कहा कि बिहार ने पिछले दो दशक में इस अवसर का लाभ उठाया है. एक राज्य जो लगातार कम वृद्धि दर के लिए जाना जाता था, अब राष्ट्रीय औसत से बेहतर वृद्धि दर हासिल कर रहा है.

राज्य ने सड़कों और राजमार्गों से लेकर गोदामों और बड़े फूड पार्क, चमड़ा प्रसंस्करण केंद्र, एकीकृत विनिर्माण संकुल और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क तक बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है. यह अब दो विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) का निर्माण कर रहा है.

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नीति अच्छी है और सौभाग्य से बिहार में हमारा नेतृत्व इतना अच्छा रहा है कि इन 19 साल में हमने बहुत अच्छा बुनियादी ढांचा बनाया है. सही मायने में बिहार निवेशकों के लिए तैयार है.”

बिहार की स्थिति विशिष्ट है. पूर्वी और उत्तरी भारत और नेपाल के विशाल बाजारों से निकटता के कारण बिहार को स्थान-विशेष का लाभ प्राप्त है. मूल रूप से कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाले राज्य के पास एक बड़ा कृषि और पशु उत्पादन आधार है. यह कृषि आधारित यानी खाद्य प्रसंस्करण, रेशम और चाय से लेकर चमड़े और गैर-धातु खनिजों तक कई उद्योगों के लिए कच्चे माल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति करता है.

इसके अलावा, पानी की कोई समस्या नहीं है और पर्याप्त संख्या में सस्ता श्रम उपलब्ध है. मिश्रा ने कहा, ‘‘ये हमारी मुख्य ताकत है और आने वाले दिनों में, बिहार में भारत के पूरे पूर्वी हिस्से के लिए वृद्धि का प्रमुख इंजन बनने की क्षमता है. यह बिहार का समय है.”

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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काल बना स्पीड ब्रेकर, हवा में उछली स्कूटर, सड़क पर घिसट गया शख्स… देखिए हैरान करने वाला VIDEO

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नई दिल्ली:

देहरादून में घंटाघर के सामने बिना चिन्ह वाले स्पीड ब्रेकर से टकराने के बाद एक स्कूटर सवार हवा में उछला और इसके बाद वह सड़क पर गिरा. वह और उसकी स्कूटर कई मीटर तक सड़क पर सरकती हुई आगे गई. गनीमत रही कि स्कूटर सवार को कोई गंभीर चोट नहीं लगी. स्पीड ब्रेकर पर ड्राइवरों को सचेत करने के लिए उनकी मार्किंग नहीं की गई है जिसके कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

NDTV को मिले घटनास्थल के फुटेज में स्कूटर मध्यम गति से स्पीड ब्रेकर की ओर बढ़ती हुई दिख रही है. जैसे ही स्कूटर सवार स्पीड ब्रेकर से टकराता है, स्कूटर अप्रत्याशित रूप से हवा में उछल जाता है. वाहन चालक उछलकर नीचे गिर जाता है. वह कुछ देर रुकने के बाद उठता है और वहां से चला जाता है.

स्पीड ब्रेकर वाहनों की गति को नियंत्रित रखने के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन इनकी डिजाइन में दोषों के कारण यही स्पीड ब्रेकर कई दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं. देहरादून के इस स्पीड ब्रेकर की स्पष्ट मार्किंग नहीं की गई है. इसके अलावा यह अत्यधिक ऊंचा भी है. इससे चार पहियों वाले वाहनों के लिए इसे पार करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है.

उचित संकेतक और मार्किंग की कमी के कारण ड्राइवरों के लिए स्पीड ब्रेकर का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है. इससे यहां हादसे हो रहे हैं.

इस स्पीड ब्रेकर के कारण कथित तौर पर सात दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें तीन साल के एक बच्चे सहित दो लोग घायल हुए हैं.

स्पीड ब्रेकर के कारण हादसे का यह पहला मामला नहीं है. अक्टूबर में गुरुग्राम में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी. तब गोल्फ कोर्स रोड पर एक तेज रफ़्तार BMW कार नए बनाए गए स्पीड ब्रेकर पर से उछल गई थी.

कैमरे में कैद हुई इस घटना में कार जमीन से काफी ऊपर उछलती हुई दिखी थी. कार उस स्थान से करीब 15 फीट दूर जाकर गिरी थी. उसी वीडियो में दो ट्रक भी बिना किसी निशान वाले स्पीड ब्रेकर से टकराकर हवा में उछलते हुए देखे गए थे.

इस घटना को लेकर कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया पर हुई तीखी प्रतिक्रिया पर अधिकारियों ने कार्रवाई की थी. गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) ने ड्राइवरों को चेतावनी देने के लिए “आगे स्पीड ब्रेकर है” लिखा हुआ एक साइनबोर्ड लगवाया. उन्होंने स्पीड ब्रेकर की थर्मोप्लास्टिक व्हाइट पेंट से मार्किंग भी कराई थी. इस तरह पेंट करने से विशेष रूप से रात में स्पीड ब्रेकर साफ दिखाई देता है.




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